गोपालगंज : बिहार के गोपालगंज जिले के भोरे प्रखंड के पांच गांवों से होकर पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे गुजरेगी. इसको लेकर कार्यवाही तेज हो गई है और भूमि अधिग्रहण का कार्य भी प्रारंभ हो चुका है. नापी के बाद तीन-डी नक्शा जारी किया जाएगा, जिससे परियोजना की दिशा स्पष्ट हो सकेगी.
बिहार में कार्य की शुरुआत : पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे को उत्तर प्रदेश के बाद बिहार में जोड़ा जाएगा. इस एक्सप्रेस-वे को एनएच-27 से जोड़ने के लिए नया हाइवे बनाए जाने की प्रक्रिया भी चल रही है. इस मार्ग के निर्माण के लिए भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया में तेजी लाई गई है.
पेड़ों की कटाई और मुआवजे की प्रक्रिया : पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के लिए भोरे-तमकुही मुख्यमार्ग के किनारे स्थित पेड़ों की कटाई भी विभागीय प्रक्रिया के तहत शुरू हो चुकी है. इसके साथ ही किसानों की सूची तैयार की जा रही है, जिनकी भूमि इस परियोजना के तहत अधिग्रहित की जाएगी. सड़क परिवहन और राष्ट्रीय राजमार्ग मंत्रालय के निर्देश पर स्थानीय अधिकारी मुआवजे से संबंधित रिपोर्ट तैयार कर रहे हैं.
नए हाइवे की ट्रैकिंग और मार्ग का निर्धारण : एनएच-727 बी यूपी के कुशीनगर जिले के तमकुही से लेकर गोपालगंज जिले के तीन प्रखंडों पंचदेवरी, कटेया और भोरे होते हुए सलेमपुर तक जाएगा, जहां यह पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे से जुड़ेगा. भूमि अधिग्रहण के लिए ड्राफ्ट तैयार कर लिया गया है, जिसमें यह भी बताया गया है कि कहां नदी, नाला, पुल, बिजली के पोल आदि आएंगे. हालांकि, भोरे क्षेत्र में यह सड़क किसी भी नदी के ऊपर से नहीं गुजरेगी.
चयनित गांव और बाइपास निर्माण : भोरे प्रखंड के पाखोपाली, भानपुर, रुदलपुर, मलचौर (मिश्रौलिया) और सिसई गांवों से होकर यह सड़क गुजरेगी. इसके अलावा, हाइवे के निर्माण के दौरान तीन बाइपास बनाए जाएंगे. सर्वे रिपोर्ट के अनुसार, सबसे पहले भोरे के भानपुर में बाइपास बनेगा, जिसकी लंबाई 4 किमी होगी. इसके बाद पंचदेवरी में 2 किमी लंबा बाइपास बनाया जाएगा.
अधिकारियों का बयान : भोरे अंचलाधिकारी अनुभव राय ने बताया कि एनएच-727 बी के निर्माण के लिए भूमि अर्जन के लिए पांच राजस्व ग्राम चिह्नित किए गए हैं. 3डी नक्शा जारी हो चुका है और खाता व खेसरा मिलान के बाद रैयतों को नोटिस जारी किया जाएगा.
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