नई दिल्ली: आईपी यूनिवर्सिटी से संबद्ध इन्स्टिटूट ‘एनडीआईएम’ की छात्रा जीयूओ विस्मया बिनु ने देहरादून में चल रहे 38वें राष्ट्रीय खेलों में ‘कलारीपयट्टू’ खेल स्पर्धा में अपनी असाधारण प्रतिभा का प्रदर्शन किया है. उन्होंने इस प्रतियोगिता में तलवार और ढाल श्रेणी में रजत पदक और उर्मी और ढाल श्रेणी में कांस्य पदक हासिल किया है. इस प्रतियोगिता में उन्होंने दिल्ली राज्य का प्रतिनिधित्व किया.
बता दें कि 38वें राष्ट्रीय खेलों का आयोजन उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में 28 जनवरी से लेकर 14 फरवरी तक किया जा रहा है. इस प्राचीन मार्शल आर्ट कला’कलारीपयट्टु’को वे 8वीं कक्षा से सीखना शुरू कर दिया था और तब से उन्होंने लगातार अपने प्रदर्शन को बेहतर किया है. उन्होंने अपने प्रदर्शन से विश्वविद्यालय और राज्य को गौरवान्वित किया है.
उन्होंने दिल्ली मलयाली एसोसिएशन, आरके पुरम सेक्टर-4 में सुमेश पीबी गुरुक्कल के मार्गदर्शन में इस खेल स्पर्धा के लिए अपने अपने कौशल को विकसित किया और इस ऐतिहासिक कला के तकनीकों को सीखने के लिए कठिन प्रशिक्षण लिया. उन्होंने दिल्ली राज्य कलारीपयट्टू चैंपियनशिप समेत कई खेल प्रतियोगिताओं में कई पदक जीते हैं, और भारतीय कलारीपयट्टू संघ में अपनी विशिष्ट पहचान बनाई है. ज्ञातव्य है कि उन्होंने गोवा में आयोजित 37वें राष्ट्रीय खेलों में भी दो रजत पदक भी जीते हैं.
कलारीपयट्टू, जो दुनिया की सबसे पुरानी मार्शल आर्ट्स में से एक है, अपनी चपलता, युद्ध तकनीकों और तलवार, ढाल और लचीले उर्मी जैसे हथियारों के उपयोग के लिए जाना जाता है. जीयूओ विस्मया की सफलता उनकी इस कला को जीवित रखने में उनकी समर्पण और दृढ़ता का प्रमाण है. उनकी उपलब्धियां न केवल भारत की मार्शल आर्ट्स विरासत को प्रबल बनाती हैं, बल्कि पूरे देश में युवा एथलीटों के लिए प्रेरणा का स्रोत भी हैं.
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