पटना: बिहार विधानसभा में विश्वासमतके दौरान तेजस्वी यादव का भाषण काफी जोरदार रहा. उन्होंने जितना कहा उससे कहीं ज्यादा डिलीवर हुआ. सदन में उन्होंने एक-एक सियासी पहलू को मंझे हुए राजनेता की तरह अपनी बातों को रखा. उनकी एक एक लाइन नई सरकार के सामने किसी चुनौती से कम नहीं थी. पूरे भाषण के दौरान तेजस्वी यादव फ्रंटफुट पर खड़े रहे. महागठबंधन सरकार की टूट के बाद क्रेडिट लेने के मामले को जेडीयू ने बताया तो तेजस्वी ने उसपर भी अपने अंदाज में निशाना साधा.
क्रेडिट लेने के आरोप पर पलटवार : तेजस्वी यादव ने बीजेपी को आगाह करते हुए पूछा कि कल जब आप नीतीश के साथ काम करेंगे तो क्या उसका क्रेडिट नहीं लेंगे? तेजस्वी ने तंज भरे लहजे में नीतीश पर पलटवार किया और कहा कि 17 महीने पहले कड़े फैसले क्यों नहीं ले पा रहे थे? और जब महागठबंधन की सरकार बनी तो कम समय में ही बड़े-बड़े फैसले बिना किसी चिंता के लिए गए.
नौकरियों की बहाली का टास्क: तेजस्वी यादव ने स्वास्थ्य विभाग में 1 लाख नौकरियों की बहाली और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के वेतन बढ़ोतरी की चुनौती को पूरा करने की अपील की. उन्होंने नई सरकार को शुभकानाएं देते हुए कहा कि स्वास्थ्य विभाग में नौकरियों की बहाली को जल्द से जल्द पूरा करा लें.
'थके हुए मुख्यमंत्री को रफ्तार दी': तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को थका हुआ बताया और कहा कि ''नीतीश कुमार दशरथ की तरह हैं. वो अपने अंदर के कैकेयी को पहचानें. क्योंकि वो राम को वनवास पर भेजना चाहती थीं और मैं कोई राम नहीं हूं जो वन में जाऊंगा. मैं जनता के बीच जाऊंगा.'' मेरे दबाव की वजह से बिहार के युवाओं को रोजगार मिल सका. अपील है कि ये कोशिश आगे भी जारी रहेगी.
'जातीय गणना में केंद्र ने डाले रोड़े': केंद्र की भाजपा सरकार ने जातीय गणना में रोड़े अटका रही थी. हम लोग इसके लिए अड़े हुए थे. उन्होंने याद दिलाते हुए कहा कि उस वक्त हम लोगों ने इसके लिए सुप्रीम कोर्ट तक लड़ाई लड़ी. वहां भी बीजेपी ने सॉलीसिटर जनरल के माध्यम से इसके खिलाफ बयान दिलवाने का काम किया गया. लेकिन बीजेपी अपने इरादे में सफल नहीं होने पाई.
आरक्षण की राजनीति : तेजस्वी ने कहा कि देश में जातीय गणना के बाद ''हमारी सरकार आने से ही बिहार में 75 फीसदी तक आरक्षण को बढ़ाया गया. इसका फायदा पिछड़े, अति पिछड़ों के साथ एससी-एसटी को मिलेगा. हमारी सरकार जब जब आई हम लोगों ने आरक्षण को बढ़ाने का काम किया. लेकिन इन 17 महीनों में हम लोगों ने आरक्षण को लेकर ऐतिहासिक काम किया. केंद्र की भाजपा सरकार ने इसे रोकने के लिए क्या नहीं किया ''