नई दिल्ली: वक्फ बिल पर बनाई गई संयुक्त समिति की शुक्रवार को बैठक हुई. जानकारी के मुताबिक इस बैठक में तृणमूल कांग्रेस के सांसद कल्याण बनर्जी और भाजपा सांसद निशिकांत दुबे के बीच जमकर हंगामा हुआ. जिस वजह से बैठक को स्थगित कर दिया गया.
पता चला है कि कल्याण बनर्जी ने बैठक को लेकर सवाल खड़े किए. इस पर निशिकांत दुबे ने आपत्ति जताई. फिर दोनों के बीच बहस शुरू हो गई. विवाद इतना बढ़ गया कि बैठक को स्थगित कर दिया. इसके साथ-साथ 10 विपक्षी सांसदों को दिनभर के लिए सस्पेंड कर दिया गया. सस्पेंड हुए सांसदों में कल्याण बनर्जी, मोहम्मद जावेद, ए राजा, असदुद्दीन ओवैसी, नासिर हुसैन, मोहिबुल्लाह, एम अब्दुल्ला, अरविंद सावंत, नदीमुल हक, इमरान मसूद शामिल हैं. वहीं, अगली बैठक 27 जनवरी को होगी.
Following a ruckus in the meeting, all 10 Opposition MPs suspended for the day from the meeting of the Joint Parliamentary Committee on Waqf Amendment Bill 2024
— ANI (@ANI) January 24, 2025
The suspended Opposition MPs include Kalyan Banerjee, Md. Jawaid, A Raja, Asaduddin Owaisi, Nasir Hussain, Mohibullah,…
इससे पहले वक्फ (संशोधन) विधेयक पर संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की बैठक शुरू होने के साथ ही मुत्ताहिदा मजलिस-ए-उलेमा के मीरवाइज उमर फारूक ने शुक्रवार को उम्मीद जताई कि वक्फ मुद्दे पर फैसला जल्दबाजी में नहीं लिया जाएगा, क्योंकि देश में मुसलमान खुद को असहाय महसूस कर रहे हैं.
उन्होंने कहा कि वक्फ बोर्ड का मुद्दा महत्वपूर्ण बना हुआ है, क्योंकि यह मुसलमानों के भविष्य से जुड़ा है. उन्होंने कहा कि उन्होंने एक ज्ञापन तैयार किया है और चरणबद्ध तरीके से अपनी चिंताओं पर चर्चा करने की योजना बनाई है.
फारूक ने कहा कि चूंकि जम्मू-कश्मीर मुस्लिम बहुल राज्य है, इसलिए लोगों की कई चिंताएं हैं. कई मुद्दे हैं, और हम उन पर चरण-दर-चरण चर्चा करेंगे. हमें उम्मीद है कि जेपीसी सदस्य हमारे द्वारा उठाई गई चिंताओं को समझेंगे और उनका समाधान करेंगे क्योंकि यह मामला सीधे मुसलमानों के भविष्य से जुड़ा हुआ है.
उन्होंने कहा कि आप देख सकते हैं कि मस्जिदों और मंदिरों की बात होने पर पहले से ही तनाव का माहौल है. हमारा मानना है कि ऐसा कोई कदम नहीं उठाया जाना चाहिए जिससे भाईचारे के माहौल को नुकसान पहुंचे. हमें लगा कि जेपीसी कश्मीर आएगी. हम यहां बहुत कम समय में आए हैं.
इससे पहले लोकसभा सचिवालय की ओर से जारी एक नोटिस में कहा गया है कि वक्फ (संशोधन) विधेयक 2024 पर संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) आज दिल्ली में अपनी बैठक करेगी. निदेशक संजय सेठी द्वारा हस्ताक्षरित नोटिस के अनुसार, वक्फ पर जेपीसी की बैठक आज सुबह 11:00 बजे से शुरू होगी और दोपहर 3:30 बजे तक चलेगी, जिसमें एक घंटे का लंच ब्रेक भी होगा.
संसद भवन एनेक्सी के मुख्य समिति कक्ष में, जेपीसी सदस्य मुत्ताहिदा मजलिस-ए-उलेमा, जम्मू और कश्मीर के मौलवी मीरवाइज उमर फारूक के विचार या सुझाव सुनेंगे. दोपहर 2:00 बजे से जेपीसी सदस्य वक्फ (संशोधन विधेयक) 2024 पर 'न्याय के लिए वकीलों' के सुझाव सुनेंगे. इसके अलावा, जेपीसी की एक और बैठक 27 जनवरी को निर्धारित की गई है, जो सुबह 11:00 बजे से शुरू होगी, जहां समिति के सदस्य मिलेंगे. एक-एक करके खंडों पर चर्चा करेंगे.
उत्तर प्रदेश के लखनऊ में मंगलवार को बैठक करने के बाद जेपीसी के अध्यक्ष जगदंबिका पाल ने कहा कि यह जेपीसी की आखिरी बैठक होगी और इसके बाद वे 31 जनवरी को होने वाले बजट सत्र के दौरान संसद में अपनी रिपोर्ट पेश करेंगे.
पाल ने कहा कि जेपीसी एक समिति है जिसमें विभिन्न दलों के सदस्य हैं. सभी चर्चाएं अच्छे माहौल में हुई हैं. मुझे उम्मीद है कि हम आने वाले दिनों में ऐसी रिपोर्ट पेश करेंगे जिससे लोगों को फायदा होगा. पिछले छह महीनों में हमने अकेले दिल्ली में 34 बैठकें की हैं. मैं इन सभी बैठकों में शामिल होने वाले सभी सांसदों का आभार व्यक्त करता हूं.
उन्होंने कहा कि मेरा मानना है कि यह एक बहुत अच्छी रिपोर्ट होगी और इसके आधार पर एक अच्छा कानून बनाया जाएगा, जिससे यह सुनिश्चित होगा कि वक्फ संपत्तियों का उनके इच्छित उद्देश्यों के लिए उपयोग किया जाए. इस बीच, विपक्ष की ओर से लोकसभा में डीएमके के मुख्य सचेतक ए राजा ने वक्फ संशोधन विधेयक पर संयुक्त संसदीय समिति के अध्यक्ष से 24 और 25 जनवरी को प्रस्तावित बैठकों को स्थगित करने का अनुरोध किया है.
जगदमिका पाल को लिखे अपने पत्र में राजा ने कहा कि यह कहने की आवश्यकता नहीं है कि पटना, कोलकाता और लखनऊ में हितधारकों से मिलने के लिए जेपीसी के दौरे के कार्यक्रम 21 जनवरी को ही पूरे हो गए थे और सदस्यों को अपने निर्धारित कार्यक्रमों को पहले ही जारी रखने के लिए दौरे के कार्यक्रम से अपने निर्वाचन क्षेत्र में भेज दिया गया था.
उन्होंने कहा कि अजीब बात यह है कि जेपीसी की अगली बैठक की तारीखों की घोषणा बिना किसी औपचारिक चर्चा के जल्दबाजी में की गई, जबकि जेपीसी पहले से ही दौरे पर थी. वक्फ (संशोधन) विधेयक पर संयुक्त संसदीय समिति को बजट सत्र के दौरान अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करनी है. संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान समिति का कार्यकाल बढ़ा दिया गया था. वक्फ संपत्तियों को विनियमित करने के लिए अधिनियमित वक्फ अधिनियम 1995 की लंबे समय से कुप्रबंधन, भ्रष्टाचार और अतिक्रमण जैसे मुद्दों के लिए आलोचना की जाती रही है.
उल्लेखनीय है कि संसद का बजट सत्र 31 जनवरी से शुरू होकर 4 अप्रैल तक चलेगा, जबकि केंद्रीय बजट 1 फरवरी को पेश किया जाएगा. वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 का उद्देश्य डिजिटलीकरण, बेहतर ऑडिट, बेहतर पारदर्शिता और अवैध रूप से कब्जे वाली संपत्तियों को वापस लेने के लिए कानूनी तंत्र जैसे सुधारों को पेश करके इन चुनौतियों का समाधान करना है.