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जानिए कौन हैं पद्मश्री पाने वाले बहरूपिया कलाकार जानकी लाल भांड

भीलवाड़ा शहर के रहने वाले 84 वर्षीय जानकी लाल भांड को बहरूपिया कला को जिंदा रखने की वजह से पद्मश्री पुरस्कार से नावाज जाएगा. पद्मश्री पुरस्कार मिलने की सूचना मिलने के साथ ही उनके परिवार और परिचित लोगों में खुशी की लहर दौड़ गई. इसके बाद उन्हें बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है.

बहरूपिया बाबा को पद्मश्री
बहरूपिया बाबा को पद्मश्री

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jan 26, 2024, 6:47 PM IST

Updated : Jan 26, 2024, 7:31 PM IST

जानकीलाल भांड को मिलेगा पद्मश्री

भीलवाड़ा. शहर के रहने वाले 84 वर्षीय जानकी लाल भांड जो पौराणिक लुप्त होती बहरूपिया कला को जिंदा रखे हुए हैं. पद्मश्री पुरस्कार के लिए उनके नाम की घोषणा होने के बाद जानकी लाल भांड ने कहा कि मुझे खुशी है कि मैंने अपनी बहरूपिया कला जीवित रखी. उन्होंने कहा कि भविष्य में मेरी सरकार से मांग है कि मुझे कुछ जमीन उपलब्ध करवाये जिससे इस कला को मैं और बच्चों को सीखा सकूं जिससे बहरूपिया कला जीवित रह सके.

भीलवाड़ा शहर में रहने वाले बहुरूपिया कलाकार जानकी लाल भांड को पद्मश्री से सम्मानित करने की घोषणा के साथ ही उनके घर पर उनके शुभचिंतकों का तांता लगा हुआ है. हर कोई भीलवाड़ा शहर के भीतरी इलाके भोमिया का रावला चौक में उनके घर पहुंचकर उन्हें बधाई दे रहा है.

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बहरूपिया बाबा को पद्मश्री:चित्तौड़गढ़ जिले से महज 20 साल की उम्र में भीलवाड़ा की एक टेक्सटाइल मील मजदूर के रूप में अपना जीवन शुरू करने वाले जानकी लाल का मन काम में नहीं लगा और उन्होंने अपनी विरासत में मिली बहुरूपिया कला को जिंदा रखने का ही फैसला किया. 84 वर्षीय जानकी लाल भांड 60 सालों से ज्यादा समय उन्होंने इस कला को जिंदा रखने की पूरी कोशिश की. उन्हें परेशानिया तो खूब उठानी पड़ी पर उन्होंने कभी हार नहीं मानी. भारत के साथ-साथ दुनिया के आठ देशों में जानकीलाल ने अपनी कला का परचम लहराया. जानकी लाल भांड ने पद्मश्री मिलने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार जताया.

जानकी लाल भांड ने कहा कि मुझे पद्मश्री पुरस्कार के लिए नाम की घोषणा से काफी खुशी हुई है. उन्होंने कहा कि मैं जब तक जीवित रहूगा तब तक इस कला में किरदार निभाता रहूंगा. आज के दौर मे भी मैं बाजारों में रहा चलते आदमी को हंसा देता हूं जिससे लोग मेरे से काफी प्रसन्न रहते हैं . उन्होंने कहा कि अब उम्र ज्यादा हो गई है इसलिए ज्यादा किरदार नहीं निभा सकता हूं लेकिन अभी भी मैं लोगों को हंसाता हूं.

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विदेशों में भी दिखा चुके हैं कला का जौहर :लंदन, जर्मनी, रूस और न्यूयार्क जैसे कई देशों में बहरूपिया कला का लोहा मनवाने वाले मंकी मैन के नाम से प्रसिद्ध जानकी लाल भांड को 83 वर्ष की उम्र में अब पद्मश्री से सम्मानित किया जा रहा है. जानकी लाल भांड ने का कि मैं कालिका माता ,भगवान भोले शंकर, गाडोलिया लोहार ,आदिवासी, कालबेलिया, ईरानी, पठान, कंजर, हनुमान ,बंदर सहित कई तरह के किरदार निभाता हूं मैं सबसे पहले लंदन में गया और वहां से न्यूयॉर्क, जर्मनी सहित आठ देशों में अलग-अलग किरदार निभा चुका हूं. विदेश में मेरा भगवान हनुमान और बंदर का फौज (किरदार) से मुझे प्रसिद्धि मिली थी.

सरकार से मांग:सरकार से क्या मांग है जिस सवाल पर जानकी लाल भांड ने कहा की हमारी सरकार से मांग है कि मुझे कोई ऐसी जगह मिले जहां में भविष्य की पीढ़ी को यह कला सिखा सकूं, जिससे यह बहरूपिया कला जीवित रह सके.

Last Updated : Jan 26, 2024, 7:31 PM IST

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