जोधपुर: केंद्रीय पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत का कहना है कि संजीवनी मामले में मेरे और मेरे परिवार की कोई भूमिका नहीं थी. पूर्व सीएम अशोक गहलोत का नाम लिए बगैर शेखावत ने कहा कि सिर्फ और सिर्फ अपने पुत्र की हार से परेशान एवं अपनी सिमटती राजनीति को बचाए रखने के लिए शासन व्यवस्था का दुरुपयोग कर मुझे फंसाने का प्रयास किया गया था, लेकिन अब न्याय की जीत हुई है.
शेखावत गुरुवार को जोधपुर आए. उन्होंने यहां पत्रकारों से बाचतीत में पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का नाम लिए बिना कहा कि मेरी दिवंगत माताजी के लिए सर्किट हाउस में जिन शब्दों का प्रयोग किया गया कि मुझे मानहानि का मुकदमा दर्ज करवाना पड़ा, जो अभी भी चल रहा हैं. इतना ही नहीं पूर्व सीएम गहलोत के ओएसडी ने कल दिल्ली में कई महत्वपूर्ण सबूत जांच एजेंसी को सौंपे हैं. उन्होंने पूरा खुलासा किया है कि पूर्व सीएम किस तरह से अपने विधायकों और विपक्षी पार्टी के नेताओं के फोन टेप करवाते थे.
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कुर्सी पर बने रहने के लिए सबकुछ किया:शेखावत ने कहा कि 'उन्होंने' कुर्सी पर बने रहने के लिए यह सबकुछ किया. प्रदेश में मदरेणा परिवार और रामसिंह जी के परिवार साथ जो हुआ, वह सबको पता है. शेखावत ने कहा कि अभी एक केस का निस्तारण हुआ है. जब मानहानि और फोन टेपिंग का फैसला भी आएगा, तब भी ऐसा ही न्याय होगा. इससे कई लोगों को सजा भुगतनी पड़ेगी.
पीड़ितों के साथ हूं और रहूंगा: शेखावत ने कहा कि संजीवीनी के निवेशकों को वापस धन मिले, इसके लिए मैं पहले भी उनके साथ था और अंतिम समय तक उनके साथ रहूंगा. केंद्र सरकार ने इसके लिए कानून भी बना रखा हैं. इसके तहत सीबीआई से जांच का प्रावधान है. एमपी और गुजरात सरकार ने इसकी जांच दे दी है, लेकिन पूर्ववर्ती सरकार ने सिर्फ मुझे फंसाने के लिए जांच सीबीआई को नहीं सौंपी. भारत सरकार ने ऐसे प्रकरणों के लिए बेनिंग आफ अनरेग्यूलेट डिपोजिट स्कीम एक्ट पारित किया है. इसके तहत कार्रवाई होनी है. मैं सभी निवेशकों के साथ रहूंगा. जिससे उनको न्याय मिल सके.
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उल्लेखनीय है कि 960 करोड़ के संजीवन क्रेडिट कोपरेटिव घोटाले मामले में प्रदेश की गत कांग्रेस सरकार के समय एसओजी ने शेखावत और उनके परिवार के सदस्यों को आरोपी बताया था, चालान पेश करने की तैयारी कर ली थी, लेकिन शेखावत को कोर्ट से गिरफ्तारी पर रोक का आदेश मिल गया. अब कोर्ट ने शेखावत को संजीवनी घोटाले में पूरी तरह क्लीन चिट दे दी है. शेखावत दोपहर बाद दिल्ली चले गए, लेकिन इससे पहले वे दिवंगत पूर्व विधायक सूर्यकांता व्यास के घर गए और उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित कर परिजनों को ढांढस बंधाया.