पटना:नौकरी के बदले जमीन घोटाला केस में ईडी ने चौंकाने वाला खुलासा किया है. इस खुलासे के अनुसार लालू राबड़ी ने तो घोटाला कर काला धन और संपत्ति अर्जित की ही लेकिन उनके गौशाला में काम करने वाला भी पीछे नहीं है. वह भी नाजायज जमीन से अमीर बन गया.
लैंड फॉर जॉब स्कैम में घिरी लालू एंड फैमिली: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 8 जनवरी 2024 को अमित कात्याल, राबड़ी देवी, मीसा भारती, हेमा यादव, हृदयानंद चौधरी और दो कंपनियों एके इन्फोसिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड और एबी एक्सपोर्ट्स प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए), 2002 के प्रावधानों के तहत अभियोजन शिकायत (पीसी) दर्ज की है.
राबड़ी के गौशाला का पूर्व कर्मचारी भी बन गया धन्ना सेठ:पीसी में एक अन्य आरोपी हृदयानंद चौधरी को भी आरोपी बनाया गया है जो राबड़ी देवी की गौशाला में एक पूर्व कर्मचारी हैं, जिन्होंने एक उम्मीदवार से संपत्ति अर्जित की थी. बाद में उसे हेमा यादव को हस्तांतरित कर दिया था. कंपनियां एके इन्फोसिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड और एबी एक्सपोर्ट्स प्राइवेट लिमिटेड फर्जी कंपनियां थीं, जिन्हें लालू प्रसाद यादव के परिवार के सदस्यों के लिए अपराध से प्राप्त धन प्राप्त हुआ था.
9 फरवरी को दिल्ली में होगी पूछताछ:भूमि के बदले नौकरी घोटाले में विशेष न्यायालय ने 27 जनवरी 2024 को पीसी का संज्ञान लिया और आरोपी व्यक्तियों को आगे की सुनवाई के लिए 9 फरवरी 2024 को उपस्थित होने के लिए नोटिस जारी किया है.
रेलवे में ग्रुप डी के विकल्प की नियुक्ति में भ्रष्टाचार: ईडी ने नौकरी के बदले जमीन घोटाले से संबंधित सीबीआई द्वारा दर्ज एफआईआर के आधार पर जांच शुरू की, जिसमें आरोप लगाया गया कि तत्कालीन रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव ने 2004-2009 की अवधि के दौरान भारतीय रेलवे में ग्रुप डी के विकल्प की नियुक्ति के लिए भ्रष्टाचार में लिप्त थे. एफआईआर के अनुसार उम्मीदवारों को भारतीय रेलवे में नौकरी के बदले रिश्वत के रूप में जमीन हस्तांतरित करने के लिए कहा गया था. सीबीआई ने आरोप पत्र भी दाखिल कर दिया है.