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FTA, निवेश प्रोत्साहन और कनेक्टिविटी बिम्सटेक सहयोग की कुंजी - CII BIMSTEC Business Summit

CII BIMSTEC Business Summit: सीआईआई बिम्सटेक व्यापार शिखर सम्मेलन के समापन सत्र में कहा गया है कि, वार्षिक बिम्सटेक व्यापार शिखर सम्मेलन आयोजित करने के विचार और बिम्सटेक उद्योग चैंबर की स्थापना के प्रस्ताव से बेहतर व्यापार संबंधों के एक नए चरण की बेहतरीन शुरुआत हुई है. ईटीवी भारत संवाददाता चंद्रकला चौधरी की रिपोर्ट...

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Aug 7, 2024, 9:44 PM IST

CII BIMSTEC Business Summit
सीआईआई बिम्सटेक बिजनेस समिट (ANI)

नई दिल्ली: प्रस्तावित बिम्सटेक मुक्त व्यापार समझौता (एफटीए) व्यापार को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण है.बिम्सटेक (BIMSTEC) सचिवालय के महासचिव इंद्र मणि पांडे ने दो दिवसीय सीआईआई बिम्सटेक व्यापार शिखर सम्मेलन के समापन सत्र में यह बात कही. पांडे ने आगे कहा कि वार्षिक बिम्सटेक व्यापार शिखर सम्मेलन आयोजित करने के विचार और बिम्सटेक उद्योग चैंबर की स्थापना के प्रस्ताव ने बेहतर व्यापार संबंधों के एक नए चरण की शानदार शुरुआत की है.

क्या बोले इंद्र मणि पांडे और अम्ब पी कुमारन
इंद्र मणि पांडे ने कहा कि, व्यापारिक समुदाय को इन सभी क्षेत्रों में महत्वपूर्ण भूमिका निभानी है, जिसमें कनेक्टिविटी को मजबूत करना, मानव संसाधन विकास को बढ़ावा देना, प्रौद्योगिकी सहयोग और ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करना शामिल है. वहीं, इस अवसर पर बोलते हुए, विदेश मंत्रालय के विशेष सचिव (ईआर और डीपीए), अम्ब पी कुमारन ने कहा कि, बिम्सटेक एफटीए को जल्द से जल्द पूरा करने के लिए बिम्सटेक सदस्य देशों के बीच नई प्रतिबद्धता है. कलादान मल्टी-मॉडल ट्रांजिट ट्रांसपोर्ट प्रोजेक्ट और भारत-म्यांमार-थाईलैंड त्रिपक्षीय राजमार्ग को गति देने के प्रयास भी जारी हैं.

इन क्षेत्रों में सहयोग की संभावना
उन्होंने कृषि, भुगतान प्रणालियों को जोड़ने, लचीली आपूर्ति श्रृंखलाओं के विकास, सीमा शुल्क प्रक्रियाओं के सामंजस्य, भौतिक, डिजिटल, लोगों से लोगों के बीच संपर्क और ऊर्जा संपर्क जैसे क्षेत्रों की पहचान की, जिनमें अधिक सहयोग की संभावना है. अंब कुमार ने कहा कि एमएसएमई के लिए क्षेत्रीय उत्कृष्टता केंद्र की स्थापना, बिम्सटेक ऊर्जा ग्रिड को अंतिम रूप देना, भू-स्थानिक प्रौद्योगिकियां, पर्वतीय अर्थव्यवस्था, नीली अर्थव्यवस्था, पर्यटन, खनन और पेट्रोलियम अन्वेषण, समुद्री सुरक्षा को मजबूत करना, आपदा प्रबंधन, पारंपरिक ज्ञान और समुद्री डकैती से निपटना अन्य पहलू हैं जिन पर अधिक ध्यान दिया जाएगा. साथ ही एसईजेड, वित्तीय बाजारों, भुगतान, डिजिटल वाणिज्य, समुद्र के नीचे डेटा केबल, क्षेत्रीय डेटा केंद्र और नवीकरणीय ऊर्जा व्यापार के लिए क्षेत्रीय बाजारों के विकास में सहयोग पर भी ध्यान दिया जाएगा.

एमएसएमई को एकीकृत करने के लिए महत्वपूर्ण
इसी विषय पर बोलते हुए भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के अध्यक्ष संजीव पुरी ने कहा कि, बिम्सटेक एफटीए वार्ता को तेजी से पूरा करना वस्तुओं और सेवाओं के व्यापार को बढ़ावा देने और एमएसएमई को एकीकृत करने के लिए महत्वपूर्ण है. इस संबंध में व्यापारिक समुदाय और राजनीतिक समुदाय की प्रतिबद्धता स्पष्ट होगी. एफटीए विश्वास को भी बढ़ाएगा और क्षेत्रीय मूल्य श्रृंखलाओं को एकीकृत करेगा. पुरी ने कहा कि लॉजिस्टिक्स, पर्यटन और डिजिटल प्रौद्योगिकी ऐसे क्षेत्र हैं, जिनमें बिम्सटेक देश सहयोग बढ़ा सकते हैं. रेल, सड़क, समुद्री और हवाई संपर्क एफटीए को क्रियान्वित कर सकते हैं. साथ ही व्यवहार्यता अंतर वित्तपोषण, ग्रीन बॉन्ड और बुनियादी ढांचा निवेश ट्रस्ट सहित दीर्घकालिक वित्तपोषण विकल्प बुनियादी ढांचे के वित्तपोषण को बेहतर बनाने में मदद कर सकते हैं.

सीआईआई के महानिदेशक चंद्रजीत बनर्जी
वहीं, सीआईआई के महानिदेशक चंद्रजीत बनर्जी ने कहा कि बिम्सटेक बिजनेस समिट अब से एक वार्षिक कार्यक्रम होगा, उन्होंने कहा कि बिम्सटेक उद्योग चैंबर जल्द ही प्रत्येक सदस्य राष्ट्र की भागीदारी के साथ लॉन्च किया जाएगा. बिम्सटेक सदस्य देशों के व्यवसाय बायोटेक और नैनोटेक में सहयोग बढ़ाने, एमएसएमई को मुख्यधारा में लाने, महिलाओं के नेतृत्व वाले विकास और सेवा क्षेत्र के साथ-साथ स्थिरता और जलवायु अनुकूलन को बढ़ावा देने के तरीकों पर विचार कर रहे हैं.

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