ETV Bharat / bharat

सामाजिक न्याय पर पहली बार दो दिवसीय क्षेत्रीय संवाद का उद्घाटन, भारत की सक्रिय भूमिका पर चर्चा - LABOR MINISTER MANSUKH MANDAVIYA

मनसुख मंडाविया ने अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन के महानिदेशक गिल्बर्ट एफ हुंगबो के साथ भी द्विपक्षीय बैठक की. ईटीवी भारत के नेशनल ब्यूरो चीफ सौरभ शुक्ला की रिपोर्ट...

अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन के महानिदेशक गिल्बर्ट एफ हुंगबो  और केंद्रीय मंत्री मनसुख मंडाविया
अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन के महानिदेशक गिल्बर्ट एफ हुंगबो और केंद्रीय मंत्री मनसुख मंडाविया (@mansukhmandviya)
author img

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Feb 24, 2025, 10:37 PM IST

नई दिल्ली: केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री मनसुख मंडाविया ने आज नई दिल्ली में सामाजिक न्याय के लिए वैश्विक गठबंधन के तहत सामाजिक न्याय पर पहली बार दो दिवसीय क्षेत्रीय संवाद का उद्घाटन किया. इस कार्यक्रम में अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन (आईएलओ) के महानिदेशक गिल्बर्ट एफ हुंगबो भी मौजूद रहे. अपने भाषण के दौरान, मनसुख मंडाविया ने एशिया प्रशांत समन्वय समूह के एक गौरवशाली सदस्य के रूप में भारत की भूमिका पर जोर दिया. बता दें कि, भारत ने पहली क्षेत्रीय वार्ता का नेतृत्व किया है.

केंद्रीय मंत्री ने गठबंधन के महत्वपूर्ण हस्तक्षेप की सराहना करते हुए कहा कि, भारत को सतत और समावेशी समाजों के लिए जिम्मेदार व्यावसायिक प्रथाओं पर पहल का नेतृत्व करने का सौभाग्य मिला है." आईएलओ के महानिदेशक गिल्बर्ट एफ. होंग्बो ने विश्व सामाजिक सुरक्षा रिपोर्ट (डब्ल्यूएसपीआर) 2024 में बताई गई भारत की सामाजिक सुरक्षा को 24.4 फीसदी से बढ़ाकर 48.8 फीसदी करने के प्रयासों के लिए भारत सरकार को बधाई दी.

आईएलओ के नेतृत्व में भारत की महत्वपूर्ण भूमिका को स्वीकार करते हुए, आईएलओ के महानिदेशक गिल्बर्ट एफ हुंगबो ने टिप्पणी की कि सामाजिक सुरक्षा के साथ-साथ व्यापार विकास में भारत के प्रयास दुनिया भर में बदलाव को प्रेरित करने और सामाजिक सुरक्षा प्रणालियों में सुधार करने के लिए एक अच्छा उदाहरण हैं.

उन्होंने कहा कि, यह उल्लेखनीय उपलब्धि पिछले कुछ सालों में सामाजिक सुरक्षा के विस्तार में केंद्र सरकार द्वारा की गई निर्णायक कार्रवाई का परिणाम है. कार्यक्रम के दौरान मंडाविया ने ई-श्रम मोबाइल ऐप भी लॉन्च किया.

2047 तक विकसित भारत के विजन के साथ भारत को सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था के रूप में रेखांकित करते हुए, उन्होंने सामाजिक न्याय के सिद्धांतों पर देश की नींव, 35 वर्ष से कम आयु की 65 फीसदी आबादी के साथ मजबूत जनसांख्यिकीय लाभांश और रोजगार सृजन, समानता और कल्याण के प्रति प्रतिबद्धता पर जोर दिया.

उन्होंने 2047 तक आर्थिक गतिविधियों में 70 प्रतिशत महिलाओं को शामिल करने के भारत के लक्ष्य को दोहराया और युवा कौशल विकास, शिक्षा और महिला कार्यबल भागीदारी सहित जिम्मेदार व्यावसायिक प्रथाओं को अपनाने के लिए उद्योग जगत के नेताओं की सराहना की. कार्यक्रम के दौरान एक प्रदर्शनी में श्रम कल्याण, सामाजिक सुरक्षा, चिकित्सा देखभाल, कार्मिक प्रबंधन, औद्योगिक सुरक्षा और अन्य क्षेत्रों में प्रौद्योगिकी के अभिनव उपयोग को प्रदर्शित किया गया.

प्रतिभागियों ने दिखाया कि कैसे प्रौद्योगिकी पारिस्थितिकी तंत्र में सकारात्मक बदलाव ला रही है, श्रमिकों के लिए सेवाओं और आउटरीच को बढ़ा रही है. युवा सशक्तिकरण, सामाजिक न्याय और समावेशन पर चर्चाओं को आगे बढ़ाने के लिए कई व्यावहारिक तकनीकी सत्रों ने वैश्विक विशेषज्ञों, नीति निर्माताओं और उद्योग जगत के नेताओं को एक साथ लाया. इन सत्रों में शिक्षा-से-रोजगार के अंतर को पाटने, अनौपचारिक श्रमिकों के लिए सामाजिक सुरक्षा का विस्तार करने और कार्यबल में लैंगिक समानता को बढ़ावा देने की रणनीतियों की खोज की गई.

भारत, फिलीपींस, नामीबिया, जर्मनी, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील और अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन तथा संयुक्त राष्ट्र महिला जैसे अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के प्रमुख हितधारकों ने डिजिटल कौशल मंच, सामाजिक सुरक्षा ढांचे तथा लिंग-संवेदनशील कार्यस्थल नीतियों सहित सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा किया। सहयोग और नवाचार पर जोर देते हुए, चर्चाओं ने समावेशी आर्थिक विकास को बढ़ावा देने और सभी के लिए समान अवसर सुनिश्चित करने में सार्वजनिक-निजी भागीदारी के महत्व को सुदृढ़ किया.

अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन के साथ द्विपक्षीय बैठकमनसुख मंडाविया ने अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन के महानिदेशक गिल्बर्ट एफ. हुंगबो के साथ भी द्विपक्षीय बैठक की. चर्चा के दौरान, मंत्री ने एशिया-प्रशांत क्षेत्र से सामाजिक न्याय के लिए वैश्विक गठबंधन के समन्वय समूह के सदस्य के रूप में भारत की सक्रिय भूमिका के बारे में जानकारी दी. उन्होंने गठबंधन के प्रमुख हस्तक्षेप, टिकाऊ और समावेशी समाजों के लिए जिम्मेदार व्यावसायिक प्रथाओं को बढ़ावा देने में भारत की रुचि व्यक्त की.

उन्होंने 2047 तक विकसित भारत के सरकार के दृष्टिकोण के अनुरूप सामाजिक न्याय के स्तंभों के रूप में गुणवत्तापूर्ण रोजगार, कौशल विकास और सामाजिक सुरक्षा के लिए देश की प्रतिबद्धता पर भी जोर दिया। सामाजिक सुरक्षा पर, मनसुख मंडाविया ने साझा किया कि ई-श्रम पोर्टल, असंगठित श्रमिकों के लिए भारत के राष्ट्रीय डेटाबेस ने 306 मिलियन से अधिक उपयोगकर्ताओं को पंजीकृत किया है, जो उन्हें सामाजिक सुरक्षा योजनाओं तक पहुंच प्रदान करता है.

आईएलओ के महानिदेशक गिल्बर्ट एफ. होंग्बो ने रोजगार के अवसरों और सामाजिक सुरक्षा कवरेज को बढ़ाने के लिए ई-श्रम और एनसीएस पोर्टल जैसे डिजिटल प्लेटफॉर्म का लाभ उठाने में भारत के प्रयासों की सराहना की और उन्हें समावेशी आर्थिक विकास की दिशा में महत्वपूर्ण कदम के रूप में स्वीकार किया. उन्होंने वैश्विक सामाजिक सुरक्षा और श्रम कल्याण एजेंडे को आकार देने में भारत की महत्वपूर्ण और सकारात्मक भूमिका को भी स्वीकार किया.

ये भी पढ़ें: पीएम मोदी का चाय और झुमोइर नृत्य से गहरा नाता, असम में किया इसका जिक्र

नई दिल्ली: केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री मनसुख मंडाविया ने आज नई दिल्ली में सामाजिक न्याय के लिए वैश्विक गठबंधन के तहत सामाजिक न्याय पर पहली बार दो दिवसीय क्षेत्रीय संवाद का उद्घाटन किया. इस कार्यक्रम में अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन (आईएलओ) के महानिदेशक गिल्बर्ट एफ हुंगबो भी मौजूद रहे. अपने भाषण के दौरान, मनसुख मंडाविया ने एशिया प्रशांत समन्वय समूह के एक गौरवशाली सदस्य के रूप में भारत की भूमिका पर जोर दिया. बता दें कि, भारत ने पहली क्षेत्रीय वार्ता का नेतृत्व किया है.

केंद्रीय मंत्री ने गठबंधन के महत्वपूर्ण हस्तक्षेप की सराहना करते हुए कहा कि, भारत को सतत और समावेशी समाजों के लिए जिम्मेदार व्यावसायिक प्रथाओं पर पहल का नेतृत्व करने का सौभाग्य मिला है." आईएलओ के महानिदेशक गिल्बर्ट एफ. होंग्बो ने विश्व सामाजिक सुरक्षा रिपोर्ट (डब्ल्यूएसपीआर) 2024 में बताई गई भारत की सामाजिक सुरक्षा को 24.4 फीसदी से बढ़ाकर 48.8 फीसदी करने के प्रयासों के लिए भारत सरकार को बधाई दी.

आईएलओ के नेतृत्व में भारत की महत्वपूर्ण भूमिका को स्वीकार करते हुए, आईएलओ के महानिदेशक गिल्बर्ट एफ हुंगबो ने टिप्पणी की कि सामाजिक सुरक्षा के साथ-साथ व्यापार विकास में भारत के प्रयास दुनिया भर में बदलाव को प्रेरित करने और सामाजिक सुरक्षा प्रणालियों में सुधार करने के लिए एक अच्छा उदाहरण हैं.

उन्होंने कहा कि, यह उल्लेखनीय उपलब्धि पिछले कुछ सालों में सामाजिक सुरक्षा के विस्तार में केंद्र सरकार द्वारा की गई निर्णायक कार्रवाई का परिणाम है. कार्यक्रम के दौरान मंडाविया ने ई-श्रम मोबाइल ऐप भी लॉन्च किया.

2047 तक विकसित भारत के विजन के साथ भारत को सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था के रूप में रेखांकित करते हुए, उन्होंने सामाजिक न्याय के सिद्धांतों पर देश की नींव, 35 वर्ष से कम आयु की 65 फीसदी आबादी के साथ मजबूत जनसांख्यिकीय लाभांश और रोजगार सृजन, समानता और कल्याण के प्रति प्रतिबद्धता पर जोर दिया.

उन्होंने 2047 तक आर्थिक गतिविधियों में 70 प्रतिशत महिलाओं को शामिल करने के भारत के लक्ष्य को दोहराया और युवा कौशल विकास, शिक्षा और महिला कार्यबल भागीदारी सहित जिम्मेदार व्यावसायिक प्रथाओं को अपनाने के लिए उद्योग जगत के नेताओं की सराहना की. कार्यक्रम के दौरान एक प्रदर्शनी में श्रम कल्याण, सामाजिक सुरक्षा, चिकित्सा देखभाल, कार्मिक प्रबंधन, औद्योगिक सुरक्षा और अन्य क्षेत्रों में प्रौद्योगिकी के अभिनव उपयोग को प्रदर्शित किया गया.

प्रतिभागियों ने दिखाया कि कैसे प्रौद्योगिकी पारिस्थितिकी तंत्र में सकारात्मक बदलाव ला रही है, श्रमिकों के लिए सेवाओं और आउटरीच को बढ़ा रही है. युवा सशक्तिकरण, सामाजिक न्याय और समावेशन पर चर्चाओं को आगे बढ़ाने के लिए कई व्यावहारिक तकनीकी सत्रों ने वैश्विक विशेषज्ञों, नीति निर्माताओं और उद्योग जगत के नेताओं को एक साथ लाया. इन सत्रों में शिक्षा-से-रोजगार के अंतर को पाटने, अनौपचारिक श्रमिकों के लिए सामाजिक सुरक्षा का विस्तार करने और कार्यबल में लैंगिक समानता को बढ़ावा देने की रणनीतियों की खोज की गई.

भारत, फिलीपींस, नामीबिया, जर्मनी, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील और अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन तथा संयुक्त राष्ट्र महिला जैसे अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के प्रमुख हितधारकों ने डिजिटल कौशल मंच, सामाजिक सुरक्षा ढांचे तथा लिंग-संवेदनशील कार्यस्थल नीतियों सहित सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा किया। सहयोग और नवाचार पर जोर देते हुए, चर्चाओं ने समावेशी आर्थिक विकास को बढ़ावा देने और सभी के लिए समान अवसर सुनिश्चित करने में सार्वजनिक-निजी भागीदारी के महत्व को सुदृढ़ किया.

अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन के साथ द्विपक्षीय बैठकमनसुख मंडाविया ने अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन के महानिदेशक गिल्बर्ट एफ. हुंगबो के साथ भी द्विपक्षीय बैठक की. चर्चा के दौरान, मंत्री ने एशिया-प्रशांत क्षेत्र से सामाजिक न्याय के लिए वैश्विक गठबंधन के समन्वय समूह के सदस्य के रूप में भारत की सक्रिय भूमिका के बारे में जानकारी दी. उन्होंने गठबंधन के प्रमुख हस्तक्षेप, टिकाऊ और समावेशी समाजों के लिए जिम्मेदार व्यावसायिक प्रथाओं को बढ़ावा देने में भारत की रुचि व्यक्त की.

उन्होंने 2047 तक विकसित भारत के सरकार के दृष्टिकोण के अनुरूप सामाजिक न्याय के स्तंभों के रूप में गुणवत्तापूर्ण रोजगार, कौशल विकास और सामाजिक सुरक्षा के लिए देश की प्रतिबद्धता पर भी जोर दिया। सामाजिक सुरक्षा पर, मनसुख मंडाविया ने साझा किया कि ई-श्रम पोर्टल, असंगठित श्रमिकों के लिए भारत के राष्ट्रीय डेटाबेस ने 306 मिलियन से अधिक उपयोगकर्ताओं को पंजीकृत किया है, जो उन्हें सामाजिक सुरक्षा योजनाओं तक पहुंच प्रदान करता है.

आईएलओ के महानिदेशक गिल्बर्ट एफ. होंग्बो ने रोजगार के अवसरों और सामाजिक सुरक्षा कवरेज को बढ़ाने के लिए ई-श्रम और एनसीएस पोर्टल जैसे डिजिटल प्लेटफॉर्म का लाभ उठाने में भारत के प्रयासों की सराहना की और उन्हें समावेशी आर्थिक विकास की दिशा में महत्वपूर्ण कदम के रूप में स्वीकार किया. उन्होंने वैश्विक सामाजिक सुरक्षा और श्रम कल्याण एजेंडे को आकार देने में भारत की महत्वपूर्ण और सकारात्मक भूमिका को भी स्वीकार किया.

ये भी पढ़ें: पीएम मोदी का चाय और झुमोइर नृत्य से गहरा नाता, असम में किया इसका जिक्र

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.