पटना :2024 लोकसभा चुनाव के लिए आरजेडी ने अपनी 22 प्रत्याशियों लिस्ट जारी कर दी है. एक सीट सिवान पर अभी तक आरजेडी ने अपना प्रत्याशी के नाम की घोषणा नहीं की है. ऐसे में लोकसभा चुनाव के दौरान बिहार में बहुत ही कांटे की टक्कर होने की बात कही जा रही है, क्योंकि आरजेडी ने समीकरण के हिसाब से 22 प्रत्याशियों को अपना उम्मीदवार घोषित किया है.
जातिगत समीकरण को साधने की कोशिश :2024 लोकसभा चुनाव के लिए आरजेडी ने यादव जाति से 8 उम्मीदवार को चुनावी मैदान में उतारा है. जबकि 2 रविदास, 3 कुशवाहा, पासवान, धानुक, गंगोता चौपाल से 1-1 और दो सवर्ण उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है.
9 सीटों पर BJP और RJD में सीधा मुकाबला :2024 लोकसभा चुनाव में आरजेडी जिन 22 सीटों पर चुनाव लड़ रही है, उसमें 9 सीट पर उसका बीजेपी से मुकाबला है. नवादा, सारण, दरभंगा, बक्सर, पाटलिपुत्र, औरंगाबाद, उजियारपुर, अररिया और मधुबनी सीट पर आरजेडी का सीधा मुकाबला बीजेपी से है.
नावादा का रण :नावादा से श्रवण कुमार कुशवाहा को आरजेडी ने अपना प्रत्याशी बनाया है. नवादा सीट BJP का गढ़ कहा जाता है. पहले भोला सिंह, 2014 में गिरिराज सिंह, 2019 में चंदन सिंह यहां से सांसद चुने गए. 2024 में BJP ने पार्टी के वरिष्ठ नेता सीपी ठाकुर के पुत्र विवेक ठाकुर को अपना उम्मीदवार बनाया है. आरजेडी ने श्रवण कुशवाहा को टिकट देकर कुशवाहा वोट में सेंध लगाने की कोशिश की है.
पाटलिपुत्र में चाचा Vs भतीजी :पाटलिपुत्र से लालू यादव की बड़ी बेटी मीसा भारती को आरजेडी से एक बार फिर टिकट मिला है. 2014 और 2019 में भी मीसा भारती यहां से चुनाव लड़ चुकी है. यहां उनका मुकाबला एक बार फिर से कभी लालू यादव के सबसे करीबी रहे रामकृपाल यादव से है. 2014 और 2019 में रामकृपाल यादव ने मीसा भारती को चुनाव में हराया था. इस बार भी चुनाव बड़ा दिलचस्प है. दोनों एक-दूसरे को चाचा-भतीजी कहकर पुकारते हैं.
सारण में रूडी के सामने रोहिणी :सारण से राजद की टिकट पर लालू प्रसाद की दूसरी बेटी रोहिणी आचार्य चुनावी मैदान में हैं. सारण में उनका मुकाबला बीजेपी के वर्तमान सांसद राजीव प्रताप रुडी से है. रुडी 2014 और 2019 से लगातार सांसद बन रहे हैं. सारण लालू प्रसाद का परंपरागत सीट है. लालू प्रसाद यहां से 4 बार सांसद रह चुके हैं. राजीव प्रताप रुडी भी सारण से अब तक 4 बार सांसद रह चुके हैं. इस बार रोहिणी का मुकाबला फिर से रुडी से है. लेकिन इस बार सारण की लड़ाई कांटे की है. लालू प्रसाद को किडनी दान देने के कारण रोहिणी सुर्खियों में हैं. रोहिणी को इस बार सिम्पैथी वोट मिलने की बात कही जा रही है.
दरभंगा में ब्राह्मण के सामने यादव :दरभंगा से ललित यादव को आरजेडी ने अपना उम्मदीवार बनाया है. ललित यादव दरभंगा के मनीगाछी से विधायक हैं. वे लगातार 6 बार से आरजेडी के विधायक बन रहे हैं. दरभंगा सीट बीजेपी का गढ़ माना जाता है. 2009 और 2014 में कीर्ति आजाद यहां से चुनाव जीते थे. 2019 में गोपालजी ठाकुर चुनाव जीते. इस बार गोपालजी ठाकुर से ललित यादव का सीधा मुकाबला है. ललित यादव 2005 से अबतक विधायक का चुनाव कभी नहीं हारे. इस लिए 2024 का चुनाव दिलचस्प होने की उम्मीद है.
मधुबनी में फातमी पर जताया भरोसा :मधुबनी से अली अशरफ फातमी को आरजेडी ने अपना उम्मीदवार बनाया है.अली अशरफ फातमी दरभंगा से चार बार सांसद रह चुके हैं. इस बार फातिमी को आरजेडी ने मधुबनी से अपना उम्मीदवार बनाया है. यहां उनका मुकाबला बीजेपी के सांसद अशोक कुमार यादव से है. 2019 में अशोक कुमार यादव 4 लाख से अधिक मतों से सांसद चुने गए थे. इस बार भी अशोक यादव का पलड़ा भारी दिख रहा है.
बक्सर से ताल ठोक रहे सुधाकर सिंह :बक्सर से आरजेडी ने जगदानंद सिंह के पुत्र और पूर्व कृषि मंत्री सुधाकर सिंह को अपना उम्मीदवार बनाया है. सुधाकर सिंह का मुकाबला बीजेपी के मिथिलेश तिवारी से है. बक्सर से बीजेपी ने अश्विनी चौबे का टिकट काट कर मिथिलेश तिवारी को टिकट दिया है. सुधाकर सिंह किसानों की समस्या के मुद्दे पर चुनाव लड़ रहे हैं. इस बार बक्सर में कांटे की टक्कर मानी जा रही है.
उजियारपुर में नित्यानंद राय के सामने आलोक मेहता :उजियारपुर से आलोक कुमार मेहता को आरजेडी ने अपना उम्मीदवार बनाया है. जहां उनका मुकाबला बीजेपी के दिग्गज और वर्तमान में गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय से है. आलोक मेहता एक बार समस्तीपुर से लोकसभा के सदस्य रह चुके हैं. लेकिन 2024 लोकसभा चुनाव में आलोक मेहता उजियारपुर मुकाबला कर रहे हैं. हालांकि अभी भी नित्यानंद राय का पलड़ा भारी दिख रहा है.
औरंगाबाद में JDU से आए अभय कुशवाहा पर भरोसा :औरंगाबाद से अभय कुमार कुशवाहा पर आरजेडी ने भरोसा जताया है. औरंगाबाद सीट को राजपूतों का चित्तौरगढ़ कहा जाता है. यहाँ से सुशील सिंह 2009 में जदयू से 2014 और 2019 में बीजेपी की टिकट पर चुनाव जीत चुके हैं. इस बार आरजेडी ने कुशवाहा वोटरों को ध्यान रखते हुए अभय कुशवाहा को टिकट दिया है, लेकिन इस बार भी बीजेपी का पलड़ा भारी दिख रहा है.
''बिहार में बीजेपी और आरजेडी में 9 सीट पर सीधा मुकाबला है. इन सभी सीटों पर बीजेपी रिकॉर्ड वोट से जीतेगी. मिथिला की सभी परंपरागत सीट पर बीजेपी 5 लाख वोट से जीत हासिल करेगी. सारण, औरंगाबाद और नवादा हमारी परंपरागत सीट है, जहां से इस बार बीजेपी फिर से जीत हासिल करेगी. 2024 लोकसभा चुनाव में आरजेडी का बिहार में खाता तक नहीं खुलेगा.''- कुंतल कृष्ण, बीजेपी प्रवक्ता
9 सीट पर जदयू और राजद में टक्कर :2024 लोकसभा चुनाव में 9 सीट पर जदयू का राजद से मुकाबला है. बांका, पूर्णिया, सुपौल, जहानाबाद, सीतामढ़ी, शिवहर, वाल्मीकि नगर, मुंगेर और मधेपुरा सीट पर जेडीयू और राजद के बीच में सीधी लड़ाई है.
पूर्णिया में बीमा भारती की एंट्री :पूर्णिया से बीमा भारती को राजद ने अपना उम्मीदवार बनाया है. 2024 लोकसभा चुनाव का सबसे दिलचस्प मुकाबला पूर्णिया में देखने को मिलेगा. 2014 और 2019 में जदयू के संतोष कुशवाहा यहां से चुनाव जीत रहे हैं. इस बार भी जदयू ने संतोष कुशवाहा को अपना प्रत्यशी बनाया है. लेकिन इस बार पप्पू यादव इस सीट के सबसे चर्चित उम्मीदवार हैं. पप्पू यादव यहां से निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं. भले ही बीमा भारती को राजद ने उम्मीदवार बनाया है, लेकिन 2024 के चुनाव में जदयू प्रत्याशी का मुकाबला निर्दलीय पप्पू यादव से ही होने की संभावना है.
बांका JP यादव पर भरोसा :बांका जय प्रकाश यादव पर राजद ने एक बार फिर से भरोसा जताया है. बांका में जयप्रकाश यादव का सीधा मुकाबला जदयू के निवर्तमान सांसद गिरिधारी यादव से है. पिछले चुनाव में जयप्रकाश यादव को ही हरा कर गिरिधारी यादव सांसद बने थे.
सुपौल की जंग :सुपौल से चंद्रहास चौपाल को राजद ने पहली बार अपना उम्मीदवार बनाया है. सुपौल सीट पर अतिपिछड़ा उम्मीदवार जीत होती रही है. 2019 में जदयू के दिलेश्वर कामत यहां से चुनाव जीते थे. इस बार भी जदयू ने दिलेश्वर कामत को ही अपना उम्मदीवार बनाया है. राजद ने इसबार चौपाल बिरादरी के नेता को अपना उम्मदीवार बनाया है. लेकिन इस बार भी जतीय समीकरण के हिसाब से जदयू का पलड़ा भारी दिख रहा है.