पटना : बिहार में गिरते पुल से सवाल खड़े हो गए हैं. 18 जुलाई से लगातार किसी न किसी जिले में पुल या पुलिया गिर रहा है या फिर डैमेज हो रहा है. ये हाल तब है जब अभी मानसून की पहली फुहार पड़ी है. नदियों पर पानी का उतना लोड नहींं है जितना ये पुल सालों से सहते आ रहे हैं. ऐसे में सवाल ये है कि आखिर यूं बिहार में धड़ाधड़ पुल क्यों गिर रहे हैं. पुल के पाये अपने ही वजन क्यों नहीं उठा परा रहे हैं? इसका जवाब जानने के लिए जल संसाधन विभाग ने स्पॉट पर टीम भेजकर जांच करानी शुरू कर दी है.
'जल संसाधन विभाग करा रहा जांच': हद तो तब हो गई जब सारण और सिवान में 24 घंटे के अंदर 6 पुल और पुलिया एक एक कर पानी में समाने लगे. इसको लेकर विभाग तुरंत हरकत में आया. जल संसाधन विभाग के अपर मुख्य सचिव चैतन्य प्रसाद ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि सारण और सिवान में जो तीन और चार जुलाई को 6 पुल-पुलिया ध्वस्त हुआ है वो गंडकी और छाड़ी नदी में गाद निकालने के दौरान हुआ है.
''नदी जोड़ो योजना के तहत छोटी-छोटी नदी को जोड़कर गंगा नदी में जोड़ना है. इसका काम चल रहा है. इसी दौरान पुल गिरे हैं. इसमें जो लापरवाह अभियन्ता हैं, जिन्होंने पुल की स्थिति को पहले नहीं देखा, जो ठिकेदार हैं, जिन्होंने लापरवाही की है, उनपर कारवाई होगी. विभाग ने इस मामले की जांच के लिए टीम बनायी है. टीम स्पॉट पर जांच कर रही है. कल तक रिपोर्ट आ जाएगी और जल्द ही अभियंता पर विभागीय कारवाई की जाएगी.''-चैतन्य प्रसाद, अपर मुख्य सचिव, जल संसाधन विभाग