पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमारके विदेश दौरे से लौटने के बाद मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर लगातार चर्चा हो रही है. एनडीए में सीट शेयरिंग का फार्मूला भी तय हो चुका है. ऐसे में मंत्रिमंडल विस्तार कभी हो सकता है. बुधवार 13 मार्च को भी मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर चर्चा होती रही लेकिन दोनों डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिन्हा के सीएम से एक घंटे तक मुलाकात के बाद कैबिनेट विस्तार की चर्चा और जोर पकड़ी है.
कैबिनेट में सीएम के साथ 9 मंत्री:बिहार में अभी मुख्यमंत्री के साथ कुल 9 मंत्री हैं. इसमें बीजेपी से तीन, जेडीयू से 4, हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा से एक और एक निर्दलीय मंत्री बनाए गए हैं. बिहार में विधायकों की संख्या बल के हिसाब से 35 मंत्री बनाए जा सकते हैं. ऐसे तो 26 मंत्रियों के बनाए जाने की गुंजाइश है लेकिन जो सूत्रों से जानकारी मिल रही है, उसके मुताबिक फिलहाल कुछ मंत्री पद खाली रखे जाएंगे.
जेडीयू में रिपीट होंगे पुराने चेहरे: सीएम नीतीश कुमार जनता दल यूनाइटेड के अधिकांश पुराने मंत्रियों को ही रिपीट करेंगे. कुछ नए चेहरे भी होंगे, उसमें महेश्वर हजारी एक हो सकते हैं. महेश्वर हजारी ने विधानसभा के उपाध्यक्ष पद से मंत्री बनने के लिए ही इस्तीफा दिया है. अभी जेडीयू से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के अलावे बिजेंद्र यादव, विजय कुमार चौधरी और श्रवण कुमार मंत्री हैं. जेडीयू कोटे से बनाए जाने वाले अन्य मंत्रियों में मदन सहनी, लेसी सिंह और जमा खान का नाम सामने आ रहा है.
बीजेपी में उलटफेर की संभावना: वहीं भारतीय जनता पार्टी की ओर से मंगल पांडे का मंत्रिमंडल में शामिल होना तय है, क्योंकि उन्हें हाल ही में विधान परिषद सदस्य बनाया गया है. नितिन नवीन को एक बार फिर से मौका मिल सकता है. बीजेपी में बड़े उलटफेर भी हो सकते हैं. पार्टी कई नए चेहरे को मौका दे सकती है. बीजेपी से अभी दोनों उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिन्हा के अलावे प्रेम कुमार मंत्री हैं. लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी और जेडीयू मंत्रिमंडल विस्तार में जातीय और सामाजिक समीकरण के साथ क्षेत्रीय समीकरण को भी साधने की कोशिश करेगी.