पटना : अखिल भारतीय पीठासीन अधिकारी सम्मेलन में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सदन में लगातार हंगामा और कार्यवाही स्थगित कराए जाने को गंभीर चुनौती बताया. उन्होंने कहा कि सभी दल को इसमें मदद करनी होगी. बिहार के सम्मेलन में जो फैसले लिए जाएंगे इसका पूरे देश में मैसेज जाएगा.
''सदन के वेल में आना, हंगामा करना और सदन की कार्यवाही स्थागित करवाना यह गंभीर मुद्दा है. इस पर गंभीर चर्चा होने की जरूरत है. सभी दलों को इसमें सहयोग करना पड़ेगा. हम लोगों को गंभीर फैसला यहां से लेकर जाना होगा.''- ओम बिरला, लोकसभा अध्यक्ष
85वें अखिल भारतीय पीठासीन अधिकारी सम्मेलन (All India Presiding Officers Conference - AIPOC) पटना, बिहार के उद्घाटन सत्र में देश के विभिन्न विधानमंडलों के पीठासीन अधिकारियों के सम्मुख सम्बोधन।#AIPOC#AIPOC2025 pic.twitter.com/7uIOaghbaR
— Om Birla (@ombirlakota) January 20, 2025
2025 में एक देश एक विधान के लक्ष्य को करेंगे पूरा : ओम बिरला ने कहा कि खुशी है कि आज देश के अधिकतम विधानसभा में डिजिटल काम हो रहा है. अब एक प्लेटफार्म पर विधानसभा और लोकसभा की कार्रवाई होगी तो सार्थक चर्चा हो सकेगी. 2025 में एक देश एक विधान के लक्ष्य को पूरा करेंगे.
'बैठकों की घटती संख्या चिंता का विषय' : लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने विधानसभा बैठकों की घटती संख्या पर चिंता जतायी. उन्होंने कहा कि बाबा साहब ने 3 वर्षों तक चर्चा के बाद ऐसा संविधान बनाया है जो न केवल देश की लोकतंत्र की व्यवस्था को मार्गदर्शन कर रहा है, बल्कि दुनिया के लोकतंत्र को मार्गदर्शन दे रहा है. ऐसे में हमें इसे और मजबूत करना है.
पटना, बिहार में आयोजित 85वें अखिल भारतीय पीठासीन अधिकारी सम्मेलन (AIPOC) का शुभारंभ करते हुए देश के विभिन्न प्रदेशों की विधायिकाओं के पीठासीन अधिकारियों को संबोधित किया।
— Om Birla (@ombirlakota) January 20, 2025
हमारी जिम्मेदारी है कि सदनों को संवैधानिक मूल्यों के अनुरूप चलाएं। सदन की बैठकों की कमी और व्यवधान चिंता का… pic.twitter.com/G8SqtIYn5C
''हमारी बहुत बड़ी जिम्मेदारी है. आजादी से पहले और आजादी के बाद पीठासीन अधिकारी सम्मेलन में कई निर्णय हुए हैं. लोकतांत्रिक संस्था जनता के नजदीक पहुंची. हमने कई अच्छी परंपराएं लागू की, कई अच्छे कानून बनाए. जिससे लोकतंत्र को सशक्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका रही.''- ओम बिरला, लोकसभा अध्यक्ष
'बिहार शिक्षा और ज्ञान की धरती' : कार्यक्रम के दौरान लोकसभा अध्यक्ष ने बिहार के कई विभूतियों का नाम लिया. उन्होंने कहा कि बिहार की धरती शिक्षा और ज्ञान की धरती है. नालंदा विक्रमशिला यहीं था. इसलिए ज्ञान और अनुभव के माध्यम से हमारे लोकतांत्रिक संस्थाओं को नया संदेश इस धरती से जाने वाला है.
''इस धरती से देश के प्रथम राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद हुए. जिनकी संविधान निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका है. संविधान निर्माण के अध्यक्ष के तहत उन्होंने दायित्व निभाया. यह धरती कर्पूरी ठाकुर की है, जिन्होंने गरीबों के लिए जीवन पर्यंत संघर्ष किया. बिहार की धरती ज्ञान और आध्यात्मिक धरती है. भगवान बुद्ध के करुणा और शांति का संदेश दुनिया भर में पहुंच रहा है. बिहार की धरती हम सबके लिए प्रेरणा की धरती है.''- ओम बिरला, लोकसभा अध्यक्ष
20 एवं 21 जनवरी को पटना में आयोजित 85 वें अखिल भारतीय पीठासीन अधिकारी सम्मेलन का बिहार विधान सभा सेंट्रल हॉल में उद्घाटन माननीय अध्यक्ष, लोकसभा श्री ओम बिरला ने दीप प्रज्वलित कर किया । pic.twitter.com/IqvusETcDe
— BIHAR VIDHAN SABHA (@bla_sectt) January 20, 2025
'निजी हित और दल से ऊपर उठना होगा' : राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश ने कहा कि बाबा साहब ने भी संविधान बनने के समय कहा था, लोकतंत्र को मजबूत बनाने के लिए देश हित में निजी और दल से ऊपर उठना होगा. तभी हजारों हजार वर्ष तक हम अपने लोकतंत्र को अच्छून्य रख सकेंगे. इस दौरान हरिवंश ने सीएम नीतीश कुमार की जमकर तारीफ भी की.
''2005 में नीतीश कुमार सत्ता संभालने के बाद विकास के साथ धरोहरों को भी संवारने का काम किया. बिहार विधानसभा में कई महत्वपूर्ण विधेयक पास हुए हैं. 2006 में महिलाओं को लोकल बॉडीज में 50% आरक्षण देने वाला बिहार पहला राज्य बना.''- हरिवंश, उप सभापति, राज्यसभा
20 एवं 21 जनवरी को पटना में आयोजित 85 वें अखिल भारतीय पीठासीन अधिकारी सम्मेलन के दौरान माननीय अध्यक्ष, लोकसभा श्री ओम बिरला ने एम. एल. कौल और एस. एल. शकधर द्वारा लिखित संसदीय पद्धति और प्रक्रिया पुस्तक के 5वे संस्करण का विमोचन किया । pic.twitter.com/II6SeJLdO8
— BIHAR VIDHAN SABHA (@bla_sectt) January 20, 2025
'बिहार को लेकर भ्रांतियां दूर होगी' : सम्मेलन में बिहार की जमकर तारीफ हुई. विधानसभा अध्यक्ष नंदकिशोर यादव ने अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि ''सम्मेलन से बिहार को लेकर जो भ्रांतियां हैं, वह दूर होगी.''
सीएम और नेता प्रतिपक्ष नहीं आये : यह सम्मेलन दो दिनों तक चलेगा. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के अनुपस्थित रहने की भी चर्चा होती रही. 21 जनवरी को सम्मेलन का दूसरा दिन है.
ये भी पढ़ें :-
स्पीकर और देशभर के विधानसभा अध्यक्षों का पटना में सम्मेलन, संसद और विधायिका पर चर्चा