ग्वालियर (पियूष श्रीवास्तव): समय के साथ-साथ लोगों में शादी समारोह जरा हटके करने का ट्रेंड चल पड़ा है. लोग डेस्टिनेशन वेडिंग के लिए दूसरे राज्यों और देश-दुनिया में जगहें ढूंढ़ते हैं और जमकर पैसा खर्च करते हैं पर मध्यप्रदेश के ग्वालियर की एक अनोखी वेडिंग डेस्टिनेशन इन दिनों सुर्खियों में है. दरअसल, मध्य प्रदेश की सबसे बड़ी आदर्श गौशाला में अब शादियां भी होंगी. 22 जनवरी को पहली शादी के साथ ये देश की पहली ऐसी गौशाला होगी, जहां डेस्टिनेशन वेडिंग हो रही हो. अपने आप में अनोखी यह पहल लोगों को संस्कृति और प्रकृति से तो जोड़ेगी ही, साथ ही पशुओं के प्रति प्रेम भावना भी बढ़ाएगी.
22 जनवरी को यहां होगी पहली शादी (Etv Bharat) प्रकृति और संस्कृति के साथ होंगे विवाह
प्रकृति और संस्कृति दोनों के जुड़ाव को दर्शाती आदर्श गौशाला का परिसर आम जन के लिए खोला जा रहा है. गौशाला में जिस स्थान पर विवाह कार्यक्रम संपन्न कराया जाएगा, उसे भी सांस्कृतिक और पारंपरिक भारतीय रूप देने का काम किया जा रहा है. यहां बैठने के लिए घास की बैठक और विदाई के लिए बैलगाड़ी का इंतजाम होगा. लोगों को भारतीय परंपरा के अनुसार शादी में सात्विक भोजन मिलेगा. हालांकि, भोजन का खर्च विवाह आयोजकों को ही वहन करना होगा.
देश की पहली गौशाला जो बन रही वेडिंग डेस्टिनेशन (Etv Bharat) 22 जनवरी को होगी पहली शादी
आदर्श गौशाला में विवाह समारोह 22 जनवरी से शुरू होने जा रहे हैं और पहली शादी ग्वालियर के रहने वाले शिवम गौर की है. ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा, '' विवाह एक पवित्र यज्ञ है और दो लोग जब इस यज्ञ से अपना नया जीवन शुरू करते हैं तो गौ माता अगर इसकी साक्षी हों तो इससे ज्यादा सौभाग्य की बात कोई हो नहीं सकती. और इसके लिए गौशाला से पवित्र स्थान कोई हो नहीं सकता. इसलिए गौशाला को विवाह स्थल के रूप में चुना है.''
शादी के लिए गौशाला को सजाया जा रहा है. (Etv Bharat) जब दुल्हन को दी गौशाला में शादी की जानकारी
विवाह को लेकर वर या वधू दोनों के ही बहुत अरमान होते हैं, लोग डेस्टिनेशन वेडिंग्स के लिए कई टूरिस्ट प्लेस को चुनते हैं. लड़कियों के भी अपने सपने होते हैं लेकिन गौशाला में डेस्टिनेशन वेडिंग का प्रस्ताव जब शिवम ने अपनी मंगेतर को दिया तो शुरुआत में वह भी अचरज में पड़ गईं. शिवम ने बताया कि वधू पक्ष महोबा जिले का रहने वाला है और उन्होंने मंगेतर को समझाया की ये विवाह संतों के सानिध्य में होगा, जिसकी साक्षी गौ माता होंगी. पूरा विवाह सनातनी परंपरा के अनुसार होगा, जिसके बाद उन्होंने भी हामी भर दी.
आदर्श गौशाला (Etv Bharat) 'हम कुछ नया नहीं कर रहे, परंपराओं को पुनर्जीवित कर रहे'
शिवम ने बताया कि 22 जनवरी के दिन भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा अयोध्या में हुई थी और उस दिन को यादगार बनाने के लिए इस विवाह को कुछ वैदिक परंपरा के अनुसार संपन्न कराया जाएगा, जिससे युवा पीढ़ी के लिए यह प्रेरणा बन जाए. शिवम आगे कहते हैं, '' हम कुछ नया नहीं कर रहे बल्कि जिस परम्परा को हम भूल चुके हैं उसे दोबारा अपनाने का प्रयास कर रहे हैं. क्योंकि मुगलों से पहले भारत में सनातन धर्म में विवाह इसी प्रकार दिन में हुआ करते थे.''
गौशाला में सूखी घास से बनेंगे सोफे (Etv Bharat) ईको फ्रेंडली होंगी शादियां, जमीन पर बैठक भोज
जब बात डेस्टिनेशन वेडिंग की है तो वेन्यू भी ऐसा दिखना चाहिए कि लोग देखते रह जाएं. तो बता दें कि गौशाला को भी अब आकर्षक बनाने की तैयारी है. गौशाला प्रबंधन ने बताया कि अब यहां होने वाले विवाहों में भारतीय परंपरा के अनुसार जमीन पर बैठकर चौकी पर भोजन परोसा जाएगा. पूरा भोजन सात्विक होगा जो गौशाला में ही उगायी जा रही जैविक सब्जियों से बनेगा.विवाह के लिए मंडपम तैयार किया जा रहा है. इतना ही नहीं यहां सूखी घास के नेचुरल सोफे तैयार किए जा रहे हैं, साथ ही झोपड़ीनुमा कैनोपी प्राकृतिक संसाधनों से तैयार की जा रही हैं.इसी परिसर में कुटियां भी बनाई जाएंगी, जिनमें मेहमानों के रुकने की व्यवस्था होगी.
शादी आयोजन के लिए गौवंश का कराना होगा भंडारा (Etv Bharat) जितने मेहमान उतना भंडारा गौवंश का
आदर्श गौशाला में होने वाली शादियों में न तो कोई बिल देना होगा और न ही गार्डन बुक करना होगा, बस एक छोटी सी शर्त है जिसे पूरा करना होगा. शर्त ये है कि विवाह आयोजन कराने वाले परिवारों को भंडारा कराना अनिवार्य होगा और यह भंडारा मनुष्यों के लिए नहीं बल्कि यहां रह रहे गौवंश के लिए होगा. आदर्श गौशाला का संचालन कर रही संत समिति कृष्णायन गौ सेवा समिति के संत ऋषभदेव आनंद महाराज कहते हैं, '' आदर्श गौशाला के भागवत ग्राउंड में अब विवाह संपन्न कराए जाएंगे, जिनके लिए लोगों को गौवंश का भंडारा करना होगा जिसमें गौवंश के लिए चारा, हरी घास, दलिया गुड़ इत्यादि जैसा भोजन उपलब्ध कराना होगा और यह वैवाहिक कार्य कराने वाले परिवारों के श्रद्धा और क्षमता भाव पर निर्भर करता है. लेकिन यह भंडारा उतने गौवंश के लिए होगा, जितने लोगों का भोजन वे अपने वैवाहिक समारोह में रखने जा रहे हैं.''
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