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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Feb 9, 2024, 12:34 PM IST

Updated : Feb 9, 2024, 5:50 PM IST

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ईडी ने हरक सिंह रावत के घर पड़ी रेड को लेकर जारी किया लेटर, सरकारी खजाने को तगड़ा नुकसान पहुंचाने का आरोप

ED letter on raid at Harak Rawat house बुधवार 7 फरवरी 2023 को ईडी ने उत्तराखंड के पूर्व कैबिनेट मंत्री और अब कांग्रेस नेता हरक सिंह रावत और उनके करीबियों के घरों और प्रतिष्ठानों पर रेड डाली थी. ईडी ने अब इस रेड के बारे में विस्तार से बताया है. ईडी ने बताया है कि जांच में कितनी नकदी और कौन सी संपत्तियों का पता चला है.

ED letter
हरक ईडी

देहरादून: उत्तराखंड के पूर्व कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत के आवास और प्रतिष्ठानों पर बुधवार को एक साथ पड़ी ईडी की रेड को लेकर अब बड़ा खुलासा खुद ईडी ने किया है. ईडी ने एक पत्र जारी कर बताया है कि 7 फरवरी को तलाशी अभियान चलाया गया.

हरक के घर छापे का ईडी ने दिया ब्यौरा: मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम के तहत उत्तराखंड, दिल्ली और हरियाणा के 17 स्थानों पर एक साथ छापा मारा गया. दरअसल ये छापे पूर्व वन मंत्री हरक सिंह रावत, उनके कार्यकाल के दौरान वन मंत्रालय में रहे अफसरों और हरक के उन करीबियों जिन पर मनी लॉन्ड्रिंग का शक था उनके आवासों पर मारे गये थे. ईडी ने अपने लेटर में बताया है कि-

मनी लॉन्ड्रिंग के केस में मारा था छापा: पीएमएलए, 2002 के तहत वीरेंद्र सिंह कंडारी, बृज बिहारी शर्मा, किशन चंद के घर तलाशी के दौरान नकदी बरामद हुई. ₹1.10 करोड़ (लगभग), लगभग रुपए 80 लाख मूल्य का 1.3 किलोग्राम सोना, 10 लाख (लगभग) विदेशी मुद्रा राशि रुपए, बैंक लॉकर, डिजिटल डिवाइस, अचल संपत्ति से संबंधित भारी भरकम दस्तावेज और संपत्तियों को बरामद और जब्त किया गया.

हरक पर छापे को लेकर ईडी की प्रेस रिलीज

ईडी के पत्र में ये भी उल्लेख किया गया है कि उत्तराखंड पुलिस द्वारा दर्ज की गई एफआईआर के आधार पर जांच शुरू की गई. बीरेंद्र सिंह कंडारी और अन्य के खिलाफ आईपीसी, 1860 की विभिन्न धाराएं लगी हैं. ईडी की जांच में पता चला कि आरोपी वीरेंद्र सिंह कंडारी पूर्व मंत्री हरक सिंह रावत का करीबी है. कंडारी ने अपने सहयोगी नरेंद्र कुमार वालिया और पूर्व मंत्री हरक सिंह रावत के साथ मिलकर एक जमीन के लिए दो पावर ऑफ अटार्नी पंजीकृत करवाई थीं. ये उस जमीन को लेकर किया गया था जिसका विक्रय पत्र न्यायालय ने रद्द कर दिया था. आरोपियों ने उस भूमि को अवैध रूप से दीप्ति रावत (पत्नी हरक सिंह रावत) और लक्ष्मी सिंह को को बेच दिया था. देहरादून की इसी जमीन पर दून इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस निर्मित है. विजिलेंस द्वारा दर्ज एफआईआर के आधार पर ईडी ने भी जांच शुरू कर दी है.

हरक पर सरकारी खजाने को चूना लगाने का आरोप: बृज बिहारी शर्मा, किशन चंद व अन्य के विरुद्ध वन संरक्षण अधिनियम, वन्य जीवन (संरक्षण) अधिनियम और पीसी अधिनियम, 1988 की विभिन्न धाराएं लगी हैं. ईडी की जांच में पता चला कि तत्कालीन डीएफओ आरोपी किशन चंद और तत्कालीन वन रेंजर बृज बिहारी शर्मा सहित अन्य नौकरशाह इस आपराधिक साजिश में शामिल थे. इन सभी ने तत्कालीन वन मंत्री व राजनेता हरक सिंह रावत के साथ मिलकर उत्तराखंड सरकार के नियमों का उल्लंघन करते हुए अधिकृत वित्तीय शक्तियों की अपेक्षा अधिक राशि की निविदा प्रकाशित करवाई.

ईडी के अनुसार, उन्होंने फर्जी दस्तावेज भी बनाए और टाइगर कंजर्वेशन फाउंडेशन और कैंपा शीर्ष के तहत पर सरकारी खजाने का दुरुपयोग किया. उत्तराखंड सरकार को करोड़ों का नुकसान पहुंचाया और 6000 से अधिक पेड़ों को अवैध रूप से काटा गया जबकि 163 पेड़ों को काटने की अनुमति थी. ईडी ने बताया कि अभी आगे की जांच जारी है.

आईएफएस सुशांत पटनायक के घर भी पड़ा छापा: दिलचस्प बात ये है कि ईडी के लेटर में आईएफएस अधिकारी सुशांत पटनायक का जिक्र नहीं है. सुशांत पटनायक के घर पर भी उसी दिन ईडी ने छापा मारा था. ऐसी चर्चा थी कि सुशांत पटनायक के घर से बड़ी मात्रा कैश बरामद हुआ. तस्वीरों में सुशांत पटनायक के घर नोट गिनने की मशीनें ले जाती दिखी थीं.

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Last Updated : Feb 9, 2024, 5:50 PM IST

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