कैमूर: रामगढ़ विधानसभा सीट से बीजेपी प्रत्याशी अशोक कुमार सिंह ने 1362 वोट से जीत हासिल की है. इस सीट पर दूसरे स्थान पर BSP उम्मीदवार सतीश कुमार सिंह रहे. सतीश कुमार सिंह ने 69895 वोट हासिल हुआ. इस सीट पर RJD की पकड़ मानी जाती थी. RJD के अजीत कुमार सिंह जो प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह के पुत्र है वे तीसरे स्थान पर रहे. अजित कुमार सिंह को कुल 35825 वोट मिले. चौथे स्थान पर जन सुराज पार्टी रही.
चतुष्कोणीय मुकाबला था: इस सीट पर राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह के बेटे अजीत कुमार सिंह और अशोक सिंह के बीच मुख्य मुकाबला रहा लेकिन बीएसपी और जनसुराज के होने के मुकाबला चतुष्कोणीय था. हालांकि मुख्य मुकाबला राजद और बीजेपी में थी, लेकिन राजद तीसरे स्थान पर पहुंच गयी.
2015 के बाद अशोक सिंह जीते: साल 2015 में यहां बीजेपी के अशोक कुमार सिंह विधायक बने थे, जबकि 2020 में आरजेडी के सुधाकर सिंह जीते थे. राजद की सीट पर बीजेपी से अशोक सिंह चुनाव जीत गए. बता दें कि सुधाकर सिंह के सांसद बनने के बाद यह सीट खाली थी.
रामगढ़ को मिला ठाकुर: रामगढ़ विधानसभा सीट के लिए इस बार 54.02% मतदान हुआ है. 2020 में 63.80% वोटिंग हुई थी. शनिवार को रिजल्ट को लेकर रामगढ़ की जनता नजर लगायी बैठी थी कि इसबार कौन विधायक चुनकर आता है? दोपहर से ही रूझान दिखने शुरू हो गए थे, हालांकि यहां बसपा आगे थी लेकिन अंत में अशोक सिंह की जीत हुई. रामगढ़ को 'ठाकुर' मिल गया.
मुकाबला दिलचस्प रहा: राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि रामगढ़ में चौतरफा मुकाबला था, लेकिन मुख्य लड़ाई बीजेपी और राजद के बीच है. हालांकि जन सुराज पार्टी भी अपनी जीत का दावा कर रही थी. बसपा भी पीछे नहीं थी. ऐसे में इसबार की लड़ाई दिलचस्प रही. जीतन राम मांझी एनडीए की जीत का दावा किए थे वह सच साबित हुआ.
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