नई दिल्ली: अमेरिकी सी-17 सैन्य विमान से अमृतसर पहुंचे भारतीय प्रवासियों ने चौंकाने वाली जानकारी साझा करते हुए बताया कि वे कैसे 'डंकी रूट्स' से अमेरिका में दाखिल हुए. पंजाब आए 104 निर्वासित भारतीय नागरिकों में से एक ने दावा किया कि उसे पहले इटली और फिर लैटिन अमेरिका ले जाया गया.
उन्होंने न्यूज एजेंसी पीटीआई को बताया, "रास्ते में हमारे 30 से 35 हजार रुपये के कपड़े चोरी हो गए." निर्वासित व्यक्ति ने कहा कि उन्हें अमेरिका पहुंचने के लिए 15 घंटे लंबी नाव की सवारी करनी पड़ी और उन्हें 40-45 किलोमीटर पैदल चलना पड़ा.
'हमने 17-18 पहाड़ियां पार कीं'
उन्होंने कहा, "हमने 17-18 पहाड़ियां पार कीं. अगर कोई फिसल जाता तो उसके बचने की कोई संभावना नहीं थी... हमने बहुत कुछ देखा है. अगर कोई घायल हो जाता तो उसे मरने के लिए छोड़ दिया जाता. हमने लाशें देखीं."
इतनी ही नहीं जसपाल सिंह नामक एक अन्य निर्वासित भारतीय ने दावा किया कि उसे एक ट्रैवल एजेंट ने ठगा है, जिसने उसके अनुसार उसे वैध तरीके से अमेरिका ले जाने का वादा किया था.सिंह ने पीटीआई से कहा, "मैंने एजेंट से प्रोपर वीजा के माध्यम से मुझे भेजने के लिए कहा था, लेकिन उसने मुझे धोखा दिया." उन्होंने कहा कि सौदा 30 लाख रुपये में हुआ था.
हवाई मार्ग से ब्राजील पहुंचा
सिंह ने दावा किया कि वह पिछले साल जुलाई में हवाई मार्ग से ब्राजील पहुंचा था. उसने कहा कि उसे वादा किया गया था कि अमेरिका की यात्रा का अगला चरण भी हवाई मार्ग से होगा. हालांकि, उसके एजेंट ने उसे धोखा दिया और उसे अवैध रूप से सीमा पार करने के लिए मजबूर किया. ब्राजील में छह महीने रहने के बाद वह सीमा पार करके अमेरिका चला गया, लेकिन अमेरिकी सीमा गश्ती दल ने उसे गिरफ्तार कर लिया.
भारत लौटने के बाद पंजाब पुलिस और विभिन्न राज्य और केंद्रीय खुफिया एजेंसियों सहित विभिन्न सरकारी एजेंसियों द्वारा हवाई अड्डे के टर्मिनल भवन के अंदर निर्वासित लोगों से पूछताछ की गई, ताकि यह पता लगाया जा सके कि उनका कोई आपराधिक रिकॉर्ड तो नहीं है.
बता दें कि अमेरिका का एक सी-17 सैन्य विमान बुधवार को विभिन्न राज्यों से 104 अवैध अप्रवासियों को लेकर अमृतसर पहुंचा. इनमें से 33-33 हरियाणा और गुजरात से, 30 पंजाब से, तीन-तीन महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश से और दो चंडीगढ़ से थे.
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