देहरादून: फेमस कंटेंट क्रिएटर, इन्फ्लुएंसर और एक्टर अंकुश बहुगुणा को साइबर ठगों ने 42 घंटे तक डिजिटल अरेस्ट किया. अंकुश ने खुद उन डरावने 42 घंटों की एक-एक कहानी इंस्टाग्राम पोस्ट में शेयर की है. उन्होंने लोगों से कहा कि न्यूज को लेकर जागरुक रहें. अपने आसपास होने वाली घटनाओं के प्रति सचेत रहें. बता दें कि, अंकुश मूल रूप से देहरादून के रहने वाले हैं लेकिन वो वर्तमान में मुंबई रहते हैं.
एक्टर अंकुश बहुगुणा हुए डिजिटल अरेस्ट: अंकुश बहुगुणा ने इंस्टाग्राम पर जो शेयर किया, उसका मजमून इस प्रकार है- मैं पिछले तीन दिन से सोशल मीडिया और हर जगह से लापता था. मुझे कुछ साइबर ठगों ने डिजिटल अरेस्ट कर लिया था. मैंने पैसा और अपना मानस्कि स्वासथ्य खोया. मैं 42 घंटे के करीब डिजिटल अरेस्ट में रहा.
अंकुश ने सुनाई पूरी कहानी: तीन दिन पहले जिम से लौटने के बाद मेरे पास एक ऑटोमेटेड कॉल आई. उसने कहा कि आपकी कूरियर डिलिवरी कैंसिल हो गई है. सपोर्ट के लिए प्लस जीरो दबाएं. प्लस जीरो नंबर दबाते ही मैंने अपने जीवन की सबसे बड़ी गलती कर ली. कस्टमर नंबर सपोर्ट को मैंने बताया कि इस तरह से मेरे पास फोन आया.
ऐसे साइबर ठगों ने किया डिजिटल अरेस्ट: उस कथित कस्टमर सपोर्ट ने कहा कि आपके पैकेज जो आप चाइना भेज रहे थे उसमें आपत्तिजनक सामान मिला है. कस्टम ने उस पैकेट को पकड़ लिया. मैं डर गया. मैंने कहा मैंने कोई पैकेज नहीं भेजा है. उन्होंने कहा कि आपके पास सिर्फ एक घंटा है और पुलिस आपको पकड़ लेगी. इसके बाद उसने उस कॉल को वीडियो कॉल पर ट्रांसफर कर दिया.
42 घंटे धमकाते रहे: उसके बाद एक कथित पुलिस अफसर ने मुझसे कहा कि आपके नाम पर कई फ्रॉड केस रजिस्टर्ड हैं. उसने कुछ क्रिमिनल्स के नाम लेकर मुझसे पूछताछ शुरू कर दी. उसने कई ऐसे आरोप मुझ पर लगा दिए कि मैं घबरा गया. उसने कहा कि तुम एक प्राइम सस्पैक्ट हो. मेरे दिमाग ने काम करना बंद कर दिया. उसने मुझे और मेरे परिवार की जान को खतरा बताया. उसने कहा कि अब आप सेल्फ कस्टडी में हैं. इसके बाद उन्होंने मुझे मेरे मन से कोई काम करने की अनुमति नहीं दी. इस दौरान वो धमकाते रहे.
इसमें सबसे बड़ी बात ये थी कि अगर आपने एक झूठ को माना तो वो आप पर 10 और झूठ थोप देते थे. वो लगातार गिरफ्तारी की धमकी देते रहते थे. मैं इस तरह उनके सम्मोहन में फंस गया कि जो वो कहते, मैं करता जाता.
ऐसे डिजिटल अरेस्ट से बाहर निकले अंकुश: उनके टॉर्चर से थक हारकर मुझे नींद आ गई. अचानक नींद खुली तो मुझे अपने लोगों के कुछ मैसेज दिखे. उन्होंने मैसेज में कहा कि ऐसा लग रहा है तुम डिजिटल अरेस्ट में हो. इससे मेरा दिमाग थोड़ा डायवर्ट हुआ. जैसे ही उन्होंने मुझे जगा देखा वो पूछने लगे कि आप किसका मैसेज पढ़ रहे हो. तब तक मैं थोड़ा योजना बना चुका था. इसके बाद में उनके जाल से निकल गया.
अंकुश ने लोगों को डिजिटल अरेस्ट से किया सावधान: इसे शेयर कर रहा हूँ ताकि दूसरों को वो सब न सहना पड़े जो मैंने सहा. मैं खुद को बहुत भाग्यशाली मानता हूँ कि मेरे पास ऐसे मजबूत सहज ज्ञान वाले दोस्त हैं, जिन्होंने मेरे व्यवहार में बदलाव को तब भी नोटिस किया जब उन्हें मुझसे "मैं ठीक हूँ" संदेश मिल रहे थे. उन्होंने सचमुच उस दिन मुझे बचाया। कल्पना करें कि अगर वे मुझे ढूँढने नहीं आए होते या सुराग नहीं ढूँढ़ते! मैं शायद अभी भी उस साइबर अरेस्ट में होता और अपना सारा पैसा खो देता। कृपया इस घोटाले से सावधान रहें। मुझे पता है कि आप में से बहुत से लोग इसके बारे में जानते हैं, लेकिन मुझे नहीं लगता कि बहुत से लोग इस बात को समझते हैं कि ये घोटालेबाज आपको नियंत्रित करने के लिए किस हद तक जा सकते हैं! #साइबरअरेस्ट.
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