मोतिहारी : पटना का फुलवारी टेरर मॉड्यूल का आरोपी और प्रतिबंधित पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) का सक्रिय सदस्य मोहम्मद सज्जाद आलम को NIA ने 4 जनवरी को दिल्ली हवाई अड्डे से गिरफ्तार किया. इस मामले में एनआईए द्वारा लुक आउट नोटिस जारी किया गया था. और सज्जाद आलम का नाम फुलवारी टेरर मॉड्यूल में सामने आया था. उसके खिलाफ आरोप है कि उसने दुबई से भारत में गैरकानूनी गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए धन जुटाया. जब वह दुबई से भारत लौट रहा था, तो एनआईए ने उसे दिल्ली हवाई अड्डे पर गिरफ्तार कर लिया.
सज्जाद आलम का परिवार और उनका बचाव : सज्जाद आलम की गिरफ्तारी के बाद उसके परिवार के लोग इस मामले पर पहले कोई जानकारी देने को तैयार नहीं थे. हालांकि, काफी समझाने के बाद, मो. सज्जाद आलम के पिता मोहम्मद फारुक ने कहा कि उन्हें इस मामले के बारे में कुछ भी जानकारी नहीं है. उन्होंने कहा, "हम क्या बतायें, हमें कुछ मालूम नहीं है. बेटे ने फोन किया था कि वह दिल्ली से पटना लाया गया है, लेकिन उसे कुछ बोलने नहीं दिया गया." उन्होंने यह भी कहा कि उनका बेटा निर्दोष है और वह किसी गलत काम में शामिल नहीं हो सकता.
एनआईए की जांच और आरोप : पटना के फुलवारीशरीफ थाना में जुलाई 2022 में पीएफआई के खिलाफ राष्ट्रविरोधी गतिविधियों और गैरकानूनी कामों को लेकर प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी. इस मामले की जांच एनआईए को सौंपी गई, जिसके बाद एनआईए ने पूर्वी चंपारण जिले के चकिया, मेहसी और मधुबन थाना क्षेत्रों से कई लोगों को गिरफ्तार किया और इन स्थानों पर कई बार छापेमारी भी की. इस टेरर मॉड्यूल के खुलासे के बाद, मोहम्मद सज्जाद आलम पर आरोप है कि उसने संयुक्त अरब अमीरात, कर्नाटक और केरल स्थित नेटवर्क के माध्यम से बिहार में पीएफआई के सदस्यों को दुबई से अवैध धन भेजा.
सज्जाद आलम की गिरफ्तारी : मोहम्मद सज्जाद आलम पर एनआईए कोर्ट से गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया था और लुकआउट नोटिस भी जारी किया गया था. इसी कारण, जब वह दुबई से भारत लौट रहा था, तो एनआईए ने उसे दिल्ली हवाई अड्डे से गिरफ्तार कर लिया. फुलवारी टेरर मॉड्यूल के मामले में अब तक कुल 17 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका था, और मोहम्मद सज्जाद आलम इस मामले में गिरफ्तार होने वाला 18वां आरोपी है.