नई दिल्ली : दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली के कालकाजी मंदिर में 2024 में नवरात्रि के दौरान करंट से मौत होने के मामले में महंत सुरेंद्रनाथ के खिलाफ दर्ज एफआईआर को रद्द करने की मांग करने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किया है. जस्टिस नीना बंसल कृष्णा ने मामले की अगली सुनवाई 11 फरवरी को करने का आदेश दिया.
सुनवाई के दौरान कालकाजी मंदिर के महंत सुरेंद्रनाथ की ओर से पेश वकील विकास पाहवा ने कोर्ट को बताया कि उनकी तरफ से मामले में चार लोगों के परिजनों को हर्जाना दिया गया है जबकि तीन लोगों की जानकारी जुटाने की कोशिश की जा रही है. पाहवा ने कहा कि महंत की भूमिका केवल मंदिर में बारीदार की है. बारीदार की 2024 के नवरात्रि में सीमित भूमिका थी. नवरात्रि में महंत की भूमिका केवल पूजा और जरुरी इंतजामों के लिए आर्थिक प्रबंधन था.
पाहवा ने कहा कि कालकाजी मंदिर सोसायटी के मेमोरेंडम में लिखा हुआ है कि मंदिर के रोजाना का काम प्रबंधक कमेटी करेगी न कि याचिकाकर्ता. सभी जरुरी विभागों की ओर से जरुरी अनुमति प्रबंधक कमेटी से ली जाती है. बता दें कि नवरात्र के पहले दिन 2 और 3 अक्टूबर 2024 की दरम्यानी रात को नवरात्रि की तैयारी के दौरान हाइड्रोजन लाइट लगाने के दौरान रॉड में करंट आने से एक व्यक्ति की मौत हो गई और छह लोग घायल हो गए.
27 जनवरी 2024 को जागरण के दौरान एक महिला की मौत पर भी हाईकोर्ट ने संज्ञान लिया था. हाईकोर्ट ने 22 सितंबर 2021 को कालकाजी मंदिर की व्यवस्था का काम देखने के लिए हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज जस्टिस एआर मिधा को प्रशासन नियुक्त किया था. कोर्ट ने कहा था कि प्रशासक श्रद्धालुओं, बारीदारों की सुरक्षा और मंदिर की पवित्रता बनाये रखने के लिए सभी जरुरी कदम उठाएंगे. प्रशासक के सहयोग के लिए कोर्ट ने मनमीत अरोड़ा की लोकल कमिश्नर के रुप में नियुक्ति की थी. कोर्ट ने प्रशासक को एक सचिव सह कोषाध्यक्ष नियुक्त करने का निर्देश दिया था जो प्रशासक के रोजाना के कामों में मदद करेंगे.
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