पटना : बिहार में 42 साल बाद अखिल भारतीय पीठासीन अधिकारी सम्मेलन 20 और 21 जनवरी को आयोजित होने जा रहा है. बिहार विधानसभा में आयोजित होने वाले इस 85वें सम्मेलन की तैयारी पूरी जोर-शोर से चल रही है. विधानसभा अध्यक्ष नंदकिशोर यादव स्वयं अधिकारियों के साथ लगातार बैठक कर रहे हैं और विधानसभा परिसर में हो रही तैयारियों की मॉनीटरिंग कर रहे हैं. सम्मेलन में संवैधानिक व्यवस्था को सुदृढ़ करने में संसद और विधायिका की भूमिका पर चर्चा होगी.
देशभर के पीठासीन अधिकारियों का सम्मेलन : इस सम्मेलन में पूरे देश के पीठासीन पदाधिकारी, 28 राज्यों के विधानसभा अध्यक्ष, 6 विधानसभा परिषद के सभापति और केंद्र शासित प्रदेशों के स्पीकर सहित लगभग 300 अतिथि शामिल होंगे. लोकसभा के अध्यक्ष ओम बिरला सम्मेलन का उद्घाटन करेंगे, जबकि राज्यसभा के डिप्टी चेयरमैन हरिवंश भी इस कार्यक्रम में विशेष रूप से उपस्थित होंगे. सम्मेलन में संसद और विधायिका की भूमिका पर विस्तार से चर्चा होगी. यह सम्मेलन 1982 के बाद बिहार में आयोजित हो रहा है, जब कांग्रेस के राधा नंदन झा विधानसभा अध्यक्ष थे.
विधानसभा और विधान परिषद की भव्य सजावट : सम्मेलन के लिए विधानसभा और विधान परिषद को दुल्हन की तरह सजाया गया है. कोलकाता से विशेष घास मंगवाई गई है और सजावट का काम अंतिम रूप में है. सभी प्रमुख होटलों और अतिथि शालाओं में अतिथियों के ठहरने की व्यवस्था पहले ही कर दी गई है. सम्मेलन में कई विधानसभा अध्यक्ष अपने परिवारों के साथ शामिल होंगे.
सम्मेलन का आयोजन और अतिथियों की व्यवस्था : 20 जनवरी को उद्घाटन सत्र विधानसभा के सेंट्रल हॉल में होगा. सम्मेलन में शामिल होने वाले सभी अतिथि 19 जनवरी को पटना पहुंचेंगे. समापन सत्र भी 21 जनवरी को सेंट्रल हॉल में होगा, और इसके बाद सभी अतिथि पटना के प्रमुख पर्यटन स्थलों जैसे हरि मंदिर साहिब गुरुद्वारा, बापू टावर, सभ्यता द्वार और बिहार संग्रहालय का भ्रमण करेंगे.
प्रोटोकॉल और लाइजन व्यवस्था : विधानसभा अध्यक्ष नंदकिशोर यादव ने अधिकारियों को निर्देशित किया है कि वे सभी अतिथियों को किसी भी प्रकार की परेशानी से बचाने के लिए पूरी व्यवस्था करें. प्रोटोकॉल और लाइजन अधिकारियों को आगंतुकों के आगमन, परिवहन, आवास, कार्यक्रमों में सहभागिता और पोस्ट-कॉन्फ्रेंस भ्रमण की पूरी व्यवस्था सुनिश्चित करनी होगी.
सम्मेलन के दौरान विस्तृत चर्चा : विधानसभा उपाध्यक्ष नरेंद्र नारायण यादव ने कहा कि इस सम्मेलन में सतत विकास में विधायिका की भूमिका पर भी विस्तृत चर्चा होगी.
चेंबर में बैठने की व्यवस्था : जानकारी के अनुसार लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी के चेंबर में बैठेंगे, वहीं राज्यसभा के डिप्टी चेयरमैन हरिवंश जी संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी के चेंबर में, लोकसभा के महासचिव उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा के चेंबर में और राज्यसभा के महासचिव नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के चेंबर में बैठेंगे. सम्मेलन के दौरान विधानसभा के अध्यक्ष अपने-अपने विधानसभा और संसदीय व्यवस्था को लेकर विचार साझा करेंगे.
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