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चिरमिरी का दशरथ मांझी: पानी के लिए 14 साल की उम्र में उठाया कुदाल और फावड़ा, 27 साल की मेहनत से बनाया तालाब - CHIRMIRI DASHRATH MANJHI

पानी की कमी से परेशान एक बच्चे ने 1990 में तालाब बनाने कुदाल और फावड़ा उठा लिया और अब उसकी मेहनत रंग लाई है.

Chirmiri Dashrath Manjhi
चिरमिरी का दशरथ मांझी (ETV Bharat GFX)
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : 18 hours ago

मनेंद्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर: साल 1990 की बात है. अविभाजित मध्यप्रदेश के कोरिया जिले के चिरमिरी के साजापहाड़ में पानी की लगातार समस्या रहती थी. बारिश के दिनों में तो पानी मिल जाता था, लेकिन बाकी दिनों में पानी के लिए गांव वालों को यहां वहां भटकना पड़ता था. सभी लोगों के साथ गांव में रहने वाला एक 14 साल का लड़का भी पानी के लिए लोगों को भटकता देख परेशान रहता था. जिसके बाद उस लड़के ने गांव में तालाब बनाने की ठानी. उसने फावड़ा और कुदाल उठा लिया.

27 साल से जारी है तालाब खोदने का काम: 14 साल के उस लड़के का नाम श्यामलाल राजवाड़े है. आज श्यामलाल की उम्र लगभग 42 साल है. यानी लगभग 27 साल दिन रात मेहनत कर उन्होंने अपने गांव में तालाब बनाया. इस काम को करते हुए श्यामलाल को अपने जीवन में लोगों से कई बातें सुनने को मिली. किसी ने पागल कहा तो किसी ने सिरफिरा कहा. कुछ लोगों ने ये भी कहा कि अपना जीवन बर्बाद कर रहा है. लेकिन श्यामलाल ने किसी की नहीं सुनी और तालाब खोदने का काम जारी रखा. उनकी मेहनत सफल हुई और आज तालाब से लोगों को पानी मिल रहा है.

चिरमिरी का दशरथ मांझी (ETV Bharat Chhattisgarh)

1990 से तालाब खोदना शुरू किया. गांव में पानी की तकलीफ थी. एक छोटा सा कुआं था, लेकिन उससे गुजारा नहीं होता था. उसके बाद लगा तालाब बनाने से पानी की समस्या दूर हो जाएगी. तालाब खोदने का काम शुरू कर दिया. आज लगभग 27 साल हो गए हैं-श्यामलाल राजवाड़े, चिरमिरी का मांझी

तालाब गहरीकरण में मिली मदद नाकाफी: तालाब बनने के बाद श्यामलाल राजवाड़े की पानी की समस्या काफी हद तक दूर हुई. लेकिन गर्मी के दिनों में तालाब का पानी सूख जाता है. जिससे श्यामलाल तालाब को और गहरा करने में लगे हुए हैं. पानी के लिए उनकी मेहनत को देखते हुए साल 2018 में प्रशासन की तरफ से उन्हें मदद भी मिली. तालाब का गहरीकरण किया गया, जिससे श्यामलाल के साथ दूसरे जरूरतमंद लोगों को भी पानी मिलने लगा.

Chirmiri Dashrath Manjhi
श्यामलाल राजवाड़े चिरमिरी का दशरथ मांझी (ETV Bharat Chhattisgarh)

गर्मी के दिनों में तालाब का पानी सूख जाता है. इस वजह से आज भी तालाब गहरा करने में लगा हुआ हूं. सरकार की तरफ से यदि तालाब को 30 से 40 फुट गहरा कर दिया जाए तो तालाब में 12 महीने पानी रहेगा: श्यामलाल राजवाड़े, चिरमिरी का मांझी

गांव वालों की बातों पर नहीं दिया ध्यान: श्यामलाल ने कहा कि गांव वालों ने उन्हें पागल साबित कर दिया. लोगों ने कहा कि यदि मजदूरी करते तो पैसे कमा लेते लेकिन तालाब खोदने में अपनी जिंदगी बर्बाद कर रहा है. लेकिन मैंने किसी की बातों पर ध्यान नहीं दिया और तालाब खोदने में लगा रहा.

पिता पर बेटी को नाज: श्यामलाल की बेटी तारा राजवाड़े बताती हैं कि उसके पिता साजापहाड़ में पानी की कमी को दूर करने के लिए दिनभर तालाब खोदने में लगे रहे. लगभग 27 साल से उसके पिता तालाब खोद रहे हैं. तालाब बन जाने से अब धान, साग सब्जी की खेती कर रहे हैं.

Chirmiri Dashrath Manjhi
श्यामलाल ने 30 साल में खोदा तालाब (ETV Bharat Chhattisgarh)

चिरमिरी नगर निगम के नेता प्रतिपक्ष संतोष सिंह ने बताया कि श्यामलाल को वे साजापहाड़ का दशरथ मांझी मानते हैं. श्यामलाल अपने तन मन धन से पानी की दिक्कत दूर करने तालाब का गहरीकरण कर रहा है. नेता प्रतिपक्ष का कहना कि ये चिरमिरी के क्षेत्र का सौभाग्य है कि उनके बीच दशरथ मांझी जैसा व्यक्ति रहता है.

पूर्व पार्षद और कांग्रेस नेता डमरू रेड्डी ने बताया कि अपने महापौर के कार्यकाल में उनकी मुलाकात श्यामलाल राजवाड़े से हुई. उनसे मिलकर वे काफी रोमांचित हुए. कांग्रेस नेता का कहना कि उनका सौभाग्य है कि अपने जीवनकाल में उन्होंने ऐसे व्यक्ति को देखा. वे कहते हैं कि ऐसे लोगों से मिलकर काफी प्रेरणा मिलती है. उस दौरान तत्कालीन कलेक्टर से मिलकर उन्हें मदद दिलाई. परिवार भले गरीब है, लेकिन उनकी पहल नेक और अनुकरणीय है.

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मनेंद्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर: साल 1990 की बात है. अविभाजित मध्यप्रदेश के कोरिया जिले के चिरमिरी के साजापहाड़ में पानी की लगातार समस्या रहती थी. बारिश के दिनों में तो पानी मिल जाता था, लेकिन बाकी दिनों में पानी के लिए गांव वालों को यहां वहां भटकना पड़ता था. सभी लोगों के साथ गांव में रहने वाला एक 14 साल का लड़का भी पानी के लिए लोगों को भटकता देख परेशान रहता था. जिसके बाद उस लड़के ने गांव में तालाब बनाने की ठानी. उसने फावड़ा और कुदाल उठा लिया.

27 साल से जारी है तालाब खोदने का काम: 14 साल के उस लड़के का नाम श्यामलाल राजवाड़े है. आज श्यामलाल की उम्र लगभग 42 साल है. यानी लगभग 27 साल दिन रात मेहनत कर उन्होंने अपने गांव में तालाब बनाया. इस काम को करते हुए श्यामलाल को अपने जीवन में लोगों से कई बातें सुनने को मिली. किसी ने पागल कहा तो किसी ने सिरफिरा कहा. कुछ लोगों ने ये भी कहा कि अपना जीवन बर्बाद कर रहा है. लेकिन श्यामलाल ने किसी की नहीं सुनी और तालाब खोदने का काम जारी रखा. उनकी मेहनत सफल हुई और आज तालाब से लोगों को पानी मिल रहा है.

चिरमिरी का दशरथ मांझी (ETV Bharat Chhattisgarh)

1990 से तालाब खोदना शुरू किया. गांव में पानी की तकलीफ थी. एक छोटा सा कुआं था, लेकिन उससे गुजारा नहीं होता था. उसके बाद लगा तालाब बनाने से पानी की समस्या दूर हो जाएगी. तालाब खोदने का काम शुरू कर दिया. आज लगभग 27 साल हो गए हैं-श्यामलाल राजवाड़े, चिरमिरी का मांझी

तालाब गहरीकरण में मिली मदद नाकाफी: तालाब बनने के बाद श्यामलाल राजवाड़े की पानी की समस्या काफी हद तक दूर हुई. लेकिन गर्मी के दिनों में तालाब का पानी सूख जाता है. जिससे श्यामलाल तालाब को और गहरा करने में लगे हुए हैं. पानी के लिए उनकी मेहनत को देखते हुए साल 2018 में प्रशासन की तरफ से उन्हें मदद भी मिली. तालाब का गहरीकरण किया गया, जिससे श्यामलाल के साथ दूसरे जरूरतमंद लोगों को भी पानी मिलने लगा.

Chirmiri Dashrath Manjhi
श्यामलाल राजवाड़े चिरमिरी का दशरथ मांझी (ETV Bharat Chhattisgarh)

गर्मी के दिनों में तालाब का पानी सूख जाता है. इस वजह से आज भी तालाब गहरा करने में लगा हुआ हूं. सरकार की तरफ से यदि तालाब को 30 से 40 फुट गहरा कर दिया जाए तो तालाब में 12 महीने पानी रहेगा: श्यामलाल राजवाड़े, चिरमिरी का मांझी

गांव वालों की बातों पर नहीं दिया ध्यान: श्यामलाल ने कहा कि गांव वालों ने उन्हें पागल साबित कर दिया. लोगों ने कहा कि यदि मजदूरी करते तो पैसे कमा लेते लेकिन तालाब खोदने में अपनी जिंदगी बर्बाद कर रहा है. लेकिन मैंने किसी की बातों पर ध्यान नहीं दिया और तालाब खोदने में लगा रहा.

पिता पर बेटी को नाज: श्यामलाल की बेटी तारा राजवाड़े बताती हैं कि उसके पिता साजापहाड़ में पानी की कमी को दूर करने के लिए दिनभर तालाब खोदने में लगे रहे. लगभग 27 साल से उसके पिता तालाब खोद रहे हैं. तालाब बन जाने से अब धान, साग सब्जी की खेती कर रहे हैं.

Chirmiri Dashrath Manjhi
श्यामलाल ने 30 साल में खोदा तालाब (ETV Bharat Chhattisgarh)

चिरमिरी नगर निगम के नेता प्रतिपक्ष संतोष सिंह ने बताया कि श्यामलाल को वे साजापहाड़ का दशरथ मांझी मानते हैं. श्यामलाल अपने तन मन धन से पानी की दिक्कत दूर करने तालाब का गहरीकरण कर रहा है. नेता प्रतिपक्ष का कहना कि ये चिरमिरी के क्षेत्र का सौभाग्य है कि उनके बीच दशरथ मांझी जैसा व्यक्ति रहता है.

पूर्व पार्षद और कांग्रेस नेता डमरू रेड्डी ने बताया कि अपने महापौर के कार्यकाल में उनकी मुलाकात श्यामलाल राजवाड़े से हुई. उनसे मिलकर वे काफी रोमांचित हुए. कांग्रेस नेता का कहना कि उनका सौभाग्य है कि अपने जीवनकाल में उन्होंने ऐसे व्यक्ति को देखा. वे कहते हैं कि ऐसे लोगों से मिलकर काफी प्रेरणा मिलती है. उस दौरान तत्कालीन कलेक्टर से मिलकर उन्हें मदद दिलाई. परिवार भले गरीब है, लेकिन उनकी पहल नेक और अनुकरणीय है.

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