नई दिल्ली:दिल्ली में चुनाव प्रचार खत्म हो गया है. इस बीच दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और आप सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल ने आम आदमी पार्टी की सीटों को लेकर बड़ा दावा किया है. उनके अनुमान के मुताबिक, आम आदमी पार्टी की 55 सीट आ रही हैं. साथ ही, उन्होंने यह भी कहा कि अगर महिलाएं जोर लगा दें, सभी वोट करने जाएं और अपने घर के पुरुषों को भी आम आदमी पार्टी को वोट देने के लिए समझाएं तो 60 से ज़्यादा भी सीटें आ सकती हैं.
कालकाजी विधानसभा क्षेत्र में रोड शो के दौरान आप के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने कहा, "हम 55 सीटें जीत रहे हैं, लेकिन अगर मेरी माताओं और बहनों ने साथ दिया तो हम 60 तक पहुंच सकते हैं. मैं अपनी माताओं और बहनों से अपील करता हूं कि वे अपने परिवार के पुरुषों को समझाएं कि भाजपा में कुछ नहीं है. यह अमीरों की पार्टी है. सिर्फ केजरीवाल ही काम आएंगे. यह चुनाव महिलाओं का है. अगर महिलाएं योगदान देंगी तो हम 60 से ज्यादा सीटें जीतेंगे.''
केजरीवाल ने यह भी कहा, "बीजेपी दावा कर रही थी कि आम आदमी पार्टी की तीन सीटें फंस गई हैं, जिनमें नई दिल्ली, जंगपुरा, कालकाजी सीट शामिल है. उन्होंने दावा किया आप इन सीटों पर ऐतिहासिक अंतर से जीत दर्ज करने जा रही है."
''मैं दिल्ली की जनता से कहना चाहता हूं कि मुझे सूत्रों से पता चला है कि वे (भाजपा) मशीनों के जरिए 10% वोटों में गड़बड़ी कर सकते हैं. इतनी बड़ी संख्या में वोट करें कि हर वोट झाड़ू (आप) को जाए. इसलिए अगर हमें 15% की बढ़त मिलती है, तो हम 5% से जीत जाएंगे. हमें हर जगह 10% से ज्यादा की बढ़त दिलाएं. मशीनों से निपटने का यही एक तरीका है कि आप बड़ी संख्या में वोट करें. हमने एहतियात के तौर पर एक वेबसाइट बनाई है. महाराष्ट्र और हरियाणा चुनावों से सबक लेते हुए हमने फैसला किया है कि 5 फरवरी की रात को हम हर पोलिंग बूथ की 6 डिटेल अपलोड करेंगे ताकि मशीनों से छेड़छाड़ न की जा सके. अगर मतगणना के दिन मशीनों से कोई गड़बड़ी होती है, तो आप नंबरों का मिलान कर सकते हैं."- अरविंद केजरीवाल
आप सरकार का ये तीसरा टर्म: 2013 से अभी तक दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार है. दिल्ली में AAP की सरकार का यह तीसरा टर्म है. पहली बार 2013 में अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में कांग्रेस के सहयोग से आम आदमी पार्टी ने सरकार का गठन किया था. लेकिन, वो सरकार ज्यादा समय तक चल नहीं पाई थी और केजरीवाल ने स्वयं ही कांग्रेस का साथ छोड़ दिया था. इसके बाद, 2015 में विधानसभा चुनाव कराए गए, जिसमें कांग्रेस का पूरी तरह से सफाया हो गया और आम आदमी पार्टी को भारी बहुमत हासिल हुई. 2020 के चुनाव में भी केजरीवाल के नेतृत्व में 'आप' यह करिश्मा दोहराने में कामयाब रही. हालांकि, केजरीवाल ने मुख्यमंत्री की कुर्सी से सितंबर 2024 को इस्तीफा दिया और सरकार की कमान आतिशी के हाथों में आ गई.
केजरीवाल के नाम पर चुनाव मैदान में आम आदमी पार्टी:आम आदमी पार्टी एक बार फिर केजरीवाल के नाम पर ही चुनाव मैदान में है. केजरीवाल ने कहा कि "दिल्ली में आम आदमी पार्टी की आंधी चल रही है और बीजेपी की सीटें लगातार कम हो रही हैं. केजरीवाल ने एक्स पर भी लिखा, "पूरी दिल्ली से खबर आ रही है. दिल्ली वाले बीजेपी की गुंडागर्दी से बहुत गुस्से में हैं. वो ऐसी दिल्ली नहीं चाहते. पूरी दिल्ली में लोग कह रहे हैं हम शरीफों की पार्टी को वोट देंगे, गुंडों को वोट नहीं देंगे. सर्वे वाली कुछ एजेंसीज का कहना है कि पिछले कुछ दिनों में बीजेपी के वोट इस वजह से और कम हुए है."
2013, 2015 और 2020 के नतीजे क्या कहते हैं?:एक बार नजर 2013, 2015 और 2020 के विधानसभा चुनाव के नतीजों पर डालते हैं. 2013 के दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी को 28, भाजपा को 31 और कांग्रेस को 8 सीटें हासिल हुई थी. लेकिन, आम आदमी पार्टी ने कांग्रेस के साथ हाथ मिला लिया था और सरकार का गठन किया था. इसके बाद 2015 के विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी ने 67 सीटों पर तो वहीं भाजपा ने 3 सीटों पर जीत दर्ज की और कांग्रेस का सूपड़ा साफ हो गया. इसके बाद, 2020 में भी आम आदमी पार्टी अपना प्रदर्शन दोहराने में कामयाब रही, उसे 62 सीटों पर जीत हासिल हुई. जबकि, आठ सीटें भाजपा के खाते में गई और फिर एक बार कांग्रेस का खाता नहीं खुल पाया था.
2013, 2015 और 2020 चुनाव में पार्टियों के वोट प्रतिशत:तीनों चुनाव में कांग्रेस, आम आदमी पार्टी और भाजपा के वोट प्रतिशत पर नजर डालें तो 2013 में कांग्रेस को 24.55 प्रतिशत, आप को 29.49 प्रतिशत तो वहीं भाजपा के हिस्से में 33.07 प्रतिशत वोट आए. जबकि, 2015 में आप ने 54.34 प्रतिशत, भाजपा ने 32.19 प्रतिशत और कांग्रेस ने 9.65 प्रतिशत वोट हासिल किया. 2020 के विधानसभा चुनाव में तो कांग्रेस की हालत और खराब हो गई. इस चुनाव में आप ने जहां 53.57 प्रतिशत, भाजपा ने 38.51 प्रतिशत वोट पाया. वहीं, कांग्रेस के खाते में वोट का हिस्सा 4.26 प्रतिशत रहा.