नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट में एक युवती ने अपने परिवार से ही जान का खतरा बताते हुए सुरक्षा की गुहार लगाई है. युवती ने इस मामले में उत्तराखंड हाईकोर्ट में याचिका दायर कर उसे सुरक्षा दिलाने के साथ ही नारी निकेतन भेजने की अनुमति दिए जाने की मांग की है. मामले की सुनवाई मुख्य न्यायधीश जी नरेंद्र व वरिष्ठ न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी की खंडपीठ में हुई. खंडपीठ ने मामले को निस्तारित करते हुए उपजिलाधिकारी देहरादून को आदेश दिए हैं कि महिला को नारी निकेतन भेजने की व्यवस्था करें.
मामले के अनुसार, देहरादून जिले के ऋषिकेश की रहने वाली 20 साल की युवती ने उत्तराखंड हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. अपनी याचिका में महिला ने उत्तराखंड हाईकोर्ट को बताया कि उसने घरवालों की मर्जी के खिलाफ जाकर शादी की है. लड़का और लड़की ने घर से भागकर शादी की है. घरवालों की शिकायत पर पुलिस ने उन्हें तमिलनाडु से बरामद किया. जिस लड़के के साथ उसने विवाह किया है वो अभी नाबालिग है इसलिए निचली अदालत ने उसे उसे बाल सुधार गृह भेज दिया है.
लड़के को बाल सुधार गृह भेजने के कारण युवती अपने घर आ गई. लड़की का कहना है कि घर पर भाई और पिता ने उसके साथ मारपीट की और अब उसे जान से मारने की धमकी दी जा रही है. याचिका में यह भी कहा है कि जब तक उसका पति बालिग नहीं हो जाता तब तक उसे नारी निकेतन में रहने की अनुमति दी जाए, क्योंकि वह घर नहीं जाना चाहती. घर जाने पर उसके साथ फिर से मारपीट हो सकती है.