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जय प्रकाश 3 बार बने सांसद, हर बार अलग  पार्टी से, जानिए टिकट की रेस में बृजेंद्र सिंह पर कैसे पड़े भारी - CONGRESS CANDIDATE JAI PRAKASH - CONGRESS CANDIDATE JAI PRAKASH

Hisar Congress Candidate Jaiprakash: हरियाणा की हिसार लोकसभा सीट से कांग्रेस ने पूर्व सांसद जयप्रकाश को उम्मीदवार बनाया है. हैरान करने वाली बात ये है कि बीजेपी छोड़कर कांग्रेस में घर वापसी करने वाले चौधरी बीरेंद्र सिंह के बेटे बृजेंद्र को टिकट नहीं मिला. बृजेंद्र 2019 में हिसार से सांसद थे. आखिर कांग्रेस ने जयप्रकाश पर दांव क्यों खेला? राजनीतिक के पुराने खिलाड़ी जय प्रकाश बृजेंद्र सिंह पर क्यों भारी पड़े, ये सवाल सियासी गलियारों में तैर रहा है.

Hisar Congress Candidate Jaiprakash
Hisar Congress Candidate Jai prakash

By ETV Bharat Haryana Team

Published : Apr 26, 2024, 8:39 PM IST

Updated : Oct 3, 2024, 9:27 PM IST

चंडीगढ़: हरियाणा में लोकसभा चुनाव की लड़ाई अब दिलचस्प हो गई है. उम्मीदवारों के लिए माथापच्ची कर रही कांग्रेस ने आखिरकार अपने 8 कैंडिडेट घोषित कर दिए. इनमें सबसे चौंकाने वाला नाम हिसार सीट से पूर्व सांसद और केंद्रीय मंत्री जयप्रकाश का है. क्योंकि हिसार से 2019 में बीजेपी से चौधरी बीरेंद्र सिंह के बेटे बृजेंद्र सिंह जीते थे. चुनाव से पहले चौधरी बीरेंद्र और बृजेंद्र दोनों कांग्रेस में शामिल हो गये थे. उम्मीद जताई जा रही थी कि कांग्रेस उन्हे ही उम्मीदवार बनायेगी. लेकिन कहा जा रहा है कि सियासी समीकरण और सियासी अनुभव को देखते हुए आखिरी वक्त में कांग्रेस ने जय प्रकाश को टिकट देने का फैसला किया.

जय प्रकाश कांग्रेस की सोशल इंजीनियरिंग में फिट

हरियाणा कांग्रेस के लोकसभा उम्मीदवारों का 25 अप्रैल को ऐलान हुआ तो हिसार सीट से जय प्रकाश का नाम शामिल था. इसके पीछे कांग्रेस ने पूरी सोशल इंजीनियरिंग का ध्यान रखते हुए जय प्रकाश को हिसार से टिकट दिया है. हिसार से बीजेपी के रणजीत चौटाला मैदान में हैं. उनके लिए सबसे बड़ी पूंजी यही है कि वो ताऊ देवीलाल के बेटे हैं. इसलिए उनके सामने पुराने और बीजेपी के धुर विरोधी उम्मीदवार को उतारना जरूरी था. जय प्रकाश भी जाट समुदाय से ही आते हैं और राजनीति में उनकी अच्छी पकड़ है. साथ ही वो ज्यादातर बीजेपी विरोध की राजनीति करते रहे हैं. वो हिसार से तीन बार लोकसभा चुनाव जीत चुके हैं.

टिकट की रेस में जय प्रकाश से क्यों हारे बृजेंद्र सिंह?

बीजेपी के सांसद रहे बृजेंद्र सिंह के मुकाबले जय प्रकाश को टिकट देने के पीछे कई अहम कारण बताये जा रहे हैं. सियासी जानकार कहते हैं कि सबसे बड़ा कारण बीजेपी के खिलाफ एंटी इनकंबेंसी को माना जा रहा है. क्योंकि 5 साल तक बीजेपी के सांसद होने के चलते माहौल बृजेंद्र सिंह के खिलाफ था. किसान आंदोलन के दौरान भी बृजेंद्र सिंह कुछ नहीं बोले जिसके चलते किसान नाराज हैं. वहीं जयप्रकाश खुलकर किसानों के समर्थन में थे. बृजेंद्र को सत्ता विरोधी लहर का सामना करना पड़ता जबकि जय प्रकाश को इसका फायदा मिल सकता है. जय प्रकाश भी जाट समुदाय से आते हैं और उनकी हिसार में अच्छी पकड़ मानी जाती है.

3 बार अलग पार्टी से सांसद बने जय प्रकाश

70 साल के जय प्रकाश का राजनीति में लंबा अनुभव है. 1989 में वो पहली बार जनता दल के टिकट पर हिसार से सांसद बने. वीपी सिंह के बाद जब चंद्रशेखर प्रधानमंत्री बने तो जय प्रकाश कुछ महीनों के लिए पेट्रोलियम और रसायन मंत्रालय में उप मंत्री बनाये गये. दूसरी बार 1996 के लोकसभा चुनाव में वो बंसीलाल की हरियाणा विकास पार्टी के टिकट पर हिसार से लोकसभा चुनाव जीतकर सांसद बने. जबकि तीसरी बार 2004 में कांग्रेस के टिकट पर जीतकर जय प्रकाश संसद पहुंचे. जय प्रकाश कैथल जिले के रहने वाले हैं. वो कलायत हलके से निर्दलीय विधायक भी रह चुके हैं.

2022 में लड़े थे आदमपुर विधानसभा उपचुनाव

जय प्रकाश आखिरी बार 2022 में भजनलाल के गढ़ आदमपुर विधानसभा सीट का उपचनाव लड़े थे. राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग करने के बाद कुलदीप बिश्नोई ने कांग्रेस छोड़ दी थी. उसके बाद उन्होंने विधानसभा से भी इस्तीफा दे दिया था. जिसके चलते आदमपुर सीट पर उपचुनाव हुआ. इस चुनाव में बीजेपी ने कुलदीप बिश्नोई के बेटे भव्य बिश्नोई को टिकट दिया जबकि उनके खिलाफ कांग्रेस ने जय प्रकाश को उतारा. हलांकि जय प्रकाश ये चुनाव हार गये लेकिन उन्हे कुलदीप बिश्नोई की परंपरागत सीट पर अच्छे वोट मिले थे. जयप्रकाश को कुल 51 हजार 752 वोट हासिल हुए. भव्य बिश्नोई 67 हजार 492 वोट लेकर 15740 वोट से विजयी हुए थे.

हिसार लोकसभा सीट का समीकरण

हिसार लोकसभा क्षेत्र में तीन जिलों की कुल 9 विधानसभा सीटें आती हैं. हिसार जिले की 7 विधानसभा सीटें, जींद की उचाना कलां और भिवानी की बवानीखेड़ा शामिल हैं. बवानीखेड़ा से बीजेपी विधायक बिशम्भर वाल्मीकि नायब सैनी कैबिनेट में मंत्री हैं. इन 9 सीटों में से 2019 में एक भी कांग्रेस नहीं जीत पाई. 9 में से 5 पर बीजेपी और 4 पर जेजेपी का कब्जा है. उचाना कलां से पूर्व डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला विधायक हैं.

हिसार सीट पर देवीलाल परिवार और जय प्रकाश में मुकाबला
हिसार से इस बार बीजेपी ने देवीलाल के बेटे और पूर्व मंत्री रणजीत चौटाला को टिकट देकर मैदान में उतारा है.
इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) ने सुनैना चौटाला को उम्मीदवार बनाया है. सुनैना देवीलाल के बेटे प्रताप चौटाला की बहू हैं.
जननायक जनता पार्टी की तरफ से अजय चौटाला की पत्नी और पूर्व डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला की मां नैना चौटाला लड़ रही हैं
कांग्रेस ने पूर्व केंद्रीय मंत्री जय प्रकाश को टिकट दिया है. जय प्रकाश हिसार से तीन बार लोकसभा चुनाव जीत चुके हैं

हरियाणा में 25 मई को है मतदान

हरियाणा में 25 मई को मतदान है. हरियाणा में लोकसभा की कुल 10 सीटें हैं. 2019 में सभी दस सीटें बीजेपी ने जीती थीं. बीजेपी एक बार फिर सभी सीटों जीतने का दावा कर रही है. हलांकि राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इस बार बीजेपी के लिए सभी सीटें जीतना आसान नहीं है. मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देकर खुद मनोहर लाल करनाल सीट से उम्मीदवार बनाये गये हैं.

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Last Updated : Oct 3, 2024, 9:27 PM IST

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