बेतिया : बिहार के बेतिया में कथित जहरीली शराब से 5 संदिग्ध मौत मामले ने तूल पकड़ लिया है. प्रशासन इन मौतों को संदिग्ध बता रहा है और दावा कर रहा है कि उनकी मौत शराब पीने से नहीं बल्कि हादसे, बीमारी और ठंड की वजह से हुई है.
5 ग्रामीणों की मौत कैसे हुई? : वहीं गांव में कैंप करने पहुंचे स्वास्थ्य विभाग के डॉक्टर ऑन कैमरा ये कह चुके हैं कि 2 की मौत शराब पीने से हुई है. आखिर गांव वालों का इन मौतोंं पर क्या कहना है ये जानना भी जरूरी है. इसलिए ईटीवी भारत की टीम ने ग्राउंड जीरो पर जाकर पड़ताल की. ग्रामीणों ने क्या कुछ कहा वो काफी चौंकाने वाला है.
'जहरीली शराब ने भाई की ली जान' : लौरिया गांव के प्रदीप की मौत जहरीली शराब पीने से हुई है. ये दावा है उनके भाई दीपक का. उन्होंने बताया कि उनके भाई की मौत शराब पीने से हुई है. गांव के नेयाज, सुरेश चौधरी, शिव राम, मनीष राम की मौत संदिग्ध बताई जा रही है.
"मेरा भाई शराब पीता था. जिस दिन उसकी मौत हुई उस दिन भी उसने गांव में घूम घूमकर शराब पी. तबीयत खराब हुई तो हम लोग अस्पताल लेकर पहुंचे लेकिन पहुंचने के दौरान ही मुंह से झाग आने लगी और उसकी मौत हो गई. हमारी मांग है कि प्रशासन उसके बच्चों को मुआवजा दें ताकि उनका जीवन यापन हो सके"- दीपक, मृतक प्रदीप का भाई
'गांव में खुलेआम बिकती है शराब' : ईटीवी भारत जब ग्राउंड जीरो पर पहुंची तो लौरिया के मठिया की हकीकत कुछ और निकली. यह हकीकत आप सुनकर हैरान हो जाएंगे कि किस तरह से गांव में शराब बिकती है. गांव का बच्चा-बच्चा जानता है कि इस गांव में शराब बिकती है. गांव के युवा लौरिया थाना पर मिली भगत का आरोप लगा रहे हैं कि सब कुछ पुलिस प्रशासन जानता है फिर भी कुछ नहीं करता.
"हमारे गांव में हर जगह शराब बिकती है. पुलिस को सूचना देते हैं तो ये लोग पकड़े जाते हैं फिर कुछ ले देकर छूट जाते हैं फिर ये लोग ऐसे ही बेचने लगते हैं. अब तो उस तरफ जाने से भी डर लगता है."- स्थानीय निवासी, लौरिया
'बिना पोस्टमार्टम के हुआ सभी का दाह संस्कार' : एक ग्रामीण ने बताया कि सभी मौतें संदिग्ध हुई हैं. जिस दिन डीएम से शिकायत की थी अगर उस दिन समय पर आकर प्रशासन शवों का पोस्टमार्टम कराता तो तो पता चल जाता कि ये मौतें शराब पीने से हुई हैं या फिर कुछ और वजह है. लेकिन सभी संदिग्धों को चुपचाप दाह संस्कार होने दिया गया.
''पहले दिन जब गांव में मेडिकल टीम आई थी तो मुर्तजा अंसारी ने साफ कहा था कि 2 लोगों की मौत शराब पीने से हुई है. इसके बाद मामले की लीपापोती शुरू हो जाती है. क्या स्वास्थ्य टीम और जिला प्रशासन के बीच कॉर्डिनेशन नहीं है? अगर मृतकों का प्रशासन पोस्टमार्टम करा लिया होता तो पता चल जाता कि मौतें किस वजह से हुई हैं''- सुमित, स्थानीय ग्रामीण, लौरिया
गांव में देसी दारू की पन्नी के मिले सबूत : ग्रामीणों ने दावा किया कि जहां उनकी मौत हुई थी वहां सैकड़ों पन्नी पड़ी हुई है. आज भी जस की तस देसी दारू वाली पन्नी बिखरी हुई है. ईटीवी भारत की टीम जब गांव में दाखिल हुई तो ग्रामीणों ने उस स्थान को भी दिखाया जहां देसी दारू की पन्नी खेत में पड़ी थी.
''हम लोग ज्वाइंट ऑर्डर से 4 सदस्यीय टीम बनाए हैं. अभी जांच रिपोर्ट नहीं आई है. रिपोर्ट आने के बाद ही कुछ कहा जा सकता है कि ये मौतें कैसे हुई हैं.''- सुमित कुमार, प्रभारी डीएम, बेतिया
मौत से प्रशासन के रवैये पर आक्रोश : इस पूरे मामले पर जिला प्रशासन अभी तक मौतों की वजह कुछ और ही बता रहा है. जिससे गांव में आक्रोश व्याप्त है. गांव वाले खुलेआम कह रहे हैं उनके गांव में शराब की अवैध बिक्री होती है. बिहार ड्राई स्टेट जरूर है लेकिन उनके गांव में दारू बिकती है.
"अभी तक गांव में हुई मेडिकल टीम की जांच रिपोर्ट नहीं आई है. ये मौतें शराब पीने की वजह से नहीं हुई है क्योंकि सबकी मृत्यु अलग-अलग तारीख और एज ग्रुप में हुई है."- डॉ शौर्य सुमन, एसपी, बेतिया
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