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बीपीएससी ने रिजल्ट जारी करते हुए प्रश्न-पत्र की गुणवत्ता पर उंगली उठाने वाले अभ्यर्थियों को 'धो डाला'..! - BPSC 70TH PT RESULTS

बीपीएससी ने रिजल्ट जारी करते हुए प्रेस कॉन्फ्रेंस के माध्यम से परीक्षा को लेकर भ्रम फैलाने वालों पर प्रहार किया है-

बीपीएससी की प्रेस कॉन्फ्रेंस
बीपीएससी की प्रेस कॉन्फ्रेंस (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Jan 24, 2025, 8:54 PM IST

पटना :बीपीएससी 70वीं प्रीलिम्स परीक्षा का परिणाम गुरुवार को जारी कर दिया और इस परीक्षा में 2035 पदों की वैकेंसी पर 21581 अभ्यर्थी सफल हुए हैं. परीक्षा में 328990 अभ्यर्थी शामिल हुए थे. आयोग की ओर से संबंध में शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया जिसमें परीक्षा नियंत्रक राजेश कुमार और सचिन सत्य प्रकाश शर्मा मौजूद रहे. इस दौरान परीक्षा नियंत्रक राजेश कुमार ने बताया कि इस परीक्षा में 1409 अभ्यर्थी ऐसे हैं जिन्होंने शून्य से कम यानी माइनस में अंक हासिल किया है.

एक छात्र को ही 120 से अधिक अंक : बीपीएससी के परीक्षा नियंत्रक राजेश कुमार ने बताया कि कुछ कथित विशेषज्ञों शिक्षकों और कोचिंग संचालकों की ओर से आयोग को बदनाम किया गया. प्रश्न पत्र के स्टैंडर्ड पर सवाल उठाए गए और कहा गया कि चपरासी लेवल का प्रश्न था. उन्होंने कहा कि इस बार परीक्षा में सिर्फ एक छात्र को 120 से अधिक अंक प्राप्त हुए हैं जबकि 100 से 119 के बीच अंक प्राप्त करने वाले अभ्यर्थियों की संख्या मात्र 1180 है.

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बीपीएससी ने उठाए सवाल (ETV Bharat)

''इस परीक्षा में कुल 21581 छात्र सफल रहे हैं जो मेंस के लिए क्वालीफाई किए हैं. प्रश्न पत्र अगर स्टैंडर्ड का नहीं होता तो यह स्थिति नहीं होती. एक छात्र ही 120 से अधिक अंक प्राप्त किया है.'' - राजेश कुमार, परीक्षा नियंत्रक, बीपीएससी

100 से अधिक अंक लाने वाले महज 1181 छात्र : परीक्षा नियंत्रक राजेश कुमार ने कहा कि 150 अंक की परीक्षा में महज 1181 अभ्यर्थी ही 100 से अधिक अंक लाने में सफल हुए हैं. राजेश कुमार ने बताया कि कट ऑफ भी सामान्य श्रेणी में 91 गया है. 68वीं और 69वीं में भी सामान्य श्रेणी में कट ऑफ इतना ही गया था. अन्य श्रेणी में 1 से 2 अंक कट ऑफ कम ही हुआ है.

''इस परीक्षा में 328990 अभ्यर्थी शामिल हुए थे. इसमें 203358 अभ्यर्थी आवश्यक न्यूनतम अहर्तांक भी नहीं ला सके. परीक्षा में 90 से 100 के बीच अंक हासिल करने वाले अभ्यर्थियों की संख्या 6344 है जबकि 75 से 89 अंक हासिल करने वाली अभ्यर्थियों की संख्या 29164 है.''- राजेश कुमार, परीक्षा नियंत्रक, बीपीएससी

इतने छात्रों नहीं ला सके क्वालीफाइंग अंक : परीक्षा नियंत्रक राजेश कुमार ने कहा कि सामान्य श्रेणी में न्यूनतम अहर्तांक 40% यानी 60 अंक है. 42615 अभ्यर्थी यह नहीं ला सके. पिछड़ा वर्ग पुरुष में न्यूनतम अहर्तांक 54.75 अंक है, 27691 अभ्यर्थी यह भी नहीं ला सके. अत्यंत पिछड़ा वर्ग पुरुष का न्यूनतम अहर्तांक 51 अंक है, जिसमें 27055 अभ्यर्थी नहीं ला सके. इसके अलावा अनुसूचित जाति जनजाति महिला दिव्यांग के लिए न्यूनतम अहर्तांक 48 अंक है और 105997 अभ्यर्थी यह नहीं ला सके. अगर प्रश्न पत्र न्यूनतम स्तर का था तो इतनी बड़ी संख्या में अभ्यर्थी न्यूनतम और अंक प्राप्त करने में भी असफल क्यों रहे हैं, यह अभ्यर्थी विचार कर सकते हैं?

इस आसान प्रश्न को भी 1.70 लाख ने किया गलत : राजेश कुमार ने कहा कि एक प्रश्न जिसमें विधानसभा सदस्य की निर्वाचन क्षेत्र के संबंध में प्रश्न पूछा गया था और परीक्षा के संबंध में भ्रम फैलाने वाले लोग इसे सिपाही स्टार का भी प्रश्न नहीं मान रहे थे. प्रश्न यह था कि 'विधानसभा सदस्य जिन्होंने पेरिस ओलंपिक 2024 में शूटिंग में भारत का प्रतिनिधित्व किया है वह बिहार के किस निर्वाचन क्षेत्र से चुनी गई है'. इसका उत्तर था 'जमुई' जबकि 170485 अभ्यर्थियों ने गलत उत्तर दिया है. ऐसे में अभ्यर्थी स्वयं इस बात का निर्णय कर सकते हैं कि क्या यह प्रश्न बहुत अधिक आसान था?

यह उत्तर भी नहीं दे पाए छात्र : राजेश कुमार ने कहा कि इसके अलावा एक प्रश्न यह भी था कि 'बिहार में विष्णुपद योजना के अंतर्गत पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए 2024 के केंद्रीय बजट में निम्नलिखित में से कि केंद्र को प्रस्तावित किया गया है? इसका उत्तर था 'गया' लेकिन 149973 अभ्यर्थियों ने इसका गलत उत्तर दिया है. ऐसा ही एक प्रश्न था कि 'सिख तीर्थ स्थल "तख्त श्री हरि मंदिर जी" पटना साहिब जिसे दूसरा सबसे पवित्र तहत माना जाता है, स्थित है'. प्रश्न का उत्तर था 'पटना', लेकिन 50503 अभ्यर्थियों ने इसका भी गलत उत्तर दिया है.

याचिका दायर करने वाले 14 में तीन सफल : राजेश कुमार ने बताया कि जिन 14 अभ्यार्थियों ने पटना हाई कोर्ट में परीक्षा रद्द करने के लिए याचिका दायर की है उसमें तीन अभ्यर्थी ही परीक्षा में सफल हुए हैं. इसके अलावा एक अभ्यर्थी जो दूसरे का ओएमआर शीट अपलोड करके भ्रम फैला रहा था वह भी असफल रहा है. आयोग ने उसे बीपीएससी की छवि धूमिल करने के लिए डिबार्ड कर दिया है. उन्होंने कहा कि

''कुछ लोग प्रश्न पत्र की गुणवत्ता को लेकर घड़ियालों आंसू बहा रहे थे, उन्हें यह जान लेना चाहिए कि इस परीक्षा में 1.70 लाख अभ्यर्थी 30% अंक लाने में भी सफल नहीं हुए हैं.''- राजेश कुमार, परीक्षा नियंत्रक, बीपीएससी

आयोग की परीक्षा पद्धति है पारदर्शी : वहीं इस मौके पर आयोग के सचिव सत्य प्रकाश शर्मा ने कहा कि आयोग पूरी पारदर्शिका के साथ परीक्षा का आयोजन करता है और परीक्षा का परिणाम जारी करता है. अभ्यर्थियों का ओएमआर शीट भी अपलोड होता है और उसके नीचे प्रश्नों के सही उत्तर भी दिए रहते हैं ताकि अभ्यर्थी खुद से चेक कर ले कि वह कितना अंक प्राप्त कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि बिहार के मेहनती युवा छात्र अभ्यर्थियों को अफवाहों को फैलाने वाले तत्वों से सावधान रहने की जरूरत है.

''मामला अभी कोर्ट में है इसलिए इस बार जो रिजल्ट आया है वह प्रोविजनल रिजल्ट है. लेकिन सफल अभ्यर्थी किसी भी बहकावे में ना आए और मेंस परीक्षा की तैयारी करें. अप्रैल के आखिरी तक मेंस परीक्षा का आयोजन करा लिया जाएगा.''- राजेश कुमार, परीक्षा नियंत्रक, बीपीएससी

प्रोविजनल रिजल्ट : चूंकि यह मामला कोर्ट में है इसलिए कोर्ट के आदेश के अनुसार रिजल्ट कोर्ट के फैसले के अधीन है. इसलिए आयोग की ओर से कहा गया है कि पास अभ्यर्थी अप्रैल के आखिर तक मैंस परीक्षा की तैयारी करें. लगभग उसी के आसपास मेंस परीक्षा आयोजित होगी. बता दें कि पेपर रद्द कराने को लेकर प्रदर्शन जारी है. मामला कोर्ट में लंबित है और इसपर बिहार में खूब सियासत भी हो रही है.

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एक छात्र को ही 120 से अधिक अंक : बीपीएससी के परीक्षा नियंत्रक राजेश कुमार ने बताया कि कुछ कथित विशेषज्ञों शिक्षकों और कोचिंग संचालकों की ओर से आयोग को बदनाम किया गया. प्रश्न पत्र के स्टैंडर्ड पर सवाल उठाए गए और कहा गया कि चपरासी लेवल का प्रश्न था. उन्होंने कहा कि इस बार परीक्षा में सिर्फ एक छात्र को 120 से अधिक अंक प्राप्त हुए हैं जबकि 100 से 119 के बीच अंक प्राप्त करने वाले अभ्यर्थियों की संख्या मात्र 1180 है.

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बीपीएससी ने उठाए सवाल (ETV Bharat)

''इस परीक्षा में कुल 21581 छात्र सफल रहे हैं जो मेंस के लिए क्वालीफाई किए हैं. प्रश्न पत्र अगर स्टैंडर्ड का नहीं होता तो यह स्थिति नहीं होती. एक छात्र ही 120 से अधिक अंक प्राप्त किया है.'' - राजेश कुमार, परीक्षा नियंत्रक, बीपीएससी

100 से अधिक अंक लाने वाले महज 1181 छात्र : परीक्षा नियंत्रक राजेश कुमार ने कहा कि 150 अंक की परीक्षा में महज 1181 अभ्यर्थी ही 100 से अधिक अंक लाने में सफल हुए हैं. राजेश कुमार ने बताया कि कट ऑफ भी सामान्य श्रेणी में 91 गया है. 68वीं और 69वीं में भी सामान्य श्रेणी में कट ऑफ इतना ही गया था. अन्य श्रेणी में 1 से 2 अंक कट ऑफ कम ही हुआ है.

''इस परीक्षा में 328990 अभ्यर्थी शामिल हुए थे. इसमें 203358 अभ्यर्थी आवश्यक न्यूनतम अहर्तांक भी नहीं ला सके. परीक्षा में 90 से 100 के बीच अंक हासिल करने वाले अभ्यर्थियों की संख्या 6344 है जबकि 75 से 89 अंक हासिल करने वाली अभ्यर्थियों की संख्या 29164 है.''- राजेश कुमार, परीक्षा नियंत्रक, बीपीएससी

इतने छात्रों नहीं ला सके क्वालीफाइंग अंक : परीक्षा नियंत्रक राजेश कुमार ने कहा कि सामान्य श्रेणी में न्यूनतम अहर्तांक 40% यानी 60 अंक है. 42615 अभ्यर्थी यह नहीं ला सके. पिछड़ा वर्ग पुरुष में न्यूनतम अहर्तांक 54.75 अंक है, 27691 अभ्यर्थी यह भी नहीं ला सके. अत्यंत पिछड़ा वर्ग पुरुष का न्यूनतम अहर्तांक 51 अंक है, जिसमें 27055 अभ्यर्थी नहीं ला सके. इसके अलावा अनुसूचित जाति जनजाति महिला दिव्यांग के लिए न्यूनतम अहर्तांक 48 अंक है और 105997 अभ्यर्थी यह नहीं ला सके. अगर प्रश्न पत्र न्यूनतम स्तर का था तो इतनी बड़ी संख्या में अभ्यर्थी न्यूनतम और अंक प्राप्त करने में भी असफल क्यों रहे हैं, यह अभ्यर्थी विचार कर सकते हैं?

इस आसान प्रश्न को भी 1.70 लाख ने किया गलत : राजेश कुमार ने कहा कि एक प्रश्न जिसमें विधानसभा सदस्य की निर्वाचन क्षेत्र के संबंध में प्रश्न पूछा गया था और परीक्षा के संबंध में भ्रम फैलाने वाले लोग इसे सिपाही स्टार का भी प्रश्न नहीं मान रहे थे. प्रश्न यह था कि 'विधानसभा सदस्य जिन्होंने पेरिस ओलंपिक 2024 में शूटिंग में भारत का प्रतिनिधित्व किया है वह बिहार के किस निर्वाचन क्षेत्र से चुनी गई है'. इसका उत्तर था 'जमुई' जबकि 170485 अभ्यर्थियों ने गलत उत्तर दिया है. ऐसे में अभ्यर्थी स्वयं इस बात का निर्णय कर सकते हैं कि क्या यह प्रश्न बहुत अधिक आसान था?

यह उत्तर भी नहीं दे पाए छात्र : राजेश कुमार ने कहा कि इसके अलावा एक प्रश्न यह भी था कि 'बिहार में विष्णुपद योजना के अंतर्गत पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए 2024 के केंद्रीय बजट में निम्नलिखित में से कि केंद्र को प्रस्तावित किया गया है? इसका उत्तर था 'गया' लेकिन 149973 अभ्यर्थियों ने इसका गलत उत्तर दिया है. ऐसा ही एक प्रश्न था कि 'सिख तीर्थ स्थल "तख्त श्री हरि मंदिर जी" पटना साहिब जिसे दूसरा सबसे पवित्र तहत माना जाता है, स्थित है'. प्रश्न का उत्तर था 'पटना', लेकिन 50503 अभ्यर्थियों ने इसका भी गलत उत्तर दिया है.

याचिका दायर करने वाले 14 में तीन सफल : राजेश कुमार ने बताया कि जिन 14 अभ्यार्थियों ने पटना हाई कोर्ट में परीक्षा रद्द करने के लिए याचिका दायर की है उसमें तीन अभ्यर्थी ही परीक्षा में सफल हुए हैं. इसके अलावा एक अभ्यर्थी जो दूसरे का ओएमआर शीट अपलोड करके भ्रम फैला रहा था वह भी असफल रहा है. आयोग ने उसे बीपीएससी की छवि धूमिल करने के लिए डिबार्ड कर दिया है. उन्होंने कहा कि

''कुछ लोग प्रश्न पत्र की गुणवत्ता को लेकर घड़ियालों आंसू बहा रहे थे, उन्हें यह जान लेना चाहिए कि इस परीक्षा में 1.70 लाख अभ्यर्थी 30% अंक लाने में भी सफल नहीं हुए हैं.''- राजेश कुमार, परीक्षा नियंत्रक, बीपीएससी

आयोग की परीक्षा पद्धति है पारदर्शी : वहीं इस मौके पर आयोग के सचिव सत्य प्रकाश शर्मा ने कहा कि आयोग पूरी पारदर्शिका के साथ परीक्षा का आयोजन करता है और परीक्षा का परिणाम जारी करता है. अभ्यर्थियों का ओएमआर शीट भी अपलोड होता है और उसके नीचे प्रश्नों के सही उत्तर भी दिए रहते हैं ताकि अभ्यर्थी खुद से चेक कर ले कि वह कितना अंक प्राप्त कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि बिहार के मेहनती युवा छात्र अभ्यर्थियों को अफवाहों को फैलाने वाले तत्वों से सावधान रहने की जरूरत है.

''मामला अभी कोर्ट में है इसलिए इस बार जो रिजल्ट आया है वह प्रोविजनल रिजल्ट है. लेकिन सफल अभ्यर्थी किसी भी बहकावे में ना आए और मेंस परीक्षा की तैयारी करें. अप्रैल के आखिरी तक मेंस परीक्षा का आयोजन करा लिया जाएगा.''- राजेश कुमार, परीक्षा नियंत्रक, बीपीएससी

प्रोविजनल रिजल्ट : चूंकि यह मामला कोर्ट में है इसलिए कोर्ट के आदेश के अनुसार रिजल्ट कोर्ट के फैसले के अधीन है. इसलिए आयोग की ओर से कहा गया है कि पास अभ्यर्थी अप्रैल के आखिर तक मैंस परीक्षा की तैयारी करें. लगभग उसी के आसपास मेंस परीक्षा आयोजित होगी. बता दें कि पेपर रद्द कराने को लेकर प्रदर्शन जारी है. मामला कोर्ट में लंबित है और इसपर बिहार में खूब सियासत भी हो रही है.

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