पटना: लोकसभा चुनाव 2024 के लिए बिहार बैटलफील्ड बना है. राजनीतिक दलों के बड़े- बड़े वादे और बड़े बड़े दावे हैं. बिहार में सात चरणों में चुनाव होने हैं. बिहार के चुनावी मैदान में नरेंद्र मोदी और अमित शाह की जोड़ी उतर चुकी है. एनडीए के स्टार प्रचारक नरेंद्र मोदी हैं तो मुकाबला के लिए इंडिया गठबंधन की ओर से तेजस्वी मैदान और मुकेश साहनी मैदान में हैं.
16 को गया से फिर हुंकार भरेंगे पीएम मोदी:राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन ने चुनाव प्रचार अभियान शुरू कर दिया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार में अब तक दो सभा कर चुके हैं. अगली सभा 16 अप्रैल को गया में होने वाली है. वहीं गृह मंत्री अमित शाह नरेंद्र मोदी के सारथी हैं. गृह मंत्री अमित शाह ने गया लोकसभा क्षेत्र में सभा की है. भारतीय जनता पार्टी की ओर से जंगल राज के मुद्दे को जोरशोर से उठाया जा रहा है.
परिवारवाद को लेकर मोदी हमलावर: परिवारवाद के मसले पर पीएम मोदी हमलावर हैं. इसके अलावा एनडीए के पास राष्ट्रीय मुद्दों की लंबी सूची है. कश्मीर मुद्दे को लेकर भाजपा नेता जनता के बीच जा रहे हैं तो पड़ोसी देशों के प्रति आक्रामक रवैया को भी उपलब्धियां के रूप में बताई जा रही है. अयोध्या में राम मंदिर निर्माण एनडीए के लिए संजीवनी है. इसके अलावा गरीब कल्याण योजना और महिला आरक्षण के मसले को भी भाजपा नेता जनता के बीच ले जा रहे हैं.
तेजस्वी को मिल रहा मुकेश साहनी का साथ:इधर महागठबंधन भी एनडीए से मुकाबले के लिए तैयार है. महागठबंधन की ओर से चुनाव प्रचार अभियान की कमान तेजस्वी यादव ने संभाल रखी है. तेजस्वी यादव के साथ मुकेश साहनी भी इंडिया गठबंधन के उम्मीदवारों के लिए चुनाव प्रचार कर रहे हैं. महागठबंधन की ओर से तेजस्वी और मुकेश साहनी के अलावा कोई दूसरा नेता मैदान में नहीं आया है. राहुल गांधी के चुनाव प्रचार करने की संभावना व्यक्त की जा रही है.
रोजगार और नौकरी तेजस्वी की कुंजी: तेजस्वी यादव अपने 17 महीने के कार्यकाल को लेकर जनता के बीच जा रहे हैं. रोजगार और नौकरी के मुद्दे को तेजस्वी यादव भुनाने में जुटे हैं. तेजस्वी यादव राष्ट्रीय मुद्दों के बजाय स्थानीय मुद्दों के बदौलत चुनाव लड़ना चाहते हैं. तेजस्वी परिवारवाद और भ्रष्टाचार के मुद्दे पर एनडीए को काउंटर भी कर रहे हैं. राजनीतिक दलों से इतर आम लोगों की राय अलग है. आम लोग जहां रोजी रोजगार और नौकरी चाहते हैं, वहीं महंगाई से राहत भी उनकी उम्मीद है.
एनडीए के पास मुद्दों की लंबी फेहरिस्त: एनडीए के पास मुद्दों की फेहरिस्त है तो इंडिया गठबंधन नौकरी और रोजगार के मुद्दों को लेकर जनता के बीच जा रही है. जहां तक मुद्दों का सवाल है तो तेजस्वी यादव स्थानीय मुद्दों के सहारे चुनावी वैतरणी पार करना चाहते हैं. तेजस्वी के लिए नौकरी सफलता की कुंजी है. वह 17 महीने के कार्यकाल की उपलब्धियां को भी बता रहे हैं. एनडीए गठबंधन की ओर से जंगल राज परिवारवाद और मंदिर के एजेंडा को जोर शोर से उठाया जा रहा है.