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इस दस्तावेज के बिना न ड्राइविंग लाइसेंस मिलेगा और न पेट्रोल, सड़क मंत्रालय जल्द लागू कर सकता है नियम - DRIVING LICENSE

भारतीय सड़कों पर बिना बीमा वाले वाहनों की बढ़ती संख्या से निपटने के लिए केंद्रीय वित्त मंत्रालय बड़ा कदम उठा सकता है.

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इस दस्तावेज के बिना नहीं मिलेगा पेट्रोल (IANS)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jan 27, 2025, 7:18 PM IST

नई दिल्ली: भारतीय सड़कों पर बिना बीमा वाले वाहनों की बढ़ती संख्या से निपटने के लिए केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने हाल ही में थर्ड-पार्टी बीमा का विस्तार करने के लिए कई विभिन्न उपायों का प्रस्ताव दिया है. अगर ऐसा होता है तो आपके वाहन के लिए थर्ड-पार्टी बीमा प्रूफ करने वाले दस्तावेज जल्द ही आपके ड्राइविंग लाइसेंस के रेन्युबल,फास्टैग हासिल करने या ईंधन खरीदने के लिए अनिवार्य हो सकते हैं.

रिपोर्ट के मुताबिक प्रस्तावित उपायों में वाहन मालिकों को ईंधन खरीदने, फास्टैग प्राप्त करने, अपने ड्राइविंग लाइसेंस को नवीनीकृत करने या यहां तक ​​कि अपने प्रदूषण नियंत्रण प्रमाणपत्र प्राप्त करने से पहले यह साबित करना शामिल है कि उनके पास वैध थर्ड-पार्टी बीमा है.

वाहन मालिकों को टेक्स्ट मैसेज भेजे जाएं
मंत्रालय ने यह भी प्रस्ताव दिया है कि सरकार बिना बीमा वाले वाहन मालिकों को टेक्स्ट मैसेज भेजना शुरू करे. यह कदम ऐसे समय उठाया गया है, जब केंद्र भारत के बीमा कवरेज में अंतर को पाटना चाहता है, जो मोटर वाहन अधिनियम के तहत कड़े दंड के बावजूद चिंता का विषय बना हुआ है, क्योंकि भारतीय सड़कों पर आधे से अधिक वाहन थर्ड पार्टी रिस्क के लिए बीमाकृत नहीं हैं.

तीन महीने तक की जेल
मोटर वाहन एक्ट 1988 के तहत सभी मोटर वाहनों के लिए अनिवार्य रूप से थर्ड-पार्टी रिस्क को कवर करने वाली बीमा पॉलिसी होनी चाहिए. इसका उल्लंघन करने वालों को तीन महीने तक की जेल हो सकती है. सड़क मंत्रालय के भी सख्त प्रवर्तन उपाय शुरू करने की संभावना है. इसको लेकर जल्द ही अधिसूचना जारी होने की उम्मीद है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि सभी राज्य और केंद्र शासित प्रदेश इन नियमों को प्रभावी ढंग से लागू करें.

लाइवमिंट ने नाम न छापने की शर्त पर दो सूत्रों में से एक के हवाले से बताया, "इन प्रस्तावों पर काम किया जा रहा है और जल्द ही सड़क मंत्रालय मोटर वाहन अधिनियम को कंट्रोल करने वाले नियमों में बदलाव कर सकता है, ताकि विभिन्न वाहन-संबंधी अनुपालनों को थर्ड पार्टी बीमा कवर से जोड़ा जा सके और आवश्यक नोटिफिकेशन जारी की जा सकें. साथ ही, सड़क मंत्रालय सभी राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों को मोटर वाहन एक्ट के प्रावधानों के सख्त प्रवर्तन के लिए आवश्यक निर्देश जारी करेगा, जो अनिवार्य थर्ड पार्टी बीमा कवर को अनिवार्य बनाता है."

वर्तमान में 1988 के मोटर वाहन अधिनियम के तहत सभी मोटर वाहनों के लिए थर्ड-पार्टी बीमा अनिवार्य है, जिसके बिना पकड़े जाने पर तीन महीने तक की कैद या जुर्माना सहित दंड का प्रावधान है.

भारत में वाहन बीमा कवरेज 50 फीसदी है
भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण के आंकड़ों के अनुसार भारत में थर्ड-पार्टी बीमा कवरेज 2024 में भारतीय सड़कों पर चलने वाले लगभग 350-400 मिलियन वाहनों का केवल लगभग 50 प्रतिशत था. हाल ही में एक संसदीय स्थायी समिति की रिपोर्ट ने भी इस अंतर को दूर करने की आवश्यकता को रेखांकित किया और इस मुद्दे से निपटने के उपाय मांगे.पैनल ने यह भी सिफारिश की कि वित्तीय संस्थान बीमा कवरेज का प्रमाण प्राप्त करने के बाद ही ऑटो लोन जारी करें.

यह भी पढ़ें- वक्फ संशोधन बिल को JPC की मंजूरी, NDA के सभी संशोधन स्वीकार, विपक्ष का हर बदलाव खारिज

नई दिल्ली: भारतीय सड़कों पर बिना बीमा वाले वाहनों की बढ़ती संख्या से निपटने के लिए केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने हाल ही में थर्ड-पार्टी बीमा का विस्तार करने के लिए कई विभिन्न उपायों का प्रस्ताव दिया है. अगर ऐसा होता है तो आपके वाहन के लिए थर्ड-पार्टी बीमा प्रूफ करने वाले दस्तावेज जल्द ही आपके ड्राइविंग लाइसेंस के रेन्युबल,फास्टैग हासिल करने या ईंधन खरीदने के लिए अनिवार्य हो सकते हैं.

रिपोर्ट के मुताबिक प्रस्तावित उपायों में वाहन मालिकों को ईंधन खरीदने, फास्टैग प्राप्त करने, अपने ड्राइविंग लाइसेंस को नवीनीकृत करने या यहां तक ​​कि अपने प्रदूषण नियंत्रण प्रमाणपत्र प्राप्त करने से पहले यह साबित करना शामिल है कि उनके पास वैध थर्ड-पार्टी बीमा है.

वाहन मालिकों को टेक्स्ट मैसेज भेजे जाएं
मंत्रालय ने यह भी प्रस्ताव दिया है कि सरकार बिना बीमा वाले वाहन मालिकों को टेक्स्ट मैसेज भेजना शुरू करे. यह कदम ऐसे समय उठाया गया है, जब केंद्र भारत के बीमा कवरेज में अंतर को पाटना चाहता है, जो मोटर वाहन अधिनियम के तहत कड़े दंड के बावजूद चिंता का विषय बना हुआ है, क्योंकि भारतीय सड़कों पर आधे से अधिक वाहन थर्ड पार्टी रिस्क के लिए बीमाकृत नहीं हैं.

तीन महीने तक की जेल
मोटर वाहन एक्ट 1988 के तहत सभी मोटर वाहनों के लिए अनिवार्य रूप से थर्ड-पार्टी रिस्क को कवर करने वाली बीमा पॉलिसी होनी चाहिए. इसका उल्लंघन करने वालों को तीन महीने तक की जेल हो सकती है. सड़क मंत्रालय के भी सख्त प्रवर्तन उपाय शुरू करने की संभावना है. इसको लेकर जल्द ही अधिसूचना जारी होने की उम्मीद है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि सभी राज्य और केंद्र शासित प्रदेश इन नियमों को प्रभावी ढंग से लागू करें.

लाइवमिंट ने नाम न छापने की शर्त पर दो सूत्रों में से एक के हवाले से बताया, "इन प्रस्तावों पर काम किया जा रहा है और जल्द ही सड़क मंत्रालय मोटर वाहन अधिनियम को कंट्रोल करने वाले नियमों में बदलाव कर सकता है, ताकि विभिन्न वाहन-संबंधी अनुपालनों को थर्ड पार्टी बीमा कवर से जोड़ा जा सके और आवश्यक नोटिफिकेशन जारी की जा सकें. साथ ही, सड़क मंत्रालय सभी राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों को मोटर वाहन एक्ट के प्रावधानों के सख्त प्रवर्तन के लिए आवश्यक निर्देश जारी करेगा, जो अनिवार्य थर्ड पार्टी बीमा कवर को अनिवार्य बनाता है."

वर्तमान में 1988 के मोटर वाहन अधिनियम के तहत सभी मोटर वाहनों के लिए थर्ड-पार्टी बीमा अनिवार्य है, जिसके बिना पकड़े जाने पर तीन महीने तक की कैद या जुर्माना सहित दंड का प्रावधान है.

भारत में वाहन बीमा कवरेज 50 फीसदी है
भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण के आंकड़ों के अनुसार भारत में थर्ड-पार्टी बीमा कवरेज 2024 में भारतीय सड़कों पर चलने वाले लगभग 350-400 मिलियन वाहनों का केवल लगभग 50 प्रतिशत था. हाल ही में एक संसदीय स्थायी समिति की रिपोर्ट ने भी इस अंतर को दूर करने की आवश्यकता को रेखांकित किया और इस मुद्दे से निपटने के उपाय मांगे.पैनल ने यह भी सिफारिश की कि वित्तीय संस्थान बीमा कवरेज का प्रमाण प्राप्त करने के बाद ही ऑटो लोन जारी करें.

यह भी पढ़ें- वक्फ संशोधन बिल को JPC की मंजूरी, NDA के सभी संशोधन स्वीकार, विपक्ष का हर बदलाव खारिज

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