बहराइच :इन दिनों जिले की महसी तहसील क्षेत्र के ग्रामीण दहशत में जी रहे हैं. इसका कारण है भेड़ियों का आतंक. इस क्षेत्र में नरभक्षी हो चुके भेड़ियों ने अब तक एक-एक कर नौ लोगों को अपना निवाला बनाया है. इनमें आठ बच्चे और एक वृद्ध महिला शामिल है. वहीं, भेड़ियों के हमलों में लगभग 35 लोग घायल भी हो चुके हैं. हालत यह है कि गांवों में लोगों की रातें पहरा देने में कट रही हैं. बच्चे स्कूल नहीं जा पा रहे हैं. ग्रामीण खेतों में जाने से भी डर रहे हैं. वन विभाग की तत्परता के बावजूद भेड़िये गांवों में धावा बोल दे रहे हैं. वन विभाग ने इससे निपटने के लिए कैमरा ट्रैप लगाए हैं. साथ ही भेड़ियों को पकड़ने के लिए न सिर्फ बाड़े लगाए गए हैं, बल्कि ड्रोन कैमरे से इन पर नजर भी रखी जा रही है. खासी जिद्दोजहद के बाद अब तक सिर्फ 4 भेड़िए पकड़ा जा सके हैं.
शाम ढलते ही घर से नहीं निकलते बाहरःग्रामीणों का कहना है कि दिन ढलने के बाद वह घर से बाहर नहीं निकलते. साथ ही एकत्रित होकर पहरा देते हैं और अपने बच्चों की रखवाली करते हैं. कई बार भेड़िए दिखाई भी पड़ते हैं, लेकिन उन लोगों के पास कोई साधन न होने के कारण पकड़ नहीं पाते हैं. ग्रामीणों ने बताया कि भेड़िए के आतंक के चलते वह गांव से बाहर अपने बच्चों को स्कूल पढ़ने के लिए नहीं भेज रहे हैं.
मां के घर में जाते ही बच्चे को उठा ले गया भेड़ियाःथाना खैरिघाट के गांव दीवानपुरवा में एक घर में चारपाई पर मां के साथ सो रहे बच्चे को भेड़िया उठा ले गया था. बच्चे की मां रोली ने बताया कि उनका बेटा उनके साथ चारपाई पर लेटा हुआ था. बच्चे ने दूध मांगा और तो वह दूध लेने घर के अंदर चली गईं. जब बाहर आईं, तो बच्चा गायब मिला. उन्होंने अपने पति को बुलाया और हर जगह ढूढा पर बच्चा नहीं मिला. इसके बाद सभी लोगों ने पंजे के निशान देखे, तब सबको शक हुआ कि बच्चे को भेड़िया न ले गया हो. रात में बहुत खोजबीन की, लेकिन कहीं पता नहीं चला. सुबह बच्चे के कपड़े खेत में मिले और थोड़ी दूर पर उसका शव पड़ा था. वह बताती हैं कि आज भी भेड़िए यहां आते रहते हैं.
दूध पी रही बच्ची को उठाने घर में पहुंचाःमहसी तहसील के चंदपइया गांव की पूजा मौर्य ने बताया कि उनकी चार वर्ष की बच्ची को बीती रात आठ बजे के आसपास भेड़िए ने उठाने का प्रयास किया, लेकिन उसकी सूझबूझ से बच्चे की जान बच गई. पूजा ने बताया कि बच्ची आंगन में दूध पी रही थी. तभी दबे पांव भेड़िया आया, किसी को भी पता नहीं चला. अचानक भेड़िए पर उसकी नजर पड़ी तो उसने शोर मचाया, जिसके बाद भेड़िया भाग गया. इसके बाद घर वालों ने घटना की सूचना पुलिस को दी. पूजा ने बताया कि भेड़िया लगातार उनके घर और गांव के आसपास कई दिनों से दिखाई दे रहा है, लेकिन वन विभाग के द्वारा पकड़ने के पर्याप्त प्रयास नहीं किए जा रहे हैं. यहां न कोई जाल है और न ही कोई पिंजड़ा.
अक्सर आता है भेड़ियों का झुंडःगांव नकवा निवासी चंद्रिका प्रसाद ने बताया कि भेड़िए का आतंक यहां भी है. अक्सर भेड़ियों का झुंड गांव में आ जाता है. ग्रामीण लगातार जागते हैं और इकट्ठा होकर बैठते हैं. जब भेड़िया आता है, तब उसको सभी मिलकर खदेड़ते हैं. अपने बच्चों को अपनी सुरक्षा में रखते हैं. डर लगता है कि फिर किसी दिन कहीं कोई शिकार न हो जाए. शाम छह बजे के बाद घर से बाहर बच्चों को नहीं निकलने दिया जा रहा है.
लाइट नहीं आने से खतरा अधिकःगांव दीवानपुरवा में भेड़िए ने एक मां की गोद से बच्चे हो छीन लिया था. बाद में उसका शव बरामद किया गया था. इसी गांव के निवासी केसरी लाल ने बताया भेड़िया यहां फिर आया था. हम लोगों ने घेरा, लेकिन वह भाग गया. गांव के कई आदमी आए थे, लेकिन हमारे पास कोई व्यवस्था न होने के कारण कुछ नहीं हो पाया. वह बताते हैं कि यहां सबसे बड़ी समस्या बिजली की है. तीन दिन से यहां लाइट नहीं है. इसके बाद शाम को ही यहां अंधेरा छा जाता है और भेड़िए के हमले का खतरा बढ़ जाता है. गांव दीवानपुरवा की महिला पुत्ती ने बताया कि भेड़िए आतंक बने हुए हैं. इन्हें जल्द से जल्द पकड़ लिया जाना चाहिए. वह कहती हैं कि आज उनका पोता मारा गया है, कल कोई और न मारा जाए.
दो और भेड़िए हुए ट्रैकःमुख्य वन संरक्षक रेनू सिंह ने बताया कि अभी तक चार भेड़िया पकड़ा जा चुका है. दो और भेड़िए थर्मल ड्रोन में नजर आए हैं. इन दोनों को भी पकड़ने की पूरी तैयारी की जा रही है. बहुत दिनों से भेड़िए का आतंक था, आज इनमें से एक पकड़ लिया गया है. प्रभावित गांवों में डीएम-एसपी कड़ी नजर रख रहे हैं. वन विभाग के अधिकारी व कर्मचारी पूरी रात गश्त कर रहे हैं. क्षेत्रीय विधायक सुरेश्वर सिंह भी कार्यकर्ताओं संग गांवों में पहुंचकर लोगों को जागरूक कर रहे हैं.
विधायक ने भी किया दौराःवन मंत्री अरुण सक्सेना ने भी महर्षि क्षेत्र का दौरा किया था. उन्होंने भी सभी को आश्वासन दिया है कि जल्द से जल्द जितने भी आदमखोर भेडिया हैं, उनको पकड़ लिया जाएगा और इन घटनाओं पर अंकुश लगाया जाएगा. प्रभारी मंत्री डॉ. संजय निषाद ने भी क्षेत्र में आकर घटनास्थल का जायजा लिया है और अधिकारियों को सख्त निर्देश भी दिए हैं कि जल्द से जल्द घटनाओं को रोकें और जो आदमखोर हैं, उनको पकड़ा जाए.