दुमका: पाकुड़ जाने के क्रम में असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा दुमका पहुंचे. जहां उन्होंने कहा कि झारखंड सरकार ने उन्हें पाकुड़ के गोपीनाथपुर जाने से मना किया है. ईटीवी भारत से खास बातचीत में उन्होंने कहा कि जब एक मुख्यमंत्री वहां नहीं जा सकता तो आम लोगों की क्या हालत होगी, इसका अंदाजा लगाया जा सकता है. असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि बांग्लादेशी घुसपैठिए पाकुड़ में आदिवासियों की जमीन हड़प रहे हैं, हमें उनके साथ खड़ा होना होगा. पाकुड़ की हालत खराब है.
गोपीनाथपुर में पश्चिम बंगाल के लोगों ने किया था हमला
आपको बता दें कि कुछ दिन पहले ही पश्चिम बंगाल के लोगों ने पाकुड़ जिले में घुसकर गोपीनाथपुर में स्थानीय लोगों के साथ मारपीट की थी. पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले के समशेरगंज थाना क्षेत्र के गोपीनाथपुर और कृष्णानगर गांव के ग्रामीणों के बीच खुले स्थान पर बलि देने को लेकर विवाद हुआ था. विवाद इतना बढ़ गया कि पथराव, आगजनी, बमबाजी और कई राउंड फायरिंग हुई.
स्थिति बिगड़ते देख पुलिस प्रशासन और जिला प्रशासन की टीम गांव में ही कैंप करने लगी. इससे उपजे विवाद को प्रशासन ने शांत करा दिया था. लेकिन विवाद के अगले दिन सैकड़ों ग्रामीणों ने गोपीनाथपुर गांव पर फिर से हमला बोल दिया और फिर से मारपीट, तोड़फोड़, आगजनी, बमबाजी और गोलीबारी शुरू कर दी. इस घटना के बाद गांव के लोग दहशत में जी रहे हैं.
भाजपा ने जताई नाराजगी
हिमंत बिस्वा सरमा को पाकुड़ जाने से मना करने पर भाजपा ने नाराजगी जताई है और इसे तानाशाही रवैया बताया है. नेता प्रतिपक्ष और भाजपा विधायक दल के नेता अमर कुमार बाउरी ने कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह लोकतंत्र का हनन है. जिस तरह से हम लगातार उस इलाके में बांग्लादेशी घुसपैठ का मुद्दा उठाते रहे हैं, इस कार्रवाई से यह साबित हो गया है कि गोपीनाथपुर समेत पूरा इलाका वास्तव में बांग्लादेश जैसा बन गया है. उन्होंने असम के सीएम को रोके जाने पर नाराजगी जताते हुए कहा कि एक मुख्यमंत्री को रोकना यह साबित करता है कि गोपीनाथपुर समेत संथाल का पूरा इलाका बांग्लादेश का हिस्सा बन गया है, जिसके कारण हिमंत बिस्वा सरमा को रोका गया है.
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