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पवन खेड़ा बोले- भाजपा ने फैलाया टैक्स आतंकवाद, GST मतलब गब्बर सीतारमण टैक्स, PM को बताया कायर - PAWAN KHERA TARGETS BJP

कांग्रेस के मीडिया एवं कम्युनिकेशन प्रमुख पवन खेड़ा ने जीएसटी को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने पीएम को कायर तक बता दिया.

Pawan Khera on GST
पवन खेड़ा (ETV Bharat Jaipur)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : 9 hours ago

जयपुर: कांग्रेस के मीडिया एवं कम्युनिकेशन प्रमुख और कांग्रेस वर्किंग कमेटी के सदस्य पवन खेड़ा ने गुरुवार को जयपुर में जीएसटी पर प्रेस वार्ता को संबोधित किया. उन्होंने जीएसटी को गब्बर सीतारमण टैक्स की संज्ञा दी और कहा कि इसके जरिए केंद्र की भाजपा सरकार ने टैक्स आतंकवाद फैलाया है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि यह डरपोक और कायरों की सरकार है. पीएम नरेंद्र मोदी सबसे बड़े कायर हैं, जो बिना टेलिप्रॉम्पटर के एक शब्द भी नहीं बोल पाते हैं.

इस मौके पर नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली, संगठन महासचिव ललित तूनवाल, महासचिव जसवंत गुर्जर, प्रवक्ता स्वर्णिम चतुर्वेदी और विधायक अमित चाचाण भी मौजूद रहे. प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए पवन खेड़ा ने कहा कि देश में जीएसटी लागू हुए 90 महीने हो चुके हैं. इस बीच कमोबेश हर दिन इसे लेकर एक नया सर्कुलर निकला है. जीएसटी का आधार सरलीकरण था, लेकिन यह कैसा सरलीकरण है कि 90 महीने में हर दिन एक नया सर्कुलर निकाला गया. उन्होंने कहा कि लोकसभा सत्र से पहले कांग्रेस जीएसटी का मुद्दा उठा रही है ताकि जब सदन चले तो सबका ध्यान इस तरफ जाए.

कांग्रेस नेता पवन खेड़ा का बड़ा बयान, सुनिए... (ETV Bharat Jaipur)

मध्यम और निम्न वर्ग को ज्यादा नुकसान : पवन खेड़ा ने कहा कि जीएसटी से गरीब तबके और मध्यम वर्ग को ज्यादा नुकसान हुआ है. इस तबके को जीएसटी से सबसे ज्यादा चोट पहुंची है. उन्होंने कहा कि जीएसटी का 64 फीसदी हिस्सा देश कि 50 फीसदी आबादी ने दिया है, जबकि तीन फीसदी आबादी वाले अमीर लोगों ने महज दस फीसदी हिस्सा दिया है. जीएसटी की सबसे ज्यादा मार मध्यम वर्ग, छोटे व्यापारी और गरीब आम जनता पर पड़ी है. आज की तारीख में जीएसटी के 9 स्लैब हैं.

पहली बार किसानों के उपकरणों पर लगाया कर : पवन खेड़ा ने कहा कि इस सरकार ने आजादी के बाद पहली बार किसानों के उपकरणों पर जीएसटी नहीं लगाया. इससे पहले किसी भी सरकार ने किसान उपकरणों पर टैक्स नहीं लगाया था. इस सरकार ने टैक्स आतंकवाद फैलाया. इन्होंने किसानों की आय दोगुनी करने का दावा किया था, लेकिन टैक्स लगाकर किसानों की लागत दोगुनी कर दी. पांच साल में इनकम टैक्स में 240 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. जीएसटी 177 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई. इसका आमजन को क्या लाभ मिला.

विशेषज्ञों ने भी बताए जीएसटी के नुकसान : उन्होंने कहा कि विदेशी विशेषज्ञ भी जीएसटी को नहीं समझ पाए. यहां तक कि प्रधानमंत्री के मुख्य आर्थिक सलाहकार रहे और जीएसटी के आर्किटेक्ट अरविंद सुब्रमण्यन ने भी इसे एक राष्ट्रीय त्रासदी बताया था. पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने 2017 में कहा था कि हम तो खुद जीएसटी लागू करना चाहते थे, लेकिन जिस तरीके से इसे बिना तैयारी के लागू किया जा रहा है. यह गरीब और मध्यम वर्ग को लूटने की नीति है.

पढे़ं : बायोमेट्रिक ऑथेंटिकेशन से ही मिलेगा जीएसटी रजिस्ट्रेशन, बोगस फर्म और जीएसटी चोरी पर लगेगा अंकुश - BIOMETRIC AUTHENTICATION FOR GST

जीएसटी चोरी का आंकड़ा एक साल में दोगुना : पवन खेड़ा ने कहा कि दो लाख करोड़ की जीएसटी चोरी 2023-24 में हुई. इससे पहले के साल में एक लाख करोड़ की चोरी हुई. एक साल में जीएसटी चोरी दोगुनी हो गई. इनपुट टैक्स क्रेडिट में धोखाधड़ी हो रही है. हजारों करोड़ रुपए की चोरी पकड़ी गई. जो नहीं पकड़ी गई, वह आंकड़ा अलग है.

हमने घोषणा पत्र में जीएसटी 2.0 लाने का वादा किया : कांग्रेस ने 2024 के लोकसभा चुनाव के घोषणा पत्र में लिखा था कि जीएसटी 2.0 की अब जरूरत है ताकि आमजन पर टैक्स का बोझ कम हो. जो जीएसटी 2017 में लागू हुई है, वह फेल हुई है. उन्होंने कहा कि हाल ही के महीनों में पीएम मोदी ने हमारे घोषणा पत्र की कई बार नकल की है. हम उनसे आग्रह करते हैं कि एक बार और हमारे घोषणा पत्र की नकल कीजिए और जीएसटी 2.0 को लागू कीजिए. आज जीएसटी का फुल फॉर्म गब्बर सीतारमण टैक्स हो चुका है. इससे आत्महत्या तक के मामले सामने आए हैं.

एक टैक्स का दावा, लेकिन पॉपकॉर्न पर तीन टैक्स : पवन खेड़ा ने कहा कि शुरू से ही परसेप्शन रहा है कि भाजपा बनियों की पार्टी है. आज ट्रेडर्स भी इससे परेशान हैं. कांग्रेस देश की भलाई के लिए जनहित से जुड़े मुद्दे उठा रही है. हर चीज को वोट से तौलना पीएम मोदी का काम है. कांग्रेस का काम मजबूत विपक्ष की हैसियत से जनता की आवाज बुलंद करना है. जीएसटी काउंसिल की बैठक में भी हम इन मुद्दों को उठाते हैं. वन नेशन वन इलेक्शन और वन नेशन वन टैक्स की भाजपा बात करती है, लेकिन एक पॉपकॉर्न पर भी तीन टैक्स हैं.

इंडिया गठबंधन में बिखराव के सवाल पर उन्होंने कहा कि इंडिया गठबंधन ने मजबूती से लोकसभा का चुनाव लड़ा और 400 पार का दावा करने वाली भाजपा को 240 पर रोक दिया. इंडिया गठबंधन राष्ट्रीय स्तर का गठबंधन था और है, लेकिन राज्यों में हालात अलग होते हैं. हमारी पंजाब और दिल्ली में स्थिति अलग है. पंजाब में हमारी इकाई ने अलग चुनाव लड़ने की बात कही. अब दिल्ली की इकाई ने भी लड़ाई लड़ने की बात कही है. हम उन्हें भी लड़ने दे रहे हैं.

राजधानी के रास्ते देश के अन्नदाता के लिए बंद : किसान आंदोलन के सवाल पर पवन खेड़ा ने कहा कि देश की राजधानी के दरवाजे अन्नदाता के लिए बंद है. यह बहुत अजीब बात है. जहां लोकतंत्र हो, वहां यह संभव नहीं कि राजधानी के दरवाजे किसानों के लिए बंद हो. आज भी एक किसान ने बॉर्डर पर खुदकुशी की कोशिश की. नौजवान अपनी मांगों को लेकर सड़क पर आता है तो लाठियां बरसाई जाती हैं.

हम सड़क पर आए तो इन्हें सुनना पड़ेगा : एक सवाल के जवाब में पवन खेड़ा ने कहा कि यह सरकार कायरों और डरपोकों की सरकार है. इस देश में अगर कोई सबसे बड़ा कायर है तो प्रधानमंत्री हैं, जो जरा भी दबाव नहीं झेल सकते हैं. पत्रकारों के सवाल नहीं झेल सकते हैं. बिना टेलिप्रॉम्पटर के बोल नहीं सकते हैं. ऐसे आदमी को यह याद दिलाना कि यह लोकतंत्र है और हम सड़क पर आएंगे तो आपको सुनना होगा. यह कोई मुश्किल काम नहीं है. वो जरूर सुनेंगे.

इनका अपना कोई नायक नहीं : पवन खेड़ा ने कहा कि भाजपा का अपना कोई नायक नहीं है. इसलिए कभी सरदार पटेल को हमसे छीनने का प्रयास करते हैं. कभी महात्मा गांधी को हमसे छीनने का प्रयास करते हैं. कभी सुभाष चन्द्र बोस को हमसे छीनने का प्रयास करते हैं. इनसे पूछना चाहिए कि सावरकर ने छत्रपति शिवाजी के लिए क्या शब्द इस्तेमाल किए. अगर इन्होंने वह पढ़ा होता तो सावरकर का नाम नहीं लेते. महिलाओं के लिए सावरकर ने क्या टिप्पणी की थी. बौद्ध धर्म और बाबा साहेब अंबेडकर के लिए सावरकर ने क्या कहा. यह एक बार पढ़ लें तो नाम लेना भूल जाएंगे.

जयपुर: कांग्रेस के मीडिया एवं कम्युनिकेशन प्रमुख और कांग्रेस वर्किंग कमेटी के सदस्य पवन खेड़ा ने गुरुवार को जयपुर में जीएसटी पर प्रेस वार्ता को संबोधित किया. उन्होंने जीएसटी को गब्बर सीतारमण टैक्स की संज्ञा दी और कहा कि इसके जरिए केंद्र की भाजपा सरकार ने टैक्स आतंकवाद फैलाया है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि यह डरपोक और कायरों की सरकार है. पीएम नरेंद्र मोदी सबसे बड़े कायर हैं, जो बिना टेलिप्रॉम्पटर के एक शब्द भी नहीं बोल पाते हैं.

इस मौके पर नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली, संगठन महासचिव ललित तूनवाल, महासचिव जसवंत गुर्जर, प्रवक्ता स्वर्णिम चतुर्वेदी और विधायक अमित चाचाण भी मौजूद रहे. प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए पवन खेड़ा ने कहा कि देश में जीएसटी लागू हुए 90 महीने हो चुके हैं. इस बीच कमोबेश हर दिन इसे लेकर एक नया सर्कुलर निकला है. जीएसटी का आधार सरलीकरण था, लेकिन यह कैसा सरलीकरण है कि 90 महीने में हर दिन एक नया सर्कुलर निकाला गया. उन्होंने कहा कि लोकसभा सत्र से पहले कांग्रेस जीएसटी का मुद्दा उठा रही है ताकि जब सदन चले तो सबका ध्यान इस तरफ जाए.

कांग्रेस नेता पवन खेड़ा का बड़ा बयान, सुनिए... (ETV Bharat Jaipur)

मध्यम और निम्न वर्ग को ज्यादा नुकसान : पवन खेड़ा ने कहा कि जीएसटी से गरीब तबके और मध्यम वर्ग को ज्यादा नुकसान हुआ है. इस तबके को जीएसटी से सबसे ज्यादा चोट पहुंची है. उन्होंने कहा कि जीएसटी का 64 फीसदी हिस्सा देश कि 50 फीसदी आबादी ने दिया है, जबकि तीन फीसदी आबादी वाले अमीर लोगों ने महज दस फीसदी हिस्सा दिया है. जीएसटी की सबसे ज्यादा मार मध्यम वर्ग, छोटे व्यापारी और गरीब आम जनता पर पड़ी है. आज की तारीख में जीएसटी के 9 स्लैब हैं.

पहली बार किसानों के उपकरणों पर लगाया कर : पवन खेड़ा ने कहा कि इस सरकार ने आजादी के बाद पहली बार किसानों के उपकरणों पर जीएसटी नहीं लगाया. इससे पहले किसी भी सरकार ने किसान उपकरणों पर टैक्स नहीं लगाया था. इस सरकार ने टैक्स आतंकवाद फैलाया. इन्होंने किसानों की आय दोगुनी करने का दावा किया था, लेकिन टैक्स लगाकर किसानों की लागत दोगुनी कर दी. पांच साल में इनकम टैक्स में 240 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. जीएसटी 177 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई. इसका आमजन को क्या लाभ मिला.

विशेषज्ञों ने भी बताए जीएसटी के नुकसान : उन्होंने कहा कि विदेशी विशेषज्ञ भी जीएसटी को नहीं समझ पाए. यहां तक कि प्रधानमंत्री के मुख्य आर्थिक सलाहकार रहे और जीएसटी के आर्किटेक्ट अरविंद सुब्रमण्यन ने भी इसे एक राष्ट्रीय त्रासदी बताया था. पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने 2017 में कहा था कि हम तो खुद जीएसटी लागू करना चाहते थे, लेकिन जिस तरीके से इसे बिना तैयारी के लागू किया जा रहा है. यह गरीब और मध्यम वर्ग को लूटने की नीति है.

पढे़ं : बायोमेट्रिक ऑथेंटिकेशन से ही मिलेगा जीएसटी रजिस्ट्रेशन, बोगस फर्म और जीएसटी चोरी पर लगेगा अंकुश - BIOMETRIC AUTHENTICATION FOR GST

जीएसटी चोरी का आंकड़ा एक साल में दोगुना : पवन खेड़ा ने कहा कि दो लाख करोड़ की जीएसटी चोरी 2023-24 में हुई. इससे पहले के साल में एक लाख करोड़ की चोरी हुई. एक साल में जीएसटी चोरी दोगुनी हो गई. इनपुट टैक्स क्रेडिट में धोखाधड़ी हो रही है. हजारों करोड़ रुपए की चोरी पकड़ी गई. जो नहीं पकड़ी गई, वह आंकड़ा अलग है.

हमने घोषणा पत्र में जीएसटी 2.0 लाने का वादा किया : कांग्रेस ने 2024 के लोकसभा चुनाव के घोषणा पत्र में लिखा था कि जीएसटी 2.0 की अब जरूरत है ताकि आमजन पर टैक्स का बोझ कम हो. जो जीएसटी 2017 में लागू हुई है, वह फेल हुई है. उन्होंने कहा कि हाल ही के महीनों में पीएम मोदी ने हमारे घोषणा पत्र की कई बार नकल की है. हम उनसे आग्रह करते हैं कि एक बार और हमारे घोषणा पत्र की नकल कीजिए और जीएसटी 2.0 को लागू कीजिए. आज जीएसटी का फुल फॉर्म गब्बर सीतारमण टैक्स हो चुका है. इससे आत्महत्या तक के मामले सामने आए हैं.

एक टैक्स का दावा, लेकिन पॉपकॉर्न पर तीन टैक्स : पवन खेड़ा ने कहा कि शुरू से ही परसेप्शन रहा है कि भाजपा बनियों की पार्टी है. आज ट्रेडर्स भी इससे परेशान हैं. कांग्रेस देश की भलाई के लिए जनहित से जुड़े मुद्दे उठा रही है. हर चीज को वोट से तौलना पीएम मोदी का काम है. कांग्रेस का काम मजबूत विपक्ष की हैसियत से जनता की आवाज बुलंद करना है. जीएसटी काउंसिल की बैठक में भी हम इन मुद्दों को उठाते हैं. वन नेशन वन इलेक्शन और वन नेशन वन टैक्स की भाजपा बात करती है, लेकिन एक पॉपकॉर्न पर भी तीन टैक्स हैं.

इंडिया गठबंधन में बिखराव के सवाल पर उन्होंने कहा कि इंडिया गठबंधन ने मजबूती से लोकसभा का चुनाव लड़ा और 400 पार का दावा करने वाली भाजपा को 240 पर रोक दिया. इंडिया गठबंधन राष्ट्रीय स्तर का गठबंधन था और है, लेकिन राज्यों में हालात अलग होते हैं. हमारी पंजाब और दिल्ली में स्थिति अलग है. पंजाब में हमारी इकाई ने अलग चुनाव लड़ने की बात कही. अब दिल्ली की इकाई ने भी लड़ाई लड़ने की बात कही है. हम उन्हें भी लड़ने दे रहे हैं.

राजधानी के रास्ते देश के अन्नदाता के लिए बंद : किसान आंदोलन के सवाल पर पवन खेड़ा ने कहा कि देश की राजधानी के दरवाजे अन्नदाता के लिए बंद है. यह बहुत अजीब बात है. जहां लोकतंत्र हो, वहां यह संभव नहीं कि राजधानी के दरवाजे किसानों के लिए बंद हो. आज भी एक किसान ने बॉर्डर पर खुदकुशी की कोशिश की. नौजवान अपनी मांगों को लेकर सड़क पर आता है तो लाठियां बरसाई जाती हैं.

हम सड़क पर आए तो इन्हें सुनना पड़ेगा : एक सवाल के जवाब में पवन खेड़ा ने कहा कि यह सरकार कायरों और डरपोकों की सरकार है. इस देश में अगर कोई सबसे बड़ा कायर है तो प्रधानमंत्री हैं, जो जरा भी दबाव नहीं झेल सकते हैं. पत्रकारों के सवाल नहीं झेल सकते हैं. बिना टेलिप्रॉम्पटर के बोल नहीं सकते हैं. ऐसे आदमी को यह याद दिलाना कि यह लोकतंत्र है और हम सड़क पर आएंगे तो आपको सुनना होगा. यह कोई मुश्किल काम नहीं है. वो जरूर सुनेंगे.

इनका अपना कोई नायक नहीं : पवन खेड़ा ने कहा कि भाजपा का अपना कोई नायक नहीं है. इसलिए कभी सरदार पटेल को हमसे छीनने का प्रयास करते हैं. कभी महात्मा गांधी को हमसे छीनने का प्रयास करते हैं. कभी सुभाष चन्द्र बोस को हमसे छीनने का प्रयास करते हैं. इनसे पूछना चाहिए कि सावरकर ने छत्रपति शिवाजी के लिए क्या शब्द इस्तेमाल किए. अगर इन्होंने वह पढ़ा होता तो सावरकर का नाम नहीं लेते. महिलाओं के लिए सावरकर ने क्या टिप्पणी की थी. बौद्ध धर्म और बाबा साहेब अंबेडकर के लिए सावरकर ने क्या कहा. यह एक बार पढ़ लें तो नाम लेना भूल जाएंगे.

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