पटनाः नीतीश कुमार आज नौवीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेकर रिकॉर्ड बनाने वाले हैं. पहली बार उन्होंने 3 मार्च, 2000 को मुख्यमंत्री की शपथ ली थी. हालांकि वह सरकार 7 दिन ही चल पाई और इस्तीफा देना पड़ा था. उसके बाद नीतीश कुमार ने 24 नवंबर, 2005 को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी और 20 मई, 2014 से लेकर 22 फरवरी, 2015 की अवधि को छोड़ दें तो नीतीश लगातार बिहार के मुख्यमंत्री रहे हैं. केवल 278 दिन जीतन राम मांझी बिहार के मुख्यमंत्री बने थे.
9वीं बार नीतीश लेंगे मुख्यमंत्री पद की शपथः अब बिहार में नई सरकार के गठन और मंत्रिमंडल को लेकर भी चर्चा शुरू हो गई है. बिहार विधानसभा में 243 सदस्य हैं और सदस्यों की संख्या के हिसाब से कुल 36 मंत्री बनाए जा सकते हैं. 2020 में जब एनडीए सरकार में 127 विधायक थे. विधान परिषद के सदस्य भी एनडीए के 50 से अधिक थे, तब 30 मंत्री बनाए गए थे. बीजेपी के 16 जदयू के 12 और हम से एक और एक निर्दलीय मंत्री थे. अब जब फिर से एनडीए की सरकार बनने जा रही है और विधायकों की संख्या नीतीश कुमार के एनडीए में आने के बाद 128 होने वाली है.
एनडीए महागठबंधन दोनों सरकारों में रहे मुखियाः 2020 के फार्मूले को मंत्रिमंडल गठन में रिपीट किया जा सकता है. ऐसे शुरू में मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री के साथ कुछ मंत्री के ही शपथ लेने की भी चर्चा हो रही है. ये तय हो गया है कि सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा डिप्टी सीएम होंगे. नीतीश कुमार एनडीए और महागठबंधन दोनों सरकारों के मुखिया बने रहे हैं और जिस गठबंधन में रहे हैं, उसकी ही सरकार बनी है. 24 नवंबर, 2005 से लेकर 20 मई, 2013 तक एनडीए के मुख्यमंत्री रहे और फिर 22 फरवरी, 2014 से महागठबंधन के सहयोग से मुख्यमंत्री बने और 20 नवंबर, 2015 से महागठबंधन के मुख्यमंत्री रहे.
नीतीश आज फिर बन जाएंगे एनडीए के मुख्यमंत्रीः इसके बाद 27 जुलाई, 2017 से 9 अगस्त, 2022 तक एनडीए के मुख्यमंत्री बने रहे और 10 अगस्त 2022 से 28 जनवरी 2024 तक महागठबंधन के मुख्यमंत्री रहे हैं और अब एक बार फिर से एनडीए के मुख्यमंत्री बनने जा रहे हैं. 10 अगस्त 2022 को जब नीतीश कुमार ने महागठबंधन की सरकार बनाई, तो उस समय 7 दल थे. महागठबंधन की सरकार के समर्थन में कुल 164 विधायकों का समर्थन था. मुख्यमंत्री के रूप में नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री के तौर पर तेजस्वी यादव ने पहले शपथ ली थी और फिर कुछ ही दिनों बाद महागठबंधन में 31 मंत्रियों को राज्यपाल फागू चौहान ने शपथ दिलाई थी.
महागठबंधन सरकार में थे जेडीयू के ये पुराने मंत्रीः जदयू ने अपने सभी पुराने मंत्रियों विजेंद्र यादव, विजय कुमार चौधरी, लेसी सिंह, श्रवण कुमार, शीला मंडल, मदन सहनी, अशोक चौधरी, संजय झा, जयंत राज, सुनील कुमार और जमा खान को मंत्री बनाया. वहीं आरजेडी के तरफ से 16 मंत्रियों ने शपथ ली थी. तेज प्रताप यादव, आलोक मेहता, रामानंद यादव, सुरेंद्र यादव, कुमार सर्वजीत, ललित यादव, समीर महासेठ, प्रो चंद्रशेखर, सुधाकर सिंह, जितेंद्र राय, इसराइली मंसूरी, कार्तिक सिंह, सुरेंद्र राम, शाहनवाज, अनिता देवी और मोहम्मद शमीम शामिल थे. वहीं कांग्रेस की ओर से अफाक आलम और मुरारी प्रसाद गौतम ने शपथ ली थी.
2022 की महागठबंधन सरकार में बने थे 33 मंत्रीः हम के तरफ से संतोष सुमन और निर्दलीय सुमित कुमार सिंह ने भी शपथ ली थी. इस तरह कुल 33 मंत्रियों ने महागठबंधन सरकार में शपथ ली थी, लेकिन महागठबंधन की सरकार बनने के बाद कार्तिक सिंह और सुधाकर सिंह को इस्तीफा देना पड़ा था. वहीं जीतन मांझी के महागठबंधन से अलग होने के बाद उनके बेटे संतोष सुमन को भी इस्तीफा देना पड़ा. संतोष सुमन के स्थान पर जदयू ने रत्नेश सदा को मंत्री बनाया था. अब एनडीए की सरकार फिर से बनाने जा रही है. ऐसे में नीतीश कुमार जदयू कोटे से अधिकांश पुराने मंत्रियों को ही रिपीट करेंगे. हालांकि कुछ मंत्रियों को ड्रॉप किया जा सकता है. कुछ नए चेहरे को जगह भी दी जा सकती है,