अमरावती: आंध्र प्रदेश के तिरुमाला पर्वत पर स्थित तिरुपति मंदिर के प्रसाद में मिलावट का विवाद अभी थमता नजर नहीं आ रहा है. इसको लेकर जांच जारी है. ताजा जानकारी के मुताबिक एसआईटी ने अब अपनी जांच और तेज कर दी है. यह जांच की जा रही है कि घी का ठेका लेने वाली कंपनी ने इसे सीधे टीटीडी को सप्लाई किया था या इसे दूसरी कंपनियों से मंगाया था. एआर और वैष्णवी डेयरियों का निरीक्षण कर चुके एसआईटी अधिकारी जानकारी जुटाने में लगे हैं.
जांच के दौरान यह पूछा गया कि टेंडर के दौरान टीटीडी ने क्या नियम व शर्तें बताई थीं? वे संबंधित कंपनियों से इन सभी शर्तों की भी जांच कर रहे हैं. वहीं, घी की आपूर्ति के लिए संबंधित कंपनियों के पास कितनी उत्पादन क्षमता होनी चाहिए और उनके निरीक्षण के दौरान कितनी पाई गई है, अधिकारियों ने इसकी जांच भी की. इस बारे में भी कुछ जानकारी जुटाई गई हैं कि एआर डेयरी वैष्णवी डेयरी से घी एकत्र करती है और इसे टीटीडी को सप्लाई करती है.
वहीं, एआर डेयरी के इस दावे की एसएमएस लैब ने पुष्टि की है कि वे जो घी सप्लाई कर रहे हैं वह अच्छी गुणवत्ता का है. अधिकारियों ने किए गए टेस्ट की तारीखों की भी जांच में जुटे हैं. जब्त की गई फाइलें तिरुपति अदालत को सौंप दी गईं.
इससे पहले एसआईटी की दो टीमों ने सोमवार को तिरुपति स्थित अपने कार्यालय में डिंडुक्कल स्थित एआर डेयरी, तमिलनाडु के श्रीकालहस्ती क्षेत्र स्थित वैष्णवी डेयरियों और चेन्नई स्थित एसएमएस लैब से जब्त प्रमुख फाइलों की बारीकी से जांच की. जांच में पता चला कि वैष्णवी डेयरी के पास टीटीडी को घी की आपूर्ति करने की क्षमता नहीं है. इस डेयरी के प्रबंधकों ने दो अन्य डेयरियों से घी एकत्र कर टीटीडी को आपूर्ति की, जो घटिया क्वालिटी का पाया गया. एसआईटी के डीएसपी स्तर के अधिकारियों ने सोमवार को तिरुमाला में भगवान के दर्शन किए. बाद में उन्होंने लड्डू पोटू के कुछ कर्मचारियों से बात की. उन्होंने लड्डू बनाने में घी और अन्य सामग्री के उपयोग और गुणवत्ता के बारे में जानकारी ली.
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