पटना: नीतीश कुमार के एनडीए में आने के बाद से बीजेपी के फायर ब्रांड नेता गिरिराज सिंह का नीतीश कुमार के खिलाफ आक्रामक तेवर भी बदल गए हैं. 2019 में भी जब बेगूसराय से गिरिराज सिंह को टिकट मिला था तो उन्होंने सबसे पहले नीतीश कुमार से मुख्यमंत्री आवास में जाकर मुलाकात की थी. इस बार भी टिकट घोषणा के दूसरे दिन ही गिरिराज सिंह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पास पहुंच गए.
गिरिराज सिंह को झेलना पड़ा था लोगों का विरोध:ऐसे तो नीतीश कुमार के शरण में जाने के कई कारण है, लेकिन गिरिराज सिंह के लिए उस समय स्थिति अजीबोगरीब हो गई जब उनका उनके ही लोकसभा क्षेत्र में विरोध हुआ और उन्हें काले झंडे दिखाए गए. 10 मार्च 2024 को गिरिराज सिंह लोहिया मैदान में शिलान्यास समारोह में गए थे, उस दौरान उनको काले झंडे दिखाए गए. गिरिराज सिंह वापस जाओ और गिरिराज सिंह मुर्दाबाद के नारे लगे.
CPI के अवधेश कुमार ने बढ़ायी टेंशन: राजनीतिक विशेषज्ञों के अनुसार 2019 में आरजेडी और सीपीआईएम अलग-अलग चुनाव लड़े थे, जिसका लाभ गिरिराज सिंह को मिल गया. इस बार महागठबंधन संयुक्त रूप से लड़ने वाला है. गिरिराज सिंह को पता है कि चुनौतियां इस बार बढ़ने वाली है. बेगूसराय में कुर्मी कुशवाहा के साथ पिछड़ा अति पिछड़ा की बड़ी आबादी है और इसीलिए गिरिराज सिंह को नीतीश कुमार की जरूरत है. महागठबंधन ने सीपीआई के नेता व बछवाड़ा के पूर्व विधायक अवधेश कुमार राय को बेगूसराय से महागठबंधन के टिकट पर चुनाव लड़ाने का फैसला किया है.
कन्हैया कुमार लड़े तो क्या होगा?:कांग्रेस चाहती है कि इस सीट से कन्हैया कुमार को मैदान में उतारा जाए क्योंकि 2019 में भी कन्हैया ने सीपीआई के उम्मीदवार के तौर पर लड़ा था और गिरिराज सिंह के लिए फाइट काफी टफ रही थी. बेगूसराय में कन्हैया कुमार का अच्छा खासा वोट बैंक है. 2019 में उन्हीं के नाम सीपीआई को इस सीट पर वोट मिला था.
सीट शेयरिंग को लेकर इंडिया गठबंधन की बैठक: महागठबंधन में सीटों का बंटवारा नहीं हुआ है. बिना सीटों के बंटवारे के ही आरजेडी और सीपीआई ने पार्टी सिंबल देना शुरू कर दिया है. ऐसे में मंगलवार को दिल्ली में इंडिया गठबंधन की बैठक में अहम फैसला हो सकता है. आरजेडी कांग्रेस को 6 सीटें देना चाहती है तो वहीं कांग्रेस 9 सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती है. ऐसे में अगर इस सीट को लेकर कोई बड़ा फैसला होता है तो गिरिराज सिंह का खेल बिगड़ सकता है.
'नीतीश को नजरअंदाज नहीं कर सकते'-BJP: पार्टी प्रवक्ता राम सागर सिंह का कहना है कि नीतीश कुमार बिहार में एनडीए के नेता हैं. यदि उनसे आशीर्वाद लेते हैं तो कुछ भी गलत नहीं है. राजनीतिक विशेषज्ञ भी कह रहे हैं कि जब नीतीश कुमार विरोध में थे तब बयान उनका कुछ और था. अब स्थितियां बदल गई है और बेगूसराय से चुनाव भी जीतना है तो ऐसे में गिरिराज सिंह, नीतीश कुमार को नजर अंदाज नहीं कर सकते हैं.