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मेहंदीपुर बालाजी मौत मामला: सामने आई मरने वाले परिवार की मिस्ट्री, पड़ोसियों ने किया ये खुलासा - MEHANDIPUR BALAJI DEATH CASE

मेहंदीपुर बालाजी में देहरादून के चार लोगों की मौत मामले का खुलासा अभी तक नहीं हुआ. परिवार के पड़ोसियों ने बड़े खुलासे किए हैं.

MEHANDIPUR BALAJI DEATH CASE
सामने आई मरने वाले परिवार की मिस्ट्री (PHOTO- ETV Bharat)

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Jan 16, 2025, 5:10 PM IST

देहरादूनःराजस्थान में मेहंदीपुर बालाजी के दर्शन करने गए देहरादून के एक ही परिवार के चार सदस्यों की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत मामले का राज 48 घंटे बाद भी नहीं खुल पाया है. मृतकों के परिजनों के समय पर नहीं पहुंचने के कारण 15 जनवरी को पोस्टमॉर्टम नहीं हो पाया था. इसलिए 16 जनवरी को चारों मृतकों का पोस्टमॉर्टम डॉक्टरों के पैनल द्वारा किया जाएगा. पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मौत के असल कारणों का पता चल पाएगा. मामले को लेकर दून पुलिस लगातार राजस्थान पुलिस के संपर्क में है.

दून पुलिस के मुताबिक, देहरादून के रायपुर निवासी सुरेंद्र कुमार उपाध्याय का परिवार 13 जनवरी की सुबह राजस्थान के दौसा जिले में स्थित मेहंदीपुर बालाजी पहुंचा. मेहंदीपुर में रामाकृष्ण धर्मशाला में एक कमरा किराये पर लिया और 14 जनवरी की सुबह परिवार के सभी सदस्यों ने बालाजी धाम के दर्शन किए. इसके बाद वह सभी सुबह आठ बजे धर्मशाला में अपने कमरे में वापस आ गए. इस दौरान सुरेंद्र कुमार उपाध्याय और उनकी पत्नी का स्वास्थ्य खराब होने पर उनका बेटा नितिन उपाध्याय और बेटी नीलम उपाध्याय अस्पताल में ले गए. इलाज के बाद वह सभी धर्मशाला अपने कमरे में आ गए. शाम को धर्मशाला का कर्मचारी जब सफाई के लिए उनके कमरे में पहुंचा तो दरवाजा खुला हुआ था और चारों लोग अचेत अवस्था में कमरे में पड़े थे.

खुशमिजाज परिवार, कोई कर्जा नहीं: उपाध्याय परिवार के रिश्तेदार और पड़ोसी से बातचीत करने पर जानकारी मिली कि यह परिवार बेहद खुशमिजाज था. कभी ऐसी कोई बात नहीं की, जिससे लगे कि उनके जीवन में ऐसा कुछ चल रहा है कि वह आत्महत्या करेंगे. ऐसे में इस बात पर यकीन करना मुश्किल है कि चारों ने आत्महत्या की है. हालांकि, सुरेंद्र सिंह की विवाहित बेटी नीलत का अपने ससुराल पक्ष से विवाद था. वह पांच साल से अपने माता-पिता और भाई के पास रह रही थी. पति से तलाक का मुकदमा भी चल रहा है. अभी नितिन अविवाहित था और उसकी शादी की बातचीत चल रही थी.

बालाजी भगवान के थे भक्त: रिश्तेदार शुभम ने बताया कि वह अन्य परिजनों और रिश्तेदारों के संपर्क में लगातार रहते थे. लेकिन कभी ऐसी कोई बात सामने नहीं आई. ऐसे में पुलिस की जांच के बाद ही इसमें कुछ कहा जा सकता है. शुभम ने बताया कि उपाध्याय परिवार बालाजी भगवान का लंबे समय से भक्त था. वह घर पर भी बालाजी की पूजा-पाठ करते थे. दो साल पहले परिवार बालाजी गया था. दोबारा 12 जनवरी को बालाजी के दर्शन के लिए घर से निकले थे.

4 पीढ़ियों से देहरादून में बसे: गौर है कि उपाध्याय परिवार का चकतुनवाला इलाके में सबसे पुराना मकान बताया जा रहा है. वह चार पीढ़ियों से रह रहे थे. पिता-पुत्र ऑर्डिनेंस फैक्ट्री में नौकरी करते थे. परिवार की माली हालत भी ठीक ही बताई जा रही है. ऐसे में आर्थिक तंगी की बात भी सामूहिक आत्महत्या के तथ्य को मजबूती नहीं देती है.

एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि राजस्थान पुलिस से जानकारी मिली है कि आज चारों मृतकों के पोस्टमॉर्टम की कार्रवाई की जा रही है. दून पुलिस लगातार राजस्थान पुलिस के संपर्क में है.

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