बलौदाबाजार :बलौदाबाजार पुलिस ने सीरियल किलर को गिरफ्तार किया है.आरोपी को पकड़ने के लिए पुलिस को साइन लैंग्वेज एक्सपर्ट का सहारा लेना पड़ा.इसके बाद कहीं जाकर उसे सफलता मिली. आरोपी ने जो कुछ भी पुलिस को बताया उसे जानने के बाद हर कोई हैरान था. आरोपी ने भालुकोना में दो हत्याओं को अंजाम दिया था. पहली हत्या करने के बाद जब आरोपी पकड़ा नहीं गया तो उसने दूसरी हत्या को अंजाम दिया.लेकिन पुलिस ने इन दोनों ही केस को मेहनत के बाद सॉल्व कर लिया.
गूंगा साइको सीरियल किलर, बेरहमी से देता था मौत - Dumb psycho serial killer
DUMB PSYCHO SERIAL KILLER छत्तीसगढ़ में पुलिस ने सीरियल किलर का पर्दाफाश किया है.ये आरोपी इतना शातिर था कि इसे पकड़ने के लिए पुलिस के पसीने छूट गए.फिर भी पुलिस ने आरोपी को धर दबोचा.लेकिन जो सच्चाई सामने आई उससे पुलिस भी हैरान रह गई.
By ETV Bharat Chhattisgarh Team
Published : Sep 9, 2024, 9:25 PM IST
4 साल बाद हुई गिरफ्तारी :छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार भाटापारा जिले के लवन थाना क्षेत्र के भालुकोना गांव में महिलाओं की हत्या करने वाले सीरियल किलर को पुलिस ने 4 साल बाद गिरफ्तार किया है. आरोपी गूंगा है और उसे साइन लैंग्वेज एक्सपर्ट की मदद से दबोचा गया. आरोपी ने 4 साल पहले दो बुजुर्ग महिलाओं की बेरहमी से हत्या की थी.
2020 में हुई पहली हत्या :29 मई 2020 को रामायण पटेल ने लवन थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई कि उसकी भतीजी अनुपम बाई का शव महानदी किनारे पेड़ पर लटका था. घटनास्थल पर पहुंची पुलिस ने देखा कि महिला के कपड़े बिखरे हुए थे और सिर पर गंभीर चोट था. मृतिका का शरीर खून से लथपथ था. पास में खून लगी सूखी लकड़ी भी पड़ी हुई थी, जिससे शक हुआ कि महिला की हत्या कर शव को पेड़ पर लटका दिया गया. पुलिस ने जांच शुरू की और सबूतों को इकट्ठा किया।
3 साल बाद दूसरा कत्ल :दूसरी घटना 13 मार्च 2023 की है, जब किशन यादव ने लवन थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई कि गांव के पनखट्टी तालाब के पास मंदिर के निकट गौरी बाई यादव का शव पड़ा है. पुलिस ने जब जांच की तो पाया कि महिला के सिर और चेहरे पर गंभीर चोट था. शव खून से लथपथ था. घटनास्थल पर घसीटने के निशान मिले, पास में खून लगा हंसिया और लकड़ी का टुकड़ा भी बरामद किया.
दोनों ही घटनाओं का पैटर्न एक :पुलिस ने जब जांच शुरु की तो पाया कि गौरी बाई और अनुपम बाई की हत्या का पैटर्न एक ही था.दोनों ही मामलों में एक चीज सामान्य ये थी कि दोनों ही हत्याएं एक ही गांव में हुई.इसलिए पुलिस ने गांव से ही तफ्तीश करनी शुरु की. पूरे घटनाक्रम और साक्ष्यों के आधार पर हत्याकांड में गांव के ही एक संदेही तेजराम उर्फ कोंदा का नाम सामने आया. उक्त संदेही को हिरासत में लेकर "साइन लैंग्वेज विशेषज्ञों" की मदद से उससे मनोवैज्ञानिक रूप से विस्तृत पूछताछ की गई. जिसमें आरोपी ने दोनों महिलाओं की हत्या करना स्वीकार किया.पुलिस को कोंदा ने ना सिर्फ हत्या के बारे में बताया बल्कि जिस हथियार से उसने हत्या की थी,उसे भी बरामद करवाया. 6 सितंबर को पुलिस ने आरोपी को कोर्ट में पेश कर जेल दाखिल करवाया.