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पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त ने किया ऑनलाइन वोटिंग का समर्थन, वरिष्ठ नागरिकों से शुरुआत करने का दिया सुझाव - Former Chief Election Commissioner

देश में ऑनलाइन वोटिंग को लेकर काफी समय से मांग चल रही है. अब भारत के पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त टीएस कृष्णमूर्ति ने भी इसका समर्थन किया है. उन्होंने सुझाव दिया कि शुरुआत में वरिष्ठ नागरिकों, शारीरिक रूप से अक्षम व्यक्तियों और वर्दीधारी सेवाओं के सदस्यों को ऑनलाइन वोटिंग की सुविधा प्रदान की जानी चाहिए.

Former Chief Election Commissioner TS Krishnamurthy
पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त टीएस कृष्णमूर्ति

By PTI

Published : Mar 18, 2024, 4:01 PM IST

बेंगलुरु: भारत के पूर्व मुख्य निर्वाचन आयुक्त (सीईसी) टीएस कृष्णमूर्ति ने सोमवार को सुझाव दिया कि वरिष्ठ नागरिकों, दिव्यांग व्यक्तियों और सुरक्षा सेवाओं से जुड़े लोगों को ऑनलाइन मतदान की सुविधा प्रदान कर इस सेवा की शुरुआत की जानी चाहिए.

उन्होंने राजनीतिक दलों से आग्रह किया कि वे भौतिक सार्वजनिक बैठकों की संख्या में कटौती करने की संभावना पर गंभीरता से विचार करें और डिजिटल मीडिया की शक्ति का लाभ उठाते हुए ऑनलाइन प्रचार का विकल्प चुनें.

कृष्णमूर्ति ने कहा कि भारत निर्वाचन आयोग (ईसीआई) के प्रमुख के रूप में उनके कार्यकाल के दौरान, वरिष्ठ नागरिकों और दिव्यांग व्यक्तियों को ऑनलाइन मतदान का विकल्प देने के प्रस्ताव पर विचार किया गया था और आईआईटी-मद्रास के साथ अनौपचारिक परामर्श भी किया गया था. उन्होंने कहा कि राजनीतिक दलों ने हालांकि मतदान के दौरान गोपनीयता के संभावित उल्लंघन का हवाला देते हुए आपत्ति व्यक्त की थी.

उन्होंने कहा कि 'ऐसे देश हैं, जहां इंटरनेट से मतदान की अनुमति है, लेकिन हमें (भारत में) राजनीतिक दलों की सहमति से इसे जारी रखना होगा. जिस बात पर उन्हें आपत्ति हो, उसे प्रस्तावित करने का कोई मतलब नहीं है. लेकिन मेरी अपनी भावना यह है कि कम से कम शुरुआत में वरिष्ठ नागरिकों और दिव्यांग लोगों तथा सुरक्षा सेवाओं से जुड़े सभी लोगों को इंटरनेट से मतदान की सुविधा दी जा सकती है.'

कृष्णमूर्ति ने कहा कि 'हमें गंभीरता से इस पर विचार करना चाहिए.' उन्होंने राजनीतिक दलों से इस बात पर भी विचार करने को कहा कि क्या वे चुनाव प्रचार के संदर्भ में भौतिक रूप से जनसभाओं का आयोजन कम कर सकते हैं. चुनाव के दौरान अपनी मैक्सिको यात्रा को याद करते हुए कृष्णमूर्ति ने कहा कि उन्होंने वहां बहुत कम सार्वजनिक बैठकें देखीं और अधिकांश प्रचार टीवी और ऑनलाइन माध्यमों से किया जाता था.

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