वाशिंगटन: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चुनावी वादों के अनुसार मास डिपोर्टेशन योजना के तहत अवैध भारतीय प्रवासियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है. ट्रंप प्रशासन खासकर बिना दस्तावेज वाले प्रवासियों के खिलाफ अपना रुख कड़ा कर दिया है. खबर है कि अमेरिका का एक सैन्य विमान 205 नागरिकों को लेकर टेक्सास से रवाना हो गया है.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार डिपोर्टेशन के लिए करीब 15 लाख लोगों को चिन्ह्त किया गया है जिसमें 18 हजार भारतीय शामिल हैं. इनकी सूची तैयार की जा चुकी है. इसी क्रम में टेक्सास में 205 भारतीय नागरिकों को लेकर सी-17 सैन्य विमान भारतीय समयानुसार करीब लगभग 3 बजे रवाना हुआ. विमान में सवार सभी भारतीयों का सत्यापन भारत सरकार द्वारा किया गया. ट्रंप के मास डिपोर्टेशन प्लान से अमेरिका में रह रहे भारी संख्या में भारतीय प्रभावित होंगे.
प्रवासियों को निर्वासित करने वाली अमेरिकी सैन्य उड़ानों के लिए भारत सबसे अधिक दूरी तय करने वाला गंतव्य है. पेंटागन ने कहा है कि एल पासो, टेक्सास, सैन डिएगो, कैलिफोर्निया से 5,000 से अधिक प्रवासियों को निर्वासित करने के लिए उड़ानें तैनात हैं.
ट्रंप ने पिछले सप्ताह इमिग्रेशन पर अपनी आपातकालीन घोषणा के हिस्से के रूप में सैन्य निर्वासन उड़ानें शुरू की. अब तक लैटिन अमेरिका के लिए प्रवासियों से भरे छह विमान भेजे गए.
अमेरिकी राष्ट्रपति ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ बातचीत के बाद कहा था कि जब अमेरिका से अवैध भारतीय अप्रवासियों को वापस लेने की बात आएगी तो प्रधानमंत्री 'वही करेंगे जो सही होगा'. अमेरिका द्वारा जारी किए जाने वाले कुशल श्रमिक एच-1बी वीजा में अधिकांश भारतीय हैं.
निर्वासन और सीमा नियंत्रण तब हुआ जब ट्रंप ने पदभार ग्रहण करने के पहले दिन कहा था कि वे दक्षिणी सीमा पर राष्ट्रीय आपातकाल की घोषणा करते हुए 'लाखों' प्रवासियों को निर्वासित करेंगे. इस संबंध में अमेरिकी सरकार ने
एक विधेयक को भी मंजूरी दी जिसके तहत बिना अनुमति के देश में प्रवेश करने वाले और कुछ अपराधों के आरोपी अप्रवासियों को हिरासत में लेना और निर्वासित करना आवश्यक होगा. अपने चुनाव अभियान के दौरान भी उन्होंने कहा था, 'जब मैं फिर से निर्वाचित होऊंगा, तो हम अमेरिकी इतिहास में सबसे बड़ा निर्वासन अभियान शुरू करेंगे.'
ट्रंप ने अक्सर अपने इमिग्रेशन एजेंडे को लागू करने के लिए सेना का इस्तेमाल किया. मैक्सिको सीमा पर सेना तैनात की गई. अवैध प्रवासियों को रखने के लिए सैन्य ठिकानों का इस्तेमाल किया गया. साथ ही उन्हें अमेरिका से बाहर निकालने के लिए सैन्य विमानों का इस्तेमाल किया है.
इमिग्रेशन के अलावा ट्रंप ने कनाडा, मैक्सिको और चीन पर भी टैरिफ लगाने की घोषणा की. हालांकि, बाद में कनाडा, मैक्सिको को फिलहाल एक महीने की राहत दी है. उन्होंने कहा कि यूरोप के लिए भी इसी तरह के उपाय किए जा रहे हैं.
कनाडा पर टैरिफ वृद्धि भी एक महीने के लिए टाल दी क्योंकि उसने उत्तरी सीमा के माध्यम से अमेरिका में ड्रग्स और अवैध प्रवासियों के प्रवाह को रोकने के उपायों पर 1.3 बिलियन डॉलर खर्च करने का वादा किया. वहीं मैक्सिको ने अमेरिका के साथ अपनी सीमा पर 10,000 सैनिकों को बहाल करने की प्रतिबद्धता जताई.
मैक्सिको और कनाडा से आयात पर 25 प्रतिशत का अतिरिक्त शुल्क मंगलवार से लागू होना था, क्योंकि इन देशों की सीमाओं से अमेरिका में अवैध प्रवासियों और ड्रग्स का प्रवाह होता है. चीन में 10 प्रतिशत की कम वृद्धि होने वाली है, लेकिन इस पर आगे कोई बातचीत नहीं हुई.