ETV Bharat / bharat

अमेरिका, चीन, दुबई के प्रवासियों ने उत्तराखंड के गांवों को लिया गोद, अब होगा चौतरफा विकास, सरकार ने की थी पहल - VILLAGE ADOPTION SCHEME UTTARAKHAND

धामी सरकार ने प्रदेश के गांवों को गोद लिए जाने की अपील की थी, इस अपील पर प्रवासियों ने कई गांवों को गोद लिया है.

VILLAGE ADOPTION SCHEME UTTARAKHAND
प्रवासियों ने गोद लिए प्रदेश के दर्जन भर से ज्यादा गांव (SOURCE: ETV BHARAT)
author img

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Jan 7, 2025, 7:35 AM IST

Updated : 20 hours ago

देहरादून (किरनकांत शर्मा): धामी सरकार 12 फरवरी को उत्तराखंड प्रवासी सम्मेलन आयोजित करने आ रही है. इससे पहले सरकार की अपील पर कुछ प्रवासियों ने प्रदेश के कई गांवों को गोद लिया है. सीएम धामी ने सभी प्रवासियों से इसके लिए अपील भी की थी. अब मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने सभी जिलाधिकारियों को इस सम्बन्ध में प्रवासियों से सम्पर्क, समन्यव तथा योजनाओं को प्रभावी रूप से धरातल पर लाने के लिए हर जिले में एक-एक नोडल अधिकारी नामित करने के निर्देश दिए हैं.

मुख्य सचिव ने दिए निर्देश: सीएस ने निर्देश दिए हैं कि इस कार्य में प्रशासन द्वारा पूरी उदारता एवं सहयोगपूर्ण शैली से कार्य किया जाए. प्रवासियों द्वारा राज्य के गांवों के विकास में भागीदारी हेतु किए जा रहे आवेदनों को सकारात्मकता से लेने की हिदायत देते हुए मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने इसे जिलाधिकारियों एवं जिला प्रशासन की व्यक्तिगत जिम्मेदारी बताया है. उन्होंने जिला प्रशासन एवं संबंधित विभागों को प्रवासियों को इस कार्य में तकनीकी मार्गदर्शन एवं अन्य अपेक्षित सहायता समय-समय पर उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं. सरकार चाहती है कि इस बहाने उत्तराखंड से बाहर गए लोगों का जुड़ाव पहाड़ और पहाड़ के गांव से जुड़ा रहे और लोग यहां आते रहे. शासन से मिली जानकारी के मुताबिक जो प्रवासी उत्तराखंड में गांव गोद लेंगे वो शिक्षा स्वास्थ्य और पलायन जैसी समस्या को दूर करने के लिए काम करेंगे.

VILLAGE ADOPTION SCHEME UTTARAKHAND
विदेश में रह रहे इन प्रवासियों ने गोद लिए गांव (ETV Bharat Graphics)

यूनाइटेड किंगडम से नीतू अधिकारी: यूनाइटेड किंगडम में रहने वाली नीतू अधिकारी यहां पर्यटन व्यवसाय से जुड़ी हैं. वह नैनीताल का एक्वा तोक जंगलिया गांव गोद ले रही हैं. वे राज्य में विदेशी पर्यटन को बढ़ावा देना चाहती हैं तथा उक्त गांव में कीवी की खेती एवं योग केन्द्र स्थापित करेंगी. इसके साथ ही वे सभावाला देहरादून में कौशल विकास पर कार्य करेंगी.

अमेरिका से शैलेश उप्रेती: अमेरिका में निवासरत शैलेश उप्रेती अल्मोड़ा के मानन गांव को गोद ले रहे हैं. शैलेश उप्रेती आईआईटी दिल्ली से पीएचडी स्कोलर हैं. वे अमेरिका की एनर्जी फ्रटियर रिसर्च सेन्टर के सदस्य हैं. वे सी4वी के अध्यक्ष भी हैं. वे एम्पीरियम 3 के चेयरमैन होने के साथ ही प्रो. स्टेन विटिंगन के ग्रुप मेम्बर भी हैं. वे अल्मोड़ा में एक माॅडल एनर्जी स्टोरेज सेन्टर विकसित करना चाहते हैं. वे यहां पर अपना इंडिया काॅरपरेट ऑफिस भी खोलना चाहते हैं.

चीन से देव रतूड़ी: चीन में रहने वाले देव रतूड़ी जो कि एक प्रतिष्ठित उद्यमी, समाजसेवी एवं अभिनेता हैं, उन्होंने टिहरी के सुनार गांव एवं केमरिया गांवों को गोद लिया है. उनके द्वारा इसके लिए जिला प्रशासन को फंड भी उपलब्ध करा दिए गए हैं. उन्होंने उक्त गांवों में सामुदायिक सुविधाओं के विकास, सोलर लाइट, गांवों के युवाओं को चीन में रोजगार दिलवाने में सहायता, शिक्षा में रुचि व्यक्त की गई हैं. जिलाधिकारी टिहरी द्वारा बताया गया कि उक्त गांवों में उनके द्वारा प्रदान किए गए फंड से बहुत से कार्य सम्पन्न हो चुके हैं.

VILLAGE ADOPTION SCHEME UTTARAKHAND
देश के शहरों में रह रहे इन लोगों ने गोद लिए गांव (ETV Bharat Graphics)

यूनाइटेड अरब अमीरात से विनोद जेथूरी: दुबई के निवासी विनोद जेथूरी प्रतिष्ठित शिक्षाविद तथा समाजसेवी हैं, अपने एनजीओ समून के माध्यम से वे उत्तराखंड के ग्रामीण क्षेत्रों के सामाजिक आर्थिक विकास के लिए कार्य कर रहे हैं. वे उत्तरकाशी में ओसला गांव गोद ले रहे हैं, जहां पर वे कौशल विकास पर कार्य करेंगे.

दिल्ली से बी पी अंथवाल: दिल्ली के रहने वाले प्रतिष्ठित वकील जो 2008 से अपने टिहरी स्थित अपने गांव में तेजपात, रोज, लेमनग्रास एवं मसालों की कृषि कार्यों में लगे हैं. ये टिहरी के मंजेरी तथा मुयाल गांवों को गोद ले रहे हैं. वे इन गांवों में किसानों को उच्च मूल्य की फसलों की खेती हेतु प्रेरित करना चाहते हैं.

लखनऊ से एम पी भट्ट: लखनऊ में के रहने वाले एमपी भट्ट एक कृषि उद्यमी हैं जिन्हें टिश्यू कल्चर में विशेषज्ञता हासिल हैं. उन्हें उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा कृषि में उत्कृष्ट कार्य हेतु कई पुरस्कार मिल चुके हैं. वे टिहरी में झौन एवं भदरसू गांव गोद ले रहे हैं. वह स्थानीय समुदायों के साथ मिलकर अदरक, हल्दी तथा लेमन के खेती को बढ़ावा देना चाहते हैं.

दुबई से गिरीश पंत: दुबई निवासी पिथौरागढ़ मूल के गिरीश पंत को भारत सरकार ने साल 2019 के प्रतिष्ठित प्रवासी भारतीय सम्मान से पुरस्कृत किया है. उन्हें यूक्रेन युद्ध तथा कोविड के दौरान उत्कृष्ट सेवा कार्यों के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर जाना जाता है. वे पिथौरागढ़ में बजेट, बरशायत व बेरीनाग गांव गोद ले रहे हैं. वे यहां पर शिक्षा, कंप्यूटर शिक्षा व स्थानीय उत्पादों के प्रोत्साहन के लिए कार्य करेंगे.

Migrants adopt Uttarakhand villages
उत्तराखंड के गांवों का होगा विकास (Source: ETV BHARAT)

थाईलैंड से डॉ. ए के काला: बैंकॉक के बराउटेन ग्रुप के अध्यक्ष एवं सीईओ डा ए के काला पौड़ी का फण्दाई गांव गोद ले रहे हैं. वे यहां शिक्षा एवं स्थानीय उत्पादों के लिए कार्य करेंगे.

मुंबई से हिमानी शिवपुरी: प्रतिष्ठित अभिनेत्री हिमानी शिवपुरी भटवाड़ी गांव को गोद ले रही हैं. वे यहां पर पर्यावरण संरक्षण, आजीविका उत्पादन तथा संस्कृति के लिए कार्य करेंगी.

अहमदाबाद से डॉ. वीरेन्द्र रावत: अहमदाबाद से डॉ. वीरेन्द्र रावत ग्रीन मेन्टर्स के फाउंडर तथा डायरेक्टर हैं. उनकी संस्था सस्टेनेबल फार्मिंग में ग्लोबल लीडर है, जो शिक्षा तथा नीतिगत सुधारों से जुड़ी है. उन्होंने संयुक्त राष्ट्र के साथ भी कार्य किया है. डॉ. वीरेंद्र रावत प्रतापनगर में हेरवाल गांव गोद ले रहे हैं. वे इस गांव को ग्रीन विलेज के रूप में विकसित करना चाहते हैं.

बेंगलुरु से प्रदीप सती: बेंगलुरु में रहने वाले प्रदीप सती मार्केटिंग प्रोफेशनल हैं जो आईबीएम, एचपी, लेनोवो जैसी प्रतिष्ठित कम्पनियों के साथ लम्बे समय तक कार्य कर चुके हैं, वे भिकियासैंण में हानड गांव गोद ले रहे हैं, जहां पर वो ईको टूरिज्म तथा संतरे व सेब की व्यवसायिक खेती को बढ़ावा देंगे.

बता दें उत्तराखंड सरकार ने लोगों से गांवों को गोद लेने की अपील की थी, वहीं सरकार की प्रवासी सेल योजना भी रंग ला रही है. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी कि इस पहल का प्रवासी उत्तराखंडी पुरजोर तरीके से स्वागत कर रहे हैं. क्योंकि, उन्हें सरकार की इस मुहिम के जरिए अपनी जड़ों से जोड़ने का मौका मिल रहा है. सरकार की इस नीति से प्रभावित हर प्रवासी उत्तराखंडी एक गांव गोद लेगा, गांव गोद लेने वाले इन सभी व्यक्तियों को सरकार ने धन्यवाद किया है.

ये भी पढ़ें- प्रवासी उत्तराखंडी करेंगे गांवों की कायापलट! इंग्लैंड से महेंद्र नेगी ने शुरू की ये खास मुहिम

ये भी पढ़ें- मॉडल गांव के रूप में विकसित किए जाएंगे टिहरी के दो गांव, चीन अभिनेता देव रतूड़ी लेंगे गोद

देहरादून (किरनकांत शर्मा): धामी सरकार 12 फरवरी को उत्तराखंड प्रवासी सम्मेलन आयोजित करने आ रही है. इससे पहले सरकार की अपील पर कुछ प्रवासियों ने प्रदेश के कई गांवों को गोद लिया है. सीएम धामी ने सभी प्रवासियों से इसके लिए अपील भी की थी. अब मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने सभी जिलाधिकारियों को इस सम्बन्ध में प्रवासियों से सम्पर्क, समन्यव तथा योजनाओं को प्रभावी रूप से धरातल पर लाने के लिए हर जिले में एक-एक नोडल अधिकारी नामित करने के निर्देश दिए हैं.

मुख्य सचिव ने दिए निर्देश: सीएस ने निर्देश दिए हैं कि इस कार्य में प्रशासन द्वारा पूरी उदारता एवं सहयोगपूर्ण शैली से कार्य किया जाए. प्रवासियों द्वारा राज्य के गांवों के विकास में भागीदारी हेतु किए जा रहे आवेदनों को सकारात्मकता से लेने की हिदायत देते हुए मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने इसे जिलाधिकारियों एवं जिला प्रशासन की व्यक्तिगत जिम्मेदारी बताया है. उन्होंने जिला प्रशासन एवं संबंधित विभागों को प्रवासियों को इस कार्य में तकनीकी मार्गदर्शन एवं अन्य अपेक्षित सहायता समय-समय पर उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं. सरकार चाहती है कि इस बहाने उत्तराखंड से बाहर गए लोगों का जुड़ाव पहाड़ और पहाड़ के गांव से जुड़ा रहे और लोग यहां आते रहे. शासन से मिली जानकारी के मुताबिक जो प्रवासी उत्तराखंड में गांव गोद लेंगे वो शिक्षा स्वास्थ्य और पलायन जैसी समस्या को दूर करने के लिए काम करेंगे.

VILLAGE ADOPTION SCHEME UTTARAKHAND
विदेश में रह रहे इन प्रवासियों ने गोद लिए गांव (ETV Bharat Graphics)

यूनाइटेड किंगडम से नीतू अधिकारी: यूनाइटेड किंगडम में रहने वाली नीतू अधिकारी यहां पर्यटन व्यवसाय से जुड़ी हैं. वह नैनीताल का एक्वा तोक जंगलिया गांव गोद ले रही हैं. वे राज्य में विदेशी पर्यटन को बढ़ावा देना चाहती हैं तथा उक्त गांव में कीवी की खेती एवं योग केन्द्र स्थापित करेंगी. इसके साथ ही वे सभावाला देहरादून में कौशल विकास पर कार्य करेंगी.

अमेरिका से शैलेश उप्रेती: अमेरिका में निवासरत शैलेश उप्रेती अल्मोड़ा के मानन गांव को गोद ले रहे हैं. शैलेश उप्रेती आईआईटी दिल्ली से पीएचडी स्कोलर हैं. वे अमेरिका की एनर्जी फ्रटियर रिसर्च सेन्टर के सदस्य हैं. वे सी4वी के अध्यक्ष भी हैं. वे एम्पीरियम 3 के चेयरमैन होने के साथ ही प्रो. स्टेन विटिंगन के ग्रुप मेम्बर भी हैं. वे अल्मोड़ा में एक माॅडल एनर्जी स्टोरेज सेन्टर विकसित करना चाहते हैं. वे यहां पर अपना इंडिया काॅरपरेट ऑफिस भी खोलना चाहते हैं.

चीन से देव रतूड़ी: चीन में रहने वाले देव रतूड़ी जो कि एक प्रतिष्ठित उद्यमी, समाजसेवी एवं अभिनेता हैं, उन्होंने टिहरी के सुनार गांव एवं केमरिया गांवों को गोद लिया है. उनके द्वारा इसके लिए जिला प्रशासन को फंड भी उपलब्ध करा दिए गए हैं. उन्होंने उक्त गांवों में सामुदायिक सुविधाओं के विकास, सोलर लाइट, गांवों के युवाओं को चीन में रोजगार दिलवाने में सहायता, शिक्षा में रुचि व्यक्त की गई हैं. जिलाधिकारी टिहरी द्वारा बताया गया कि उक्त गांवों में उनके द्वारा प्रदान किए गए फंड से बहुत से कार्य सम्पन्न हो चुके हैं.

VILLAGE ADOPTION SCHEME UTTARAKHAND
देश के शहरों में रह रहे इन लोगों ने गोद लिए गांव (ETV Bharat Graphics)

यूनाइटेड अरब अमीरात से विनोद जेथूरी: दुबई के निवासी विनोद जेथूरी प्रतिष्ठित शिक्षाविद तथा समाजसेवी हैं, अपने एनजीओ समून के माध्यम से वे उत्तराखंड के ग्रामीण क्षेत्रों के सामाजिक आर्थिक विकास के लिए कार्य कर रहे हैं. वे उत्तरकाशी में ओसला गांव गोद ले रहे हैं, जहां पर वे कौशल विकास पर कार्य करेंगे.

दिल्ली से बी पी अंथवाल: दिल्ली के रहने वाले प्रतिष्ठित वकील जो 2008 से अपने टिहरी स्थित अपने गांव में तेजपात, रोज, लेमनग्रास एवं मसालों की कृषि कार्यों में लगे हैं. ये टिहरी के मंजेरी तथा मुयाल गांवों को गोद ले रहे हैं. वे इन गांवों में किसानों को उच्च मूल्य की फसलों की खेती हेतु प्रेरित करना चाहते हैं.

लखनऊ से एम पी भट्ट: लखनऊ में के रहने वाले एमपी भट्ट एक कृषि उद्यमी हैं जिन्हें टिश्यू कल्चर में विशेषज्ञता हासिल हैं. उन्हें उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा कृषि में उत्कृष्ट कार्य हेतु कई पुरस्कार मिल चुके हैं. वे टिहरी में झौन एवं भदरसू गांव गोद ले रहे हैं. वह स्थानीय समुदायों के साथ मिलकर अदरक, हल्दी तथा लेमन के खेती को बढ़ावा देना चाहते हैं.

दुबई से गिरीश पंत: दुबई निवासी पिथौरागढ़ मूल के गिरीश पंत को भारत सरकार ने साल 2019 के प्रतिष्ठित प्रवासी भारतीय सम्मान से पुरस्कृत किया है. उन्हें यूक्रेन युद्ध तथा कोविड के दौरान उत्कृष्ट सेवा कार्यों के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर जाना जाता है. वे पिथौरागढ़ में बजेट, बरशायत व बेरीनाग गांव गोद ले रहे हैं. वे यहां पर शिक्षा, कंप्यूटर शिक्षा व स्थानीय उत्पादों के प्रोत्साहन के लिए कार्य करेंगे.

Migrants adopt Uttarakhand villages
उत्तराखंड के गांवों का होगा विकास (Source: ETV BHARAT)

थाईलैंड से डॉ. ए के काला: बैंकॉक के बराउटेन ग्रुप के अध्यक्ष एवं सीईओ डा ए के काला पौड़ी का फण्दाई गांव गोद ले रहे हैं. वे यहां शिक्षा एवं स्थानीय उत्पादों के लिए कार्य करेंगे.

मुंबई से हिमानी शिवपुरी: प्रतिष्ठित अभिनेत्री हिमानी शिवपुरी भटवाड़ी गांव को गोद ले रही हैं. वे यहां पर पर्यावरण संरक्षण, आजीविका उत्पादन तथा संस्कृति के लिए कार्य करेंगी.

अहमदाबाद से डॉ. वीरेन्द्र रावत: अहमदाबाद से डॉ. वीरेन्द्र रावत ग्रीन मेन्टर्स के फाउंडर तथा डायरेक्टर हैं. उनकी संस्था सस्टेनेबल फार्मिंग में ग्लोबल लीडर है, जो शिक्षा तथा नीतिगत सुधारों से जुड़ी है. उन्होंने संयुक्त राष्ट्र के साथ भी कार्य किया है. डॉ. वीरेंद्र रावत प्रतापनगर में हेरवाल गांव गोद ले रहे हैं. वे इस गांव को ग्रीन विलेज के रूप में विकसित करना चाहते हैं.

बेंगलुरु से प्रदीप सती: बेंगलुरु में रहने वाले प्रदीप सती मार्केटिंग प्रोफेशनल हैं जो आईबीएम, एचपी, लेनोवो जैसी प्रतिष्ठित कम्पनियों के साथ लम्बे समय तक कार्य कर चुके हैं, वे भिकियासैंण में हानड गांव गोद ले रहे हैं, जहां पर वो ईको टूरिज्म तथा संतरे व सेब की व्यवसायिक खेती को बढ़ावा देंगे.

बता दें उत्तराखंड सरकार ने लोगों से गांवों को गोद लेने की अपील की थी, वहीं सरकार की प्रवासी सेल योजना भी रंग ला रही है. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी कि इस पहल का प्रवासी उत्तराखंडी पुरजोर तरीके से स्वागत कर रहे हैं. क्योंकि, उन्हें सरकार की इस मुहिम के जरिए अपनी जड़ों से जोड़ने का मौका मिल रहा है. सरकार की इस नीति से प्रभावित हर प्रवासी उत्तराखंडी एक गांव गोद लेगा, गांव गोद लेने वाले इन सभी व्यक्तियों को सरकार ने धन्यवाद किया है.

ये भी पढ़ें- प्रवासी उत्तराखंडी करेंगे गांवों की कायापलट! इंग्लैंड से महेंद्र नेगी ने शुरू की ये खास मुहिम

ये भी पढ़ें- मॉडल गांव के रूप में विकसित किए जाएंगे टिहरी के दो गांव, चीन अभिनेता देव रतूड़ी लेंगे गोद

Last Updated : 20 hours ago
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.