देहरादूनःराजस्थान में मेहंदीपुर बालाजी के दर्शन करने गए देहरादून के एक ही परिवार के चार सदस्यों की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत मामले का राज 48 घंटे बाद भी नहीं खुल पाया है. मृतकों के परिजनों के समय पर नहीं पहुंचने के कारण 15 जनवरी को पोस्टमॉर्टम नहीं हो पाया था. इसलिए 16 जनवरी को चारों मृतकों का पोस्टमॉर्टम डॉक्टरों के पैनल द्वारा किया जाएगा. पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मौत के असल कारणों का पता चल पाएगा. मामले को लेकर दून पुलिस लगातार राजस्थान पुलिस के संपर्क में है.
दून पुलिस के मुताबिक, देहरादून के रायपुर निवासी सुरेंद्र कुमार उपाध्याय का परिवार 13 जनवरी की सुबह राजस्थान के दौसा जिले में स्थित मेहंदीपुर बालाजी पहुंचा. मेहंदीपुर में रामाकृष्ण धर्मशाला में एक कमरा किराये पर लिया और 14 जनवरी की सुबह परिवार के सभी सदस्यों ने बालाजी धाम के दर्शन किए. इसके बाद वह सभी सुबह आठ बजे धर्मशाला में अपने कमरे में वापस आ गए. इस दौरान सुरेंद्र कुमार उपाध्याय और उनकी पत्नी का स्वास्थ्य खराब होने पर उनका बेटा नितिन उपाध्याय और बेटी नीलम उपाध्याय अस्पताल में ले गए. इलाज के बाद वह सभी धर्मशाला अपने कमरे में आ गए. शाम को धर्मशाला का कर्मचारी जब सफाई के लिए उनके कमरे में पहुंचा तो दरवाजा खुला हुआ था और चारों लोग अचेत अवस्था में कमरे में पड़े थे.
खुशमिजाज परिवार, कोई कर्जा नहीं: उपाध्याय परिवार के रिश्तेदार और पड़ोसी से बातचीत करने पर जानकारी मिली कि यह परिवार बेहद खुशमिजाज था. कभी ऐसी कोई बात नहीं की, जिससे लगे कि उनके जीवन में ऐसा कुछ चल रहा है कि वह आत्महत्या करेंगे. ऐसे में इस बात पर यकीन करना मुश्किल है कि चारों ने आत्महत्या की है. हालांकि, सुरेंद्र सिंह की विवाहित बेटी नीलत का अपने ससुराल पक्ष से विवाद था. वह पांच साल से अपने माता-पिता और भाई के पास रह रही थी. पति से तलाक का मुकदमा भी चल रहा है. अभी नितिन अविवाहित था और उसकी शादी की बातचीत चल रही थी.