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कहानी कांग्रेस के पंजे की, ये है यूपी कनेक्शन, इंदिरा गांधी के अपनाते ही रातों-रात बदली पार्टी की किस्मत - election 2024 - ELECTION 2024

election 2024: यूपी में इन दिनों लोकसभा चुनाव जोरों पर है. हर पार्टी पूरी ताकत के साथ चुनाव मैदान में डटी है. ऐसे में कांग्रेस पार्टी इंडिया महागठबंधन के साथ चुनाव लड़ रही है. चलिए जानते हैं कि आखिर कांग्रेस के चुनाव चिह्न पंजे का यूपी कनेक्शन क्या है.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Apr 14, 2024, 9:52 AM IST

Updated : Apr 14, 2024, 10:05 AM IST

लखनऊः क्या आप जानते हैं कांग्रेस के चुनाव चिह्न पंजे का यूपी से खास कनेक्शन है. ये चुनाव चिह्न अपनाते ही कांग्रेस पार्टी की किस्मत रातों-रात बदल गई थी. पार्टी अचानक एक के बाद एक चुनाव जीतने लगी थी. चलिए जानते हैं इस चुनावी सिंबल की रोचक कहानी के बारे में.

ये किस्सा शुरू होता है 1977 में आपातकाल के बाद कांग्रेस को मिली करारी हार से. इंदिराजी बेहद निराश थीं. कांग्रेस का प्रदर्शन बेहद खराब था. उन्हें पार्टी के राजनीतिक भविष्य की चिंता भी सता रही थी. निराशा के बीच एक कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने इंदिरा गांधी को चुपचाप एक सलाह दी.

इंदिरा गांधी तुरंत उस सलाह पर अमल करते हुए पहुंच गईं देवरिया की मईली में सरयू किनारे प्रवास कर रहे सिद्ध संत देवरिया बाबा के दर्शन करने. देवरिया से करीब 40 किलोमीटर दूर देवराहा बाबा के आश्रम में पहुंचकर इंदिरा गांधी ने दूर से नमन कर कांग्रेस को अपना आशीर्वाद देनी की प्रार्थना की. इस पर देवराहा बाबा ने हाथ का पंजा उठाकर कहा कि अब यही तुम्हारा कल्याण करेगा.

इसके बाद इंदिरा गांधी इस आशीर्वाद के साथ वापस दिल्ली लौट आई. उन्होंने मन ही मन ठान लिया कि हो न हो अब यही पार्टी का सिंबल बनेगा. इसके बाद उन्होंने चुनाव आयोग से कांग्रेस पार्टी का चुनाव निशान हाथ का पंजा आवंटित करने की गुजारिश की. यह चुनाव निशान चुनाव आयोग ने कांग्रेस को आवंटित कर दिया. इसके बाद तो मानों जैसे कांग्रेस में नई चेतना आ गई हो. पार्टी ने इसके बाद कई चुनाव में शानदार प्रदर्शन करते हुए सफलता अर्जित की. तब से यह कहा जाता है कि कांग्रेस का यह चुनाव निशान सिद्द संत का आशीर्वाद है.

कौन थे देवराहा बाबा?
देवरहा बाबा यूपी के 'नाथ' नदौली ग्राम, लार रोड, देवरिया जिले के रहने वाले थे. देवरिया जिले में रहने के कारण उनका नाम देवराहा बाबा पड़ा था. उनका जन्म और आयु अज्ञात है. कहा जाता था कि वह करीब 250 से 500 वर्ष तक जिंदा रहे थे. 19 जून 1990 को वह ब्रह्मलीन हुए थे. देवराहा बाबा से आशीर्वाद लेने इंदिरा गांधी समेत कई नेता अक्सर देवरिया पहुंचते थे. पूर्व राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद, पं मदन मोहन मालवीय, पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरूअटल बिहारी बाजपेयी, लालू प्रसाद यादव, मुलायम सिंह यादव आदि भी बाबा के दर्शन कर चुके थे. बाबा एक मचान में रहकर भक्तों को आशीर्वाद देते थे.

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Last Updated : Apr 14, 2024, 10:05 AM IST

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