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मंत्री का बेटा मंत्री और सीएम का बेटा सीएम बनेगा, झारखंड में सच हुई ये कहानी, जानिए कैसे - jharkhand politics - JHARKHAND POLITICS

Santhals dominate Jharkhand politics. राजनीति में हमेशा परिवारवाद की चर्चा होती रहती है. अक्सर इसे लेकर बयानबाजी भी होती रहती है. अगर इस बार के हेमंत सोरेन मंत्रिमंडल को देखा जाए तो यह बात सटीक बैठती है कि यहां मंत्री का बेटा मंत्री और सीएम का बेटा सीएम बनता है. देखिए पूरी रिपोर्ट

KNOW HOW MINISTER SON BECAME MINISTER AND CM SON BECAME CM IN JHARKHAND
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Jul 9, 2024, 2:30 PM IST

गोड्डाः हेमंत सोरेन के मंत्रिमंडल का गठन हो गया. तीन नए चेहरे मंत्रिमंडल में शामिल हुए हैं. जो तीन नए चेहरे शामिल किए गए हैं, उसमे से संथाल से दो चेहरे इरफान अंसारी और दीपिका पांडेय सिंह को कांग्रेस कोटे से मंत्री बनाया गया है. ये दोनों पहली बार मंत्री बने हैं. वहीं तीसरे झामुमो के कोटे से मंत्री बने हैं बैद्यनाथ राम. वो पहले भी भाजपा सरकार में मंत्री रह चुके हैं पलामू प्रमंडल से आते हैं.

संथाल से मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन समेत कुल चार मंत्री हैं, जिनमें हफीजुल हसन, दीपिका पांडेय सिंह और इरफान अंसारी का नाम शामिल है. संथाल परगना के इन चारों लोगों की पृष्ठभूमि पर नजर डालेंगे तो सबको राजनीति विरासत में मिली है.

संथाल से मंत्रिमंडल का जो हिस्सा हैं, उनमें झामुमो कोटे से पहला नाम हफीजुल हसन है, उन्हें अल्पसंख्यक कल्याण, खेल व पर्यटन के साथ-साथ शहरी विकास मंत्री बनाया गया है. बता दें कि इनके पिता हाजी हुसैन अंसारी भी झारखंड सरकार मे मंत्री थे. उनके निधन के बाद खाली सीट पर हफीजुल जीत कर आये और फिलहाल मंत्री हैं.

वहीं कांग्रेस कोटे से इरफान अंसारी को ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री बनाया गया है. ये जामताड़ा से लगातार दूसरी बार विधायक हैं. अपने बयानों के कारण चर्चा मे रहते हैं. बता दें कि इरफान अंसारी के पिता भी संयुक्त बिहार में ग्रामीण विकास मंत्री और पथ निर्माण मंत्री रहा चुके हैं. वे गोड्डा के सांसद भी रह चुके हैं. खुद इरफान अंसारी ने कहा कि उन्होंने घर में इन मंत्रालय को संभालते हुए पिता को देखा है.

अब बात दीपिका पांडेय सिंह की. वो पहली बार विधायक बनी हैं और उन्हें हेमंत सोरेन के कैबिनेट में कृषि मंत्री बनाया गया है. वो संयुक्त बिहार के दिग्गज कांग्रेसी पूर्व मंत्री अवध बिहारी सिंह की पुत्र वधु हैं. उनके पति रत्नेश्वर सिंह हैं. खुद दीपिका पांडेय सिंह के माता-पिता प्रतिभा पांडेय और अरुण पांडेय पुराने कांग्रेसी बड़े कद के नेता रहे हैं.

खुद हेमंत सोरेन संथाल के बरहेट से विधायक हैं. वो राज्य के मुख्यमंत्री भी हैं. पूर्व मुख्यमंत्री और झामुमो सुप्रीमो शिबू सोरेन के बेटे हैं. संथाल सोरेन परिवार की कर्मस्थली रही है. संथाल के दुमका से ही शिबू सोरेन सांसद रहे हैं.

राजनीति के जानकार पत्रकार शम्भू कुमार सिंह कहते हैं कि भले ही ये बातें कही जाती हो कि अब राजा का बेटा राजा नहीं बनेगा, लेकिन राजनीति मे ऐसे लगातार उदाहरण मिलते रहे हैं. इसमें कोई बुराई भी नहीं है. ये इत्तेफाक है कि संथाल में नेताओं की अगली पीढ़ी ने हेमंत-3 में अपने पुरखों की कुर्सी संभाली है. साथ ही बताया है सीएम का बेटा सीएम और मंत्री का बेटा ही मंत्री बनेगा.

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