ग्वालियर:देश में लगातार बढ़ रहे वायु प्रदूषण से कई इलाकों में आबोहवा जहरीली हो रही है. मध्य प्रदेश का ग्वालियर भी इस लिस्ट में शामिल है. दीपावली के दौरान ग्वालियर के अलग अलग क्षेत्र में वायु की गुणवत्ता यानी एयर क्वालिटी इंडेक्स 300 पार कर चुकी है. इन हालातों को देखते हुए प्रशासन भी चिंतित है. यही वजह है कि ग्वालियर की जहरीली होती जा रही आबोहवा को संभालने के साथ-साथ पर्यावरण को बचाने के लिए अहम कदम उठाने का फैसला लिया है. अब ग्वालियर में सिरोल की तरह, एक और पहाड़ को हरा भरा किया जाएगा, शहरी वन तैयार किया जाएगा. जिसके लिए प्रशासन और वन विभाग दोनों ही अपनी भूमिकाएं निभाएंगे.
दीपावली पर जहरीली थी ग्वालियर की हवा
जिस तरह ग्वालियर का विकास हो रहा है, शहरी क्षेत्र बढ़ता जा रहा है, यह एक बड़ी वजह है कि हर तरफ अब कांक्रीट के जंगल खड़े हो रहे हैं. यानी बड़ी बड़ी बिल्डिंग्स बनायी जा रही हैं. जिसका असर सीधे तौर पर पर्यावरण पर भी देखने को मिल रहा है. पेड़ खत्म हो रहे हैं, वाहनों की संख्या तेजी से बढ़ रही है. दीपावली के समय ही करीब 30 हजार नए वाहन सड़कों पर आए. जिसका मतलब है वायु प्रदूषण में और इजाफा होना तय है. लेकिन इन हालातों को देखते हुए प्रशासन ने सिरोल पहाड़ी की तरह अब अलापुर की पहाड़ी पर सिटी फॉरेस्ट बनाने का फैसला कर लिया है.
जल्द शुरू होगी पहाड़ी पर पौधरोपण की प्रक्रिया
अलापुर पहाड़ी पर बनने वाले इस कृत्रिम जंगल को जिला प्रशासन और वन विभाग मिलकर डेवलप करेंगे. जिसके लिए कार्य योजना बनाकर इस पहाड़ी पर भारी संख्या में पौधारोपण कराया जाएगा. जिसके लिए प्रशासन के साथ साथ समाज सेवियों और संगठनों का भी सहयोग लिया जाएगा. ग्वालियर कलेक्टर रुचिका चौहान ने इस संबंध में अधिकारियों को दिशा निर्देश भी दे दिए हैं. उन्होंने कहा है कि, ''जल्द ही प्रशासन के द्वारा सुनियोजित कार्य योजना के तहत अलापुर पहाड़ी पर पौधरोपण की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी.''