पटनाः लोकसभा चुनाव 2024 में सभी राजनीतिक दल वोट के लिए एड़ी चोटी का जोर लगाए हुए हैं. नेता सभा, रैली, जंनसंपर्क अभियान चला रहे हैं. अक्सर चुनावी सभा में नेताओं को कहते सुना होगा कि 'इसबार फलाना पार्टी जीरो पर आउट हो जाएगी या फलाना उम्मीदवार जीरो पर आउट हो जाएगा. फलाना उम्मीदवार की जमानत तब्त हो जाएगी.' क्या कभी आपने सोचा है कि आखिर ये जमानत जब्त क्या होती है?
जानें सभी सवालों के जवाबः चुनाव का रिजल्ट आने के बाद खबर आती है कि फलाना उम्मीदवार की जमानत जब्त हो गई. ऐसे में हर कोई जानना चाहता है कि यह जमानत जब्त क्या होती है? जमातन जब्त होने पर नेताओं के साथ क्या होता है? अगर किसी नेता की जमानत जब्त होती है तो इसकी क्या प्रक्रिया है? क्या वह दोबारा चुनाव लड़ सकता है कि नहीं? इन सब सवालों के जबाव आपको इस स्टोरी में मिल जाएगा.
जमानत जब्त क्या होता है ?: यह तो सबको पता है कि चुनाव लड़ने के लिए उम्मीदवार को नामांकन कराना होता है. इसके लिए कई प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है. इस दौरान उम्मीदवार को नामांकन के दौरान एक तय राशि जमा करनी होती है. इसे जमानत राशि कहा जाता है.
कितनी होती है जमानत राशिःअलग-अलग चुनाव में सामान्य और एससी-एसटी के लिए अलग-अलग राशि तय की गई है. लोकसभा चुनाव में सामान्य वर्ग के उम्मीदवार के लिए 25 हजार और SC-ST के लिए 12,500, विधानसभा में सामान्य वर्ग के लिए 10 हजार और SC-ST के लिए 5 हजार, राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति चुनाव में सभी वर्गों के लिए 15 हजार जमानत की राशि तय होती है.