नई दिल्ली: मोदी सरकार 3.0 का पहला पूर्ण बजट नजदीक आने से पहले कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने रणनीतिक सुझाव जुटाने के लिए किसानों और कृषि हितधारकों के साथ व्यापक विचार-विमर्श शुरू कर दिया है.
कृषि सुधारों पर चर्चा
कृषि मंत्री कृषि भवन में बजट-पूर्व बैठकें भी कर रहे हैं, जिसमें कृषि संगठनों, कृषि उद्यमियों और उद्योग प्रतिनिधियों को एक साथ लाकर क्षेत्र की चुनौतियों और संभावित सुधारों पर चर्चा की जा रही है. केंद्रीय बजट से पहले कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय वित्त मंत्रालय के लिए बजट प्रस्ताव तैयार करने के लिए आंतरिक समीक्षा कर रहा है.
मंत्रालय प्राप्त सभी सुझावों की सावधानीपूर्वक समीक्षा कर रहा है और कृषि क्षेत्र के हितधारकों के साथ निरंतर संवाद सुनिश्चित कर रहा है.
चर्चा के मुख्य बिंदु
- मंत्रालय कृषि में वैल्यू एडिशन, निर्यात सुविधाओं का विस्तार, कृषि अनुसंधान को बढ़ाने, इनपुट मूल्यों को नियंत्रित करने और किसान संरक्षण उपायों को लागू करने की रणनीति सहित सभी बिंदुओं पर सभी हितधारकों के साथ चर्चा कर रहा है.
- नाबार्ड, सीआईआई, पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स, एसोचैम, भारतीय स्टेट बैंक और सोयाबीन प्रोसेसर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया के प्रतिनिधियों ने पहले ही कृषि सचिव देवेश चतुर्वेदी के साथ चर्चा की है.
- मंत्री ने भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) द्वारा 109 नई फसल किस्मों के विकास सहित सरकार के प्रयासों पर प्रकाश डाला, जिन्हें हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जारी किया था.
कृषि प्रस्तावों पर चर्चा
कुछ दिन पहले कृषि और ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपनी वित्त समकक्ष निर्मला सीतारमण से मुलाकात की और कृषि क्षेत्र को बढ़ावा देने और किसानों की आय बढ़ाने के लिए अपने मंत्रालय के प्रमुख बजट प्रस्तावों पर विस्तार से चर्चा की. मंत्री ने सभी चार विभागों - कृषि, आईसीएआर, ग्रामीण विकास और भूमि संसाधन के प्रस्तावों पर चर्चा की.
बैठक के बाद चौहान ने संवाददाताओं से कहा कि हमने वित्त मंत्री से मुलाकात की और बजट में इन विभागों के लिए क्या बेहतर हो सकता है, इस पर सुझाव दिए. मंत्री ने बातचीत के दौरान किसानों, प्रोसेसर और हितधारकों द्वारा उठाई गई चिंताओं पर व्यापक चर्चा की. बैठक में कृषि और ग्रामीण विकास मंत्रालयों के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे.