हैदराबाद: तेलंगाना के नागरकुरनूल स्थित नल्लामाला क्षेत्र के नौवीं क्लास में पढ़ने वाले एक छात्र ने अपने अभूतपूर्व आविष्कार से सुर्खियां बटोरी हैं. छात्र ने एक हाइब्रिड साइकिल बनाई है जो तीन अलग-अलग तरीकों से काम करती है. यह अनोखी साइकिल बालमूर मंडल के जेडपी हाई स्कूल के छात्र गगनचंद्र ने बनाई है.
जानकारी के मुताबिक इस साइकिल को किसी अन्य आम साइकिल की तरह ही पैडल किया जा सकता है. साथ ही इसे सौर ऊर्जा से भी चलाया जा सकता है और दोपहिया वाहन के रूप में काम करने के लिए इसे बिजली से भी चार्ज किया जा सकता है.
बाल विज्ञान प्रदर्शनी में तीसरा स्थान हासिल किया
गगनचंद्र के आविष्कार ने 20 से 25 जनवरी तक पुडुचेरी में आयोजित दक्षिण भारत बाल विज्ञान प्रदर्शनी में तीसरा स्थान हासिल किया और इसे राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता के लिए चुना गया है. उनकी उपलब्धि से प्रभावित होकर तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने गगनचंद्र को माइक्रो ब्लॉगिंग साइट ‘एक्स’ पर बधाई दी.
पेद्दाकोट्टापल्ली मंडल के कलवाकोल में मशीनपल्ली सुवर्णा (नागरानी) और भास्कर के घर जन्मे गगनचंद्र को अपने शुरुआती वर्षों में गंभीर स्वास्थ्य चुनौतियों का सामना करना पड़ा. जन्म के 25 दिन बाद ही बीमारी से पीड़ित होने के बाद वे सात साल तक निमोनिया से जूझते रहे. इन कठिनाइयों के बावजूद साइंस और इनोवेशन के प्रति उनका जुनून बना रहा.
सौर ऊर्जा से 30 किमी चल सकती है साइकिल
अपने शिक्षकों के मार्गदर्शन में गगनचंद्र ने सोलर पैनल, एक बैटरी, पावर एडजस्टमेंट के लिए एक वाइपर मोटर (बूस्टर), एक सेलफोन डिस्प्ले और जीपीएस को एक मानक साइकिल में इंटिग्रेट किया. उनकी हाइब्रिड साइकिल अकेले सौर ऊर्जा से 30 किमी की यात्रा कर सकती है. जब सूरज की रोशनी नहीं होती है, तो इसे इलेक्ट्रिक बाइक की तरह चार्ज किया जा सकता है और इस्तेमाल किया जा सकता है.
उनकी कहानी दृढ़ संकल्प, वैज्ञानिक जिज्ञासा और युवा प्रतिभा को पोषित करने के महत्व का प्रमाण है. जैसे-जैसे वह राष्ट्रीय प्रतियोगिता की तैयारी कर रहे हैं, उनकी उपलब्धि देश भर के छात्रों के लिए प्रेरणा का काम कर रही है.
यह भी पढ़ें- 'पीएम का 'मेक इन इंडिया' एक अच्छा आइडिया था, लेकिन...' लोकसभा में बोले राहुल गांधी