छतरपुर: छतरपुर जिले में स्थित बुंदेलखंड के केदारनाथ कहा जाने वाला जटाशंकर धाम अपने अंदर कई रहस्य समेटे हुए है. इस पावन स्थान पर कभी खूंखार डकैतों का डेरा होता था, जिनकी वजह से लोग इस इलाके में आने से डरते थे. मान्यता है कि धाम पर बने तीन चमत्कारी कुंडों का पानी पीने और इससे स्नान करने से रोगों के नाश हो जाता है. जिसकी वजह से यहां देश- विदेश से लोग यहां दर्शन-पूजन करने के लिए आते हैं.
जटाशंकर धाम पर साल भर लगी रहती है तीर्थयात्रियों की कतारें
मान्यता है कि इन कुंडों का पानी कभी खराब नहीं होता और श्रद्धालु यहां के पानी को अपने घर भी ले जाते हैं. इस मंदिर के प्रति लोगों की गहरी आस्था होने से यहां साल भर तीर्थयात्रियों की कतारें लगी रहती हैं. जटाशंकर धाम के कुंडों में स्नान करने से किसी भी प्रकार की शारीरिक बीमारी दूर हो जाती है.
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बताया जाता है कि करीब 1946 में मूरत सिंह नाम के डकैत के डर से बुंदेलखंड के छतरपुर, पन्ना, दमोह और सागर जिले के लोग कांपते थे. मूरत सिंह धनाढ्य सेठ-साहूकारों का अपहरण कर लेता था और फिरौती की रकम वसूल कर इलाके के विकास में लगाता था.
स्थानीय व्यपारी राहुल ने बताया "इस धाम की अद्भुत महिमा है. यहां सच्चे मन से मांगी गई मनोकामनाएं जरूर पूरी होती हैं. यहां पर बने तीन कुंड चमत्कारी हैं. ठंड के मौसम में कुंड का पानी गर्म और गर्मियों में ठंडा रहता है. इस कुंड में नहाने से रोग खत्म हो जाते हैं."
यहां आने वाले भक्तों की मनोकामना होती हैं पूरी
छतरपुर जिले के धमोरा से आए महेश मिश्रा बताते हैं "इस धाम की महिमा अपरंपार है. हम बचपन से यहां आ रहे है. यहां पर प्राचीन शिवलिंग है. मान्यता है यहां जो भक्त आते है उनकी मनोकामना पूरी होती है."
वही स्थानीय जानकर राजेन्द्र प्रसाद धतरा बताते हैं "1966 के दौर में यहां डाकू मूरत सिंह थे. उन्होंने यहां विशाल धनुष यज्ञ करवाया था. उन्होंने इस क्षेत्र का विकास किया था. पहाड़ से लगी धर्मशाला, सीढ़ियां और मंदिर सब कुछ डकैतों ने बनाया था."