पटना : देशभर के पीठासीन अधिकारियों के दो दिनों के सम्मेलन के बाद लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि पटना से पांच संकल्प लेकर हम लोग जा रहे हैं. ओम बिरला ने विधानसभा के छोटे सत्र, विधानसभा में होने वाले हंगामा और आसन पर उठ रहे उंगली जैसे कई महत्वपूर्ण सवालों का जवाब भी दिया.
संकल्प 1- अखिल भारतीय पीठासीन अधिकारी सम्मेलन ने भारतीय संविधान निर्माता को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उनके प्रति कृतज्ञता व्यक्त किया. भारत की जनता और देश के प्रति उनके महान योगदान की सराहना की. यह संविधान उन भागीदारी पर आधारित शासकीय व्यवस्था का पवित्र दस्तावेज है जिसमें लोकतांत्रिक मूल्य और सामूहिक जनकल्याण की भावनाएं निहित है.
संकल्प 2- भारत के संविधान के अंगीकरण की 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर भारतीय विधायी संस्थाओं के पीठासीन अधिकारियों के सम्मेलन ने सामूहिक रूप से भारतीय संविधान के प्रति अपनी संपूर्ण आस्था व्यक्त की तथा संकल्प लिया कि संविधान में निहित मूल्य और आदर्शों के रूप अपने-अपने सदनों का कार्य संचालन करेंगे.
संकल्प 3- भारतीय विधायी संस्थाओं के पीठासीन अधिकारियों ने सामूहिक रूप से संकल्प लिया कि विधायी संस्थानों में बाधा रहित व्यवस्थित चर्चा एवं परिचर्चा को सुनिश्चित करेंगे, ताकि विधायी एवं नीतिगत मुद्दों पर जनहित में श्रेष्ठ संवाद का वातावरण बन सके.
संकल्प 4- भारतीय विधायी संस्थाओं के पीठासीन अधिकारियों ने संविधान के 75 वर्ष पूरे होने पर इसके मूल्यों को समाज के विभिन्न वर्गों तक पहुंचाने का संकल्प लिया. इसके अंतर्गत पंचायती राज व्यवस्था, शहरी निकायों, शहरी संस्थाओं, शिक्षण संस्थानों एवं समाज के विभिन्न वर्गों तक संवैधानिक मूल्यों को योजना बंद तरीके से पहुंचने का अभियान और कार्यक्रम चलाने का निर्णय लिया. जिससे संवैधानिक मूल्यों की जड़े और गहरी और स्थाई हो और जन सहभागिता पर आधारित यह शासकीय व्यवस्था देश में और सुदृढ़ और मजबूत बने.