मेरठ: यूपी पुलिस सिपाही भर्ती में शारीरिक परीक्षण में पास करने के लिए डॉक्टर ने बागपत के एक अभ्यर्थी से 50 हजार रुपये की रिश्वत मांगी. डॉक्टर ने रिश्वत वसूली के लिए मेरठ पुलिस लाइन के बाहर खड़ी एक गाड़ी में अपना आदमी बैठा रखा था. रिश्वत मांगे जाने पर अभ्यर्थी ने थाना सिविल लाइन में रिपोर्ट दर्ज कराई है. पुलिस ने मुकदमा दर्ज करके मामले की जांच शुरू कर दी है.
बता दें कि बागपत के टीकरी गांव निवासी निखिल राठी ने पुलिस कांस्टेबल भर्ती की लिखित परीक्षा तो पास कर ली लेकिन, शनिवार को पुलिस लाइन में उसके प्रमाण पत्रों का सत्यापन और शारीरिक मानक परीक्षण किया जाना था. वह अपने पिता के साथ मेरठ आया हुआ था. पिता पुलिस लाइन के बाहर रुक गए. जबकि निखिल अंदर अपना परीक्षण देने चला गया. यहां उसका शारीरिक परीक्षण हुआ.
निखिल के अनुसार डॉक्टर ने बताया कि तुम्हारी छाती का फुलाव सही नहीं है. डॉक्टर ने कहा कि पुलिस लाइन के गेट नंबर तीन के बाहर गाड़ी खड़ी है. वहां पर जाकर बात कर लो, सब ठीक हो जाएगा, तुम्हे कोई परेशानी नहीं होगी.
इस पर वह पुलिस लाइन के बाहर गया तो गाड़ी उसे नहीं मिली. उसने डॉक्टर से जाकर कहा तो उसने उसके पिता का मोबाइल नंबर ले लिया. इसके बाद निखिल के पिता के मोबाइल पर एक फोन आया. उसने कहा कि आपके बेटे का सीने का फुलाव कम है. 50 हजार रुपए दे दोगे तो सही हो जाएगा.
निखिल के पिता ने बताया कि जब वो वहां गए तो वहां गाड़ी खड़ी थी. उन्होंने गाड़ी का फोटो ले लिया. फोटो लेते देखा तो गाड़ी वाला तुरंत भाग गया. इसके बाद निखिल के पिता ने डॉक्टर को कॉल किया तो उसने बताया कि आपके बेटे की छाती का फुलाव सही है, उसे फिट कर दिया गया है.
इस पर निखिल ने थाना सिविल लाइन में रिपोर्ट दर्ज कराई. मेरठ पुलिस लाइन में चल रही भर्ती प्रक्रिया के नोडल अधिकारी राघवेंद्र मिश्रा ने बताया कि इस पूरे मामले में अभ्यर्थी के द्वारा की गई शिकायत के बाद आरोपी डॉक्टर और उसके ड्राइवर पर एफआईआर दर्ज कर ली गई है. शारीरिक मानक परीक्षण और डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन के लिए नियुक्त किए गए डॉक्टर उसके कार ड्राइवर के खिलाफ जांच बैठा दी गई है.
बता दें कि जिले में पुलिस कांस्टेबल भर्ती की लिखित परीक्षा सीसीटीवी की निगरानी में हुई थी. पुलिस लाइन में 26 दिसम्बर से मेरठ, बागपत, बुलंदशहर और हापुड़ के अभ्यर्थियों का सत्यापन हो रहा रहा है. 25 जनवरी तक प्रमाण पत्र और शारीरिक मापदंड की जांच होनी हैं. तीन सेंटर पर रोजाना 50 से 75 अभ्यर्थियों का सत्यापन किया जा रहा है. सीसीटीवी की निगरानी में पूरी प्रक्रिया हो रही है.
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