कृषि मंत्रालय की वेबसाइट से स्वामीनाथन रिपोर्ट के गायब होने के दावे को सरकार ने किया खारिज
MS Swaminathan Report, Ministry of Agriculture and Farmers Welfare, इस दावे का कि कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय की वेबसाइट से एमएस स्वामीनाथन की रिपोर्ट गायब हो गई है, केंद्र सरकार ने खंडन कर दिया है. सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने इस दावे का खंडन करते हुए सोशल मीडिया पर एक पोस्ट किया है.
नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने हाल ही में कृषि वैज्ञानिक प्रोफेसर एमएस स्वामीनाथन को भारत रत्न सम्मान से सम्मानित करने का एलान किया था. लेकिन हाल ही में कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया कि एमएस स्वामीनाथन की लिखी रिपोर्ट कृषि और किसान मंत्रालय की आधिकारिक वेबसाइट से गायब हो गई है. लेकिन अब इस दावे को केंद्र सरकार ने खारिज कर दिया है.
आपको बता दें कि एक मीडिया रिपोर्ट का हवाला देते हुए कांग्रेस पार्टी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट लिखकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा था. कांग्रेस ने लिखा था कि 'मोदी सरकार ने एमएस स्वामीनाथन जी को भारत रत्न दिया, जिसका पूरे देश ने स्वागत किया. लेकिन अब खबर है कि कृषि मंत्रालय की वेबसाइट से स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट ही गायब हो गई है!'
कांग्रेस पार्टी ने आगे लिखा कि 'पहले मंत्रालय की वेबसाइट पर रिपोर्ट के सभी खंड मौजूद थे. आख़िर मोदी सरकार किसानों और देश की जनता से क्या छिपाना चाहती है? क्या ये किसानों का हक मारने और उन्हें गुमराह करने का कदम नहीं है?'
इसके बाद अब सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने इस दावे का खंडन किया है और साथ ही एक्स पर एक पोस्ट भी किया है. सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के वरिष्ठ सलाहकार कंचन गुप्ता ने एक्स पर पोस्ट कर इस दावे का खंडन किया है और ही उन्होंने कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय की आधिकारिक वेबसाइट का लिंक भी साझा किया, जिसमें एमएस स्वामीनाथन की रिपोट् मौजूद है.
साथ ही उन्होंने लिखा कि 'हमेशा की तरह, @INCIndia (कांग्रेस पार्टी) अपनी सरकार द्वारा प्रतिनिधित्व किए गए भारत के खिलाफ दुर्भावनापूर्ण ढंग से दुर्भावनापूर्ण दुष्प्रचार फैला रही है. कांग्रेस और लुटियंस मीडिया सच्चे नहीं हो सकते. एमएस स्वामीनाथन समिति की रिपोर्ट उपलब्ध है.'
इस रिपोर्ट के गायब होने का दावा ऐसे समय में किया गया, जब अपनी फसलों की एमएसपी कानून सहित अन्य मांगों को लेकर किसान केंद्र सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. पंजाब-हरियाणा समेत कुछ अन्य राज्यों के किसान अपनी मांगों को लेकर दिल्ली कूच करने की कोशिश कर रहे हैं.
आपको बता दें कि किसानों की यह मांग भी है कि उनकी फसलों की कीमत स्वामीनाथन की रिपोर्ट के मुताबिक तय की जानी चाहिए. उन्होंने यह रिपोर्ट राष्ट्रीय किसान आयोग के अध्यक्ष पर पद पर रहते हुए लिखी थी.